कोरोना कहर के बीच अब ब्लैक फंगस की आहट, सावधानी बरतने की जरूरत
punjabkesari.in Saturday, May 15, 2021 - 02:26 AM (IST)
रेवाड़ी/महेंद्रगढ़ (योगेंद्र सिंह) : कोरोना की जंग अभी देश-प्रदेश लड़ ही रहा है और उस पर कब विजय मिलेगी यह पता नहीं लेकिन प्रदेश में ब्लैक फंगस यानि म्यूकरमाइकोसिस की आहट ने सभी की सांसे तेज कर दी है। हालांकि अभी गुरुग्राम, फरीदाबाद, हिसार, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद में करीब 3 दर्जन मरीज सामने आए हैं। यह उन लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है, जो कोरोना की जंग जीत चुके हैं और शुगर पेसेंट हैं। इसके चलते अब प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के लिए यह समय किसी चुनौती से कम नहीं है।
कोरोना के बीच ही इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए चिकित्सकों को अभी से तैयारी करनी होगी। कारण जिस प्रकार कोरोना इलाज में सहायक रेमडेसिविर इंजेक्शन मार्केट से गायब हो गए कहीं इस फंगस इलाज के सहायक इंजेक्शन भी इसी प्रकार गायब ना हो जाएं। इसके लिए प्रशासन को एहतियात बरतने की जरूरत है। प्रदेश में 3 दर्जन से अधिक ब्लैक फंगस के संदिग्ध मरीजों की खबर ने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है।
इस प्रकार के मामले अभी प्रदेश में 5-6 शहरों में देखने को मिले हैं। हालांकि संदिग्ध मरीजों की सूचना से यह तो साफ हो गया कि यदि अभी से इस दिशा में उचित कदम नहीं उठाए तो यह भी कोरोना जैसी महामारी का रूप ले सकता है। यह फंगस इस समय एमपी, राजस्थान में तांडव दिखाने लगा है। हालांकि प्रदेश के स्वास्थ्य अधिकारी अभी से इस फंगस को लेकर सतर्क हो चुके हैं और इससे निपटने के लिए रणनीति बनाने का दौर भी शुरू हो गया है।
सहायक इंजेक्शन का स्टोर जरूरी
एक्सपर्ट डा. विनोद तावड़े के अनुसार इस फंगस के इलाज में सहायक अॅफोकेयर, अन्फोनेक्स, कास्कोजिन-50, अन्फोलिप, फोटेरेसीन-बी इंजेक्शन का स्टोर जरूरी है। कहीं ऐसा ना हो कि जिस प्रकार मध्यप्रदेश व राजस्थान में इन इंजेक्शन की कमी सामने आने लगी है वैसे ही हालात हरियाणा में भी बने। यह इंजेक्शन इन दोनों प्रदेश में बहुत मुश्किल से मिल रहे हैं। साल में मुश्किल से गिनती के पेसेंट सामने आते थे। इसी के चलते इनका उत्पादन भी कम होता है।
इस बीमारी के लक्षण
अभी तक जो जानकारी मिल रही उसके अनुसार कोरोना पेसेंट जो ठीक हो चुके हैं और जो शुगर पेसेंट हैं या शुगर बढ़ा हुआ वहीं इस फंगस की चपेट में आ रहे हैं। फंगस के मुख्य लक्षण चेहरे और आंख में दर्द, आंख लाल हो जाना, नाक बंद होना, नाक से काले या लाल रंग का पानी निकलना, अधिक फैलने पर आंख से कम दिखना, आंख, नाक, चेहरे पर सूजन मुख्य हैं। साथ ही फंगस मरीज के दिमाग, फेफेड़े्र, त्वचा, आंख पर अटैक करता है और रोशनी चली जाती है। कई बार दिमाग में पहुंचने पर पैरालिसिस अटैक होने पर मौत भी हो जाती है।
लापरवाही खतरनाक, यह कदम उठाएं
डॉ आशुतोष वर्मा कहते हैं कि फंगस से आंखों, त्वचा, नाक, दांतों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। फंगस नाक के जरिए फेफेड़ों और मस्तिष्क तक पहुंच जाए तो खतरनाक हो सकता है। कोविड पेसेंट को स्टेरॉयड, एंटीबायोटिक और एंटी फंगल दवाएं दी जाती है और कई बार शुगर पेसेंट को इंफेकशन हो जाता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर व्यक्ति इस बीमारी की चपेट में आ जाता है। इससे बचने के लिए प्रतिदिन नाक की नमकीन पानी से सफाई या जल नैती का उपयोग करना बेस्ट ऑप्शन है। लक्षण नजर आते ही तुरंत चिकित्सक से सलाह लेना ही उचित उपाय है।
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