प्रदेश से कैंसर, शुगर और दिल की बीमारियों का होगा खात्मा

punjabkesari.in Monday, Nov 18, 2019 - 11:22 AM (IST)

चंडीगढ़(अर्चना): हरियाणा से नॉन-कम्युनिकेबल डिसीज का खात्मा होगा। कैंसर, डायबिटीज, काॢडयोवैस्कुलर जैसी बीमारियों पर अंकुश लगाने के लिए हरियाणा के प्रत्येक जिले में स्क्रीङ्क्षनग का काम किया जा रहा है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों की जांच की जा रही है ताकि बीमारी पकड़ में आते ही उसका इलाज शुरू किया जा सके। हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग ने नैशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवैंशन एंड कंट्रोल ऑफ कैंसर, डायबिटीज, काॢडयोवैस्कुलर डिसीज एंड स्ट्रोक के अंतर्गत वर्ष 2019-20 दौरान तकरीबन 5 करोड़ 94 लाख 41 हजार रुपए का बजट खर्च करने की योजना तैयार की है। 

बीमारियों को पछाडऩे के लिए आशा वर्कर्ज की टे्रङ्क्षनग, आशा वर्कर्ज द्वारा की जाने वाली स्क्रीङ्क्षनग हेतु दी जाने वाली राशि, स्क्रीङ्क्षनग के लिए खरीदी जाने वाली दवा व उपकरण, फिजियोथैरेपिस्ट, फिजीशियन, काऊंसलर्स के रिक्त पदों पर नियुक्ति, प्रोग्राम गाइडलाइंस तहत नॉन-कम्युनिकेबल डिसीज सैल स्टाफ की टे्रङ्क्षनग, ए.एन.एम. की ऑनलाइन टे्रङ्क्षनग, नॉन-कम्युनिकेबल डिसीज से संबंधित दिनों पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन इसी बजट से किया जाएगा। 

हरियाणा के अस्पतालों को मिलेंगे ग्लूकोमीटर
हरियाणा मैडीकल सॢवसेज कार्पोरेशन लिमिटेड (एच.एम.एस.सी.एल.) ने शूगर जांच के लिए ग्लूकोमीटर्स की खरीदारी को टैंडर निकाल दिया है। राज्य के 22 जिलों के लिए 4,000 ग्लूकोमीटर खरीदे जाएंगे। हरियाणा में 3 सालों से शूगर जांच के लिए अस्पतालों व हैल्थ सैंटर्स को नि:शुल्क ग्लूकोमीटर्स दिए जा रहे हैं। वर्ष 2017 में एच.एम.एस.सी.एल. ने हैदराबाद की सैंसाकोर मैडीकल इंस्ट्रूमैंटेशन प्राइवेट लिमिटेड से 4,000 ग्लूकोमीटर खरीदे थे। प्रत्येक जिले को 200 के करीब ग्लूकोमीटर्स दिए गए थे। इसके अलावा 18 लाख स्ट्रिप्स, 21 लाख लैंसेट्स की खरीदारी भी की गई थी। यही नहीं, इन ग्लूकोमीटर्स को चलाने की तकनीक के बाबत डाक्टर्स व हैल्थ वर्कर्ज को ट्रेङ्क्षनग भी दी गई थी।

 9.2 प्रतिशत लोग डायबिटीज के शिकार
हरियाणा में किए गए एक अध्ययन की रिपोर्ट की मानें तो 9.2 प्रतिशत लोग डायबिटीज की गिरफ्त में हैं। रिपोर्ट कहती है कि शारीरिक श्रम में कमी, फल व हरी सब्जियों को भोजन से दूर रखने, धूम्रपान व खराब जीवनशैली के चलते लोग डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं। बी.पी.एस. गवर्नमैंट मैडीकल कालेज खानपुर कलां सोनीपत, पी.जी.आई. रोहतक, आल इंडिया इंस्टीच्यूट ऑफ मैडीकल साइंस दिल्ली (एम्स) द्वारा किया गया शोध कहता है कि हरियाणा के बुजुर्गों में यह मर्ज सर्वाधिक पाया गया है। 55 से लेकर 64 वर्ष आयु वर्ग के बुजुर्ग, महिलाओं व धूम्रपान करने वालों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। रोहतक के ग्रामीण तबके के ब्लॉक लखनमाजरा के 15 वर्ष आयु वर्ग से लेकर 64 वर्ष के एक हजार लोगों पर यह अध्ययन किया गया है। 

डा. साकेत कुमार, मैनेजिंग डायरैक्टर, हरियाणा मैडीकल सॢवस कार्पोरेशन लिमिटेड ने कहा कि हरियाणा से डायबिटीज को दूर करने के लिए सबसे जरूरी है कि यह पता चल सके कि कौन और कितने लोग शूगर के मरीज हैं। शूगर की मात्रा जांचने के लिए बढिय़ा शूगर टैस्ट मशीन ग्लूकोमीटर की जल्द खरीदारी की जाएगी। बढिय़ा मशीन सटीक नतीजे देती है। हरियाणा के सिविल अस्पताल, प्राइमरी हैल्थ सैंटर, सैकेंडरी हैल्थ सैंटर्स को हरियाणा सरकार द्वारा ये ग्लूकोमीटर नि:शुल्क दिए जाएंगे। 2 महीने में टैंडर की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। हरियाणा सरकार ने 2017 में पहली बार शूगर जांच हेतु अस्पतालों को मुफ्त में ग्लूकोमीटर दिए थे। अब दूसरी बार सरकार द्वारा यह खरीदारी की जा रही है।

-डा. एस.बी. कम्बोज, डायरैक्टर जनरल हैल्थ सर्विस, हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि नॉन-कम्युनिकेबल डिसीज का खात्मा बहुत जरूरी है। सिविल अस्पताल ही नहीं, बल्कि पी.एच.सी., एस.एच.सी. में भी इन बीमारियों की जांच की जाने लगी है। जांच के लिए हैल्थ वर्कर्ज को टे्रङ्क्षनग दी जा रही है। लोगों को जागरूक किया जा रहा है। शूगर जांच वैसे तो सबकी होगी परंतु 45 से 60 साल की उम्र के लोगों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और बीमारी पाए जाने पर समय से इलाज शुरू होगा। 


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Edited By

vinod kumar

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