ट्रांसपोर्ट कारोबार को बड़ा झटका, पेट्रोल से आगे निकले डीजल के दाम

punjabkesari.in Thursday, Jun 25, 2020 - 12:55 PM (IST)

फरीदाबाद (पूजा शर्मा) : भारत के इतिहास में आजादी के बाद पहली बार डीजल के दाम अब पैट्रोल से अधिक हो गए हैं। ऐसे में ट्रांसपोर्ट उद्योग को इससे जहां एक ओर बढ़ा झटका लगा है वहीं डीजल वाहनों का प्रयोग करने वाले वाहन चालक भी सकते में हैं। डीजल के दाम बढऩे से डीजल वाहनों की बिक्री भी खासा प्रभावित हो रही है। वहीं ट्रक ऑपरेटरों का कहना है कि डीजल की बढ़ती कीमतों से उनका मुनाफा प्रभावित हो रहा है बल्कि नुक्सान भी उठाना पड़ रहा है। वहीं डीजल के बढ़ते दाम महंगाई से भी लोगों की कमर तोड़ेंगे। लगातार 18वें दिन डीजल की कीमत में बढ़ोतरी हुई। हालांकि, 17 दिन लगातार कीमत बढऩे के बाद आज पेट्रोल की कीमत में इज़ाफा नहीं हुआ। वहीं बुधवार को डीजल के दाम में बढ़ोतरी हुई और इस मूल्यवृद्धि ने इतिहास रच दिया क्योंकि डीजल अब पैट्रोल से भी रेट में आगे निकल गया है।

2014 से पहले यूपीए सरकार में डीजल पर सब्सिडी को बोझ काफी ज्यादा हो गया था। इसी कारण पिछले लंबे वक्त से पेट्रोल और डीजल की कीमत को एक समान करने की बात हो रही थी। मई के पहले ह ते में भारत सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर भारी एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई। पेट्रोल पर प्रति लीटर उत्पाद शुल्क 10 रुपए बढ़ाया गया, जबकि डीजल पर प्रति लीटर उत्पाद शुल्क 13 रुपए बढ़ाया गया।  यहां भी डीजल के महंगा होने की राह तैयार की गई। डीजल महंगा होने से किसानों की भी मुश्किलें बढ़ी हैं। मालभाड़ा महंगा होने से सब चीज महंगी हो जाएगा। माल ढुलाई बढऩे से सामान महंगा होगा।

ट्रक चालक हो रहे परेशान
मांग में कमी के कारण बड़ी सं ?या में ट्रक बिना किसी काम के खड़े हैं। ट्रकों के टायर और स्?पेयर पार्ट्स भी महंगे हो गए हैं। इसके अलावा भारी-भरकम टोल टैक्स और साफ सफाई की लागत के कारण ट्रक परिचालकों पर अतिरिक्?त बोझ पड़ रहा है। ऐसे में माल ढुलाई भाड़े में 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी की जा सकती है ताकि नुकसान की कुछ भरपाई हो सके। वहीं, सार्वजनिक परिवहन परिचालकों का कहना है कि ईंधन के दामों में वृद्धि से यात्री किराये में भी वृद्धि की जा सकती है। महंगी हो सकती है कई वस्तुएं माल ढुलाई बढऩे से फल और सब्जी जैसी जल्दी खराब होने वाली चीजों की कीमत में उछाल आना तय है।

वहीं, दैनिक उपयोग के सामान की कीमतों में भी इजाफा हो सकता है। डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण माल ढुलाई में इजाफे का असर एकसाथ दिखाई देगा। इससे एफएमसीजी कंपनियों पर दबाव बढ़ेगा और वे कीमतों में बढ़ोतरी को मजबूर होंगी। फल और सब्जियों की कीमतों में ढुलाई का हिस्सा दूसरी वस्तुओं के मुकाबले ज्यादा होता है। दरअसल, अलग-अलग किसानों के पास कम मात्रा में फल-सब्जी होती हैं। उन्हें अपने उत्पाद मंडी तक पहुंचाने में बड़ी कंपनियों के मुकाबले ज्यादा खर्च करना पड़ता है। फलों के मामले में हालात कुछ ज्यादा ही अलग हैं। फलों को अलग-अलग राज्यों से पहले दिल्ली लाया जाता है। ऐसे में माल ढुलाई बढऩे पर फलों की कीमतों में तेज वृद्धि हो सकती है। 

डीजल के वाहनों की मांग घटी
डीजल के वाहनों की बिक्री इसलिए अधिक होती थी क्योंकि माइलेज के साथ-साथ पैट्रोल के मुकाबले डीजल सस्ता साबित होता था परंतु अब ऐसा नहीं है। डीजल के रेट पैट्रोल से आगे निकलने पर अब लोगों का डीजल के वाहनों से रुझान कम होने लगा है जिससे डीजल के वाहनों की मांग घट गई है। आने वाले समय में डीजल के वाहनों पर संकट के बादल मंडराने के पूरे आसार हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

Manisha rana

Recommended News

Related News

static