भाजपा नेता सत्ता के नशे में किसानों से किए चुनावी वादे भूलकर बैठे हैं: अभय चौटाला

punjabkesari.in Saturday, Jun 12, 2021 - 06:15 PM (IST)

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी): भाजपा के नेता जब विपक्ष में थे तब स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करवाने के लिए अर्ध नग्न होकर प्रदर्शन करते थे आज सत्ता के नशे में किसानों से किए चुनावी वादे भूलकर बैठे हैं। सत्ता पाने के लिए जब विपक्ष में थे तब भाजपा के लिए स्वामीनाथन रिपोर्ट (ए2+एफएल+सी2) का मतलब कुछ और था लेकिन सत्ता मिलने के बाद इनके लिए स्वामीनाथन रिपोर्ट (ए2+एफएल) की परिभाषा बदल गई है।

भाजपा सरकार का यह दावा झूठा है कि किसानों को खरीफ की फसल के लागत मूल्य पर 50 प्रतिशत मुनाफे के हिसाब से एमएसपी दिया जा रहा है क्योंकि इन्होंने सबसे महत्वपूर्ण बिंदू सी2 छोड़ दिया है। ए2 में (खाद, बीज और दवाईयां) आती हैं, एफएल में (खेत मजदूरी) आती है और सबसे महत्वपूर्ण बिंदू सी2 है जिसमें (ए2+एफएल+जमीन का ठेका, जमीन का विमूल्यन, ट्रैक्टर एवं कृषि यंत्रों की किश्त और उनका विमूल्यन इत्यादि) आता है मतलब (ए2+एफएल+सी2) पर 50 प्रतिशत मुनाफा देकर एमएसपी तय कर किसानों को देनी चाहिए यह बात पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने एक बयान जारी कर कही।

इनेलो नेता ने कहा कि पहले कांग्रेस ए2 पर फसलों की एमएसपी देकर किसानों को धोखा देती रही। अब भाजपा एमएसपी के नाम पर ए2 में एफएल जोड़ कर (ए2+एफएल) अपनी पीठ थपथपा रही है। भाजपा सरकार ने किसानों को धान पर 1940 रूपए एमएसपी देने की घोषणा की है जबकि असल में स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार 2800 रूपए एमएसपी होना चाहिए और बाजरा पर 2250 रूपए एमएसपी जबकि 2667 रूपए होना चाहिए वहीं कपास पर 5726 रूपए एमएसपी देने की घोषणा की है जबकि 7882 रूपए एमएसपी होना चाहिए।

गौर करने वाली बात यह है कि भाजपा-गठबंधन सरकार कह रही है कि 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी कर देंगे लेकिन खेती करने के लिए किसान जिस डीजल का इस्तेमाल करता है वो पिछले एक साल में 2500 रूपए प्रति 100 लीटर बढ़ा है लेकिन एमएसपी बढ़ाने का ढींडोरा पीटने वाली किसान विरोधी भाजपा सरकार ने फसल के दाम मात्र 70-100 रूपए प्रति 100 किलो बढ़ाए हैं।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Isha

Recommended News

Related News

static