11वीं नेशनल हॉकी प्रतियोगिता में रजत पदक हासिल करके प्रदेश की बेटियों ने मनवाया लोहा

punjabkesari.in Sunday, Nov 07, 2021 - 03:51 PM (IST)

चंडीगढ़( चंद्रशेखर धरणी): जी हां, भले ही पुराने जमाने में बेटी को बोझ और घर के एक दायरे में ही सीमित रखने की परंपरा रही है। लेकिन बदलते समय ने बेटी की काबिलियत और ताकत को पहचाना है और बेटियों ने भी समय-समय पर हर क्षेत्र में अपनी ताकत का लोहा मनवाया है। हरियाणा कन्याभ्रूण हत्या के लिए हमेशा कलंकित प्रदेश रहा है। लेकिन बदलती सोच और सरकारों के अथक प्रयासों ने आज इस सोच को पूर्ण रूप से बदल दिया है। आज प्रदेश की बेटियों ने हर क्षेत्र में समाज को अपनी ताकत का एहसास करवाया है।

प्रदेश की बेटियों ने इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश के झांसी में हुई 11वीं नेशनल हॉकी प्रतियोगिता में रजत पदक हासिल करके प्रदेश के गौरव को बढ़ाने का काम किया है। हरियाणा की यह सीनियर हॉकी टीम हालांकि फाइनल मैच में जीत हासिल नहीं कर पाई। लेकिन मध्य प्रदेश की टीम को कड़ी चुनौती देते हुए उपविजेता जरूर बनी। हरियाणा की इस टीम के मैच खेलने के अंदाज और आत्मविश्वास को देखकर सभी दांतो तले उंगली दबाने को जरूर मजबूर हो गए। हरियाणा की टीम ने क्वार्टर फाइनल में उत्तर प्रदेश की टीम को 1-0 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया था और सेमीफाइनल में पंजाब की टीम को 3-0 से हराकर एकतरफा जीत हासिल करते हुए फाइनल में अपनी जगह पक्की की थी।

इस टीम में सदस्य रही पानीपत के इसराना की बेटी  मुदिता जागलान ने इस प्रतियोगिता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए एक अच्छा खेल खेला। मुदिता के पिता नरेंद्र सिंह जागलान दिल्ली पुलिस के कर्मचारी हैं और बेटी के खेल को देखकर न केवल नरेंद्र सिंह जागलान बल्कि पूरा जिला अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा है। कोच आजाद मलिक ने बताया कि मुदिता पढ़ाई के क्षेत्र में अव्वल होने के साथ-साथ हॉकी की एक होनहार खिलाड़ी हैं और जूनियर व सीनियर टीम में भाग लेती रहती हैं और मिडफील्ड पर खेलती हुई कई बार हारे हुए मैच में भी विजय दिलवा चुकी हैं। जो कि एक दिन देश का नाम रोशन अवश्य करेंगी। मुदिता ने कहा कि पिता नरेंद्र सिंह ने हमेशा बेटे की तरह उन्हें पाला है और समाज-प्रदेश और देश का नाम रोशन करने की प्रेरणा दी है। पिता दिल्ली पुलिस में कर्मचारी हैं और जिस प्रकार से वह अपने कार्य को बड़ी लगन और ईमानदारी से करते हैं। उन्हीं से प्रेरणा लेते हुए मैं भी अपने हर काम को चाहे शिक्षा हो या खेल इमानदारी और मेहनत से करती हूं। पिता का सम्मान हमेशा सर्वोपरि है और एक दिन देश का नाम जरूर रोशन करूंगी।

 


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Content Writer

Isha

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