मोदी सरकार को बीरेन्द्र सिंह ने दी नसीहत- किसान दरिया दिल है इसे तंग करके दबा नहीं सकते

punjabkesari.in Tuesday, Sep 07, 2021 - 07:09 PM (IST)

नई दिल्ली (कमल कांसल): पूर्व केन्द्रीय मंत्री बीरेन्द्र सिंह ने एक बार फिर किसान आंदोलन को लेकर मीडिया के सामने मुखर हुए हैं। उन्होंनेे किसान आंदोलन को हल्के में लेने वालों को कहा कि वे अपना मन बहला रहे हैं। उन्होंनेे कहा कि  दुनिया में किसान इतना दरियादिल होता है कि उससे जो कुछ भी मांगों वह पीछे नहीं हटता। सेनाओं में उनके बच्चे जाकर शहीद होता है तो वह दूसरा भी भेज देता है। 

बीरेन्द्र सिंह ने पाकिस्तान के सीजफायर की बात कहते हुए कहा कि जब भारत व पाकिस्तान हजारों किलोमीटर संवाद व कूटनीति के दम पर सीजफायर कर सकते हैं तो संवाद से अपने ही लोगों की समस्या हल क्यों नहीं हो सकती? उन्होंने कहा कि संवाद पुन: शुरू करने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास कर रहा हूं। संगठन की एक अहम बैठक में इस मुद्दे को उठाऊँगा। अब समय आ गया है कि बैठ कर बात करें।

बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन को हल्के में लेने वाले सिर्फ अपना मन बहला रहे हैं, किसान बिना किसी फैसले के उठ जाएगा, यह सोचना गलत है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन का शांति से चलना बड़ी उपलब्धि है। किसान वर्ग बड़े दिल का होता है, उसको खुश करके जो मांगों वो देता है, किसान जोर जबरदस्ती नहीं सहता। उन्होंने आगे कहा कि तीन कृषि कानून के बारे में किसान क्या सोचता है, उसका समाधान जरूरी है। किसान को अपनी जमीन खोने का अंदेशा है और जब तक ये शंका रहेगी आंदोलन का खत्म होना मुश्किल है।

कृषि कानूनों के लागू होने के बाद एसडीएम को झगड़ा निपटाने की मिलने वाली शक्ति पर बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि किसान के लिए बड़े व्यक्ति से अपना हक लेना मुश्किल इसलिए संशय होना जायज है। उन्होंने कहा कि खेती ने अपनी पैदावार से कोरोना काल में प्रोडक्शन व एक्सपोर्ट से अर्थव्यवस्था को संभाला। उन्होंने कहा कि खेती का मतलब सिर्फ हरियाणा पंजाब नहीं बल्कि छोटी से छोटी जमीन का मलिक भी किसान है। 


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Content Writer

Shivam

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