प्रजातंत्र का चीरहरण करने का षड्यंत्र रच रही भाजपा : सुरजेवाला

punjabkesari.in Monday, Jul 27, 2020 - 08:57 AM (IST)

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा) : हरियाणा के पड़ोसी राज्य राजस्थान में पिछले कई दिनों से चल रही सियासी उठापटक के बीच जहां अभी तक तमाम दावों के बावजूद यह साफ तौर पर तय नहीं हो पाया है कि राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार बनी रहेगी या फिर सचिन पायलट व उनके समर्थक विधायकों की बगावत के बाद सरकार बहुमत हासिल करने में नाकाम रहेगी।वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी एवं राजस्थान प्रकरण को लेकर बतौर ए.आई.सी.सी. पर्यवेक्षक जयपुर पहुंचे रणदीप सिंह सुर्जेवाला बड़े आत्मविश्वास के साथ यह कहते हैं कि कांग्रेस के साथ विधायकों का पूर्ण बहुमत है और गहलोत सरकार को कोई खतरा नहीं मगर भाजपा मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान में भी सरकार को अस्थिर करने के लिए हर हथकंडा अपना रही है। सुर्जेवाला ने पंजाब केसरी से विशेष बातचीत में बताया कि भाजपा प्रजातंत्र का चीरहरण करने का षड्यंत्र रच रही है मगर वह इसमें सफल नहीं होगी। 

सवाल : मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान में हुए घटनाक्रम को आप किस नजरिए से देखते हैं?
जवाब :
भाजपा व देश की मोदी सरकार ने देश के प्रजातंत्र और संविधान पर हमला बोल रखा है। भाजपा साजिशन संविधान का रौंद कर प्रजातंत्र को बंधक बनाना चाहती है। भाजपा द्वारा जनमत का अपहरण आए दिन की खबर बन गया है। केवल मध्यप्रदेश व राजस्थान ही क्यों भाजपा व मोदी सरकार ने बार बार इस देश में चुनी हुई सरकारों को गैरकानूनी व असंवैधानिक तरीके से गिराया है। अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड़, मध्य प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र इसके उदाहरण हैं। मध्य प्रदेश में भाजपा चुनाव हारी और जनमत प्राप्त नहीं कर पाई। कांग्रेस विधायकों की खरीद फरोख्त कर कोरोना महामारी के बीच कांग्रेस की सरकार को गिराया गया। यहां तक की देश का भविष्य भी दांव पर लगा दिया गया। 24 मार्च 2020 की रात तक लॉकडाउन तब तक नहीं किया गया जब तक वहां कांग्रेस की सरकार नहीं गिरा दी थी। राजस्थान में भी वही नंगा नाच प्रजातंत्र की हत्या का खेला जा रहा है।

सवाल : क्या अभी भी आपको सचिन पायलट की कांग्रेस में वापसी की उम्मीद लगती है?
जवाब :
इस बारे कोई भी भविष्यवाणी करने की बजाए मेरी राय यही है कि व्यक्ति  का सम्मान परिवार के अंदर ही हो सकता है। जो व्यक्ति परिवार को नष्ट करने में लग जाए, वह व्यक्ति न खुद का भला कर सकता और न परिवार या सिद्धांतों का जिसके लिए हम निर्वाचित हुए हैं। व्यक्ति का ध्येय जीवन में केवल मात्र किसी हालत में और किसी तरह से सत्ता प्राप्ति नहीं हो सकता। राजनीतिक जीवन जन सेवा और लोगों की जिंदगी में बदलाव का माध्यम है न कि पद की लालसा। राजनीतिक पार्टी मां की तरह है। यदि ऐसा लगे कि मां ने संपूर्ण न्याय नहीं किया तो भी मां पर उंगली नहीं उठानी चाहिए। पायलट को पार्टी को मां की तरह मानते हुए उनका हर आदेश मानना चाहिए।

सवाल : सिंधिया व पायलट जैसे युवा नेताओं का कांग्रेस से मोह भंग होने के पीछे क्या कारण मानते हैं?
जवाब :
व्यक्तिगत महत्वकांक्षा कुछ हद तक सही हो सकती है। राजनीतिक जीवन में पद की इच्छा भी कुछ मायने में उचित हो सकती हैं। मगर जब व्यक्तिगत महत्वकांक्षा परिवार से बड़ी हो जाए या पार्टी को तोडऩे का कारण बन जाए तो वह एक नासूर बन जाती है। सचिन पायलट व ज्योतिरादित्य सिंधिया  को  कांग्रेस ने बार बार प्रोत्साहन दिया।  क्या भाजपा में एक भी ऐसा नेता है जिसे युवा उम्र में भाजपा ने इतना प्रोत्साहित किया हो? इसलिए महत्वकांक्षा पार्टी के हितों से उपर नहीं होनी चाहिए।

सवाल : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थकों पर विभिन्न एजैंसियों द्वारा की जा रही छापे मारी को किस दृष्टि से देखते हैं?
जवाब :
भाजपा और मोदी व शाह की जोड़ी जब हर मुकाम पर हार जाती है तब ई.डी., सी.बी.आई. जैसी इन एजैंसियों को निकालती है। ये छापेमारी अपने आप में इतनी अविवेकपूर्ण और बदले की आग से कांग्रेस की सरकार को गिराने की मंशा से ग्रस्त हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि वर्ष 2007 के मुकदमे में 2020 में पहली बार छापेमारी की गई। क्या इससे साफ नहीं है कि मोदी व शाह ये समझते हैं कि कांग्रेस को इससे डराया जा सकता है। 

सवाल : राज्यपाल द्वारा विशेष सत्र की अनुमति न देने के पीछे क्या कारण मानते हैं?
जवाब :
संविधान की धारा 174 के तहत विधानसभा का सत्र बुलाने का हक राज्य मंत्रिमंडल को है। राज्यपाल को इसमें कोई अधिकार नहीं है और राज्यपाल को मंत्रिमंडल की राय मानना अनिवार्य है। सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ ने तो यहां तक कहा है कि यदि कोई राज्यपाल मंत्रिमंडल की राय नहीं मानता तो उसे बर्खास्त कर देना चाहिए। इसलिए हमारा राज्यपाल से आग्रह है कि वो दिल्ली के दबाव में न आकर संविधान की रक्षा करें।

सवाल : जब आपको लगता है कि आपके पास विधायकों का पूर्ण बहुमत है तो फिर किस वजह से विधायकों को होटल में नजरबंद किया गया है?
जवाब :
पहले भाजपा ये बताएं कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर किस वजह से सचिन पायलट और अन्य बागी विधायकों की मेहमान नवाजी कर रहे हैं?  जिस प्रकार भाजपा खरीद फरोख्त के लिए विधायकों की मंडी लगा रहे हैं तो ऐसे में कांग्रेस के ये विधायक स्वेच्छा से एकजुट होकर कहीं बैठे हैं तो इसमें 
दिक्कत क्या है? 

सवाल : विधायकों की खरीद फरोख्त पर आप क्या कहेंगे?
जवाब :
दुर्भाग्य से प्रजातंत्र को मंडी बनाकर अब खरीदा जा रहा है। क्या विधायकों की खरीद फरोख्त आमजनता व राजस्थान की 8 करोड़ जनता का अपमान नहीं है? भाजपा द्वारा दिया जा रहा प्रलोभन क्या प्रजातंत्र की हत्या नहीं है। 

सवाल: सी. एम. गहलोत का पूर्व सी. एम. वसुंधरा राजे सिंधिया के प्रति नरम रुख पर चल रही चर्चाओं पर आपकी प्रतिक्रिया?
जवाब:
भाजपा का कुनबा लगता है कि अपने आप में ही बंट गया है। भाजपा ही भाजपा को निशाना बना रही है। ये इल्जाम वही लोग लगा रहे हैं जिनका न तो कोई जनाधार है और न ही भाजपा में उनकी पूछ।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

Manisha rana

Recommended News

Related News

static