फर्जी तरीके से पुलिस बनने के सपने लेने वाले 102 उम्मीदवार पुलिस की गिरफ्त में: भोपाल सिंह खदरी

punjabkesari.in Tuesday, Jan 11, 2022 - 10:38 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): बिना खर्ची- बिना पर्ची नौकरी देने की मुहिम पर लगातार आगे बढ़ रही हरियाणा सरकार पर तरह-तरह के आरोप विपक्ष द्वारा लगातार लगाए जाते रहे। समय-समय पर भर्तियों के नाम पर हुई धांधली सामने आती रही और सरकार द्वारा भी लगातार ऐसे संबंधित लोगों पर कार्यवाही भी की जाती रही, लेकिन इसके बावजूद विपक्ष सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए विधानसभा में भी सरकार को घेरने की लगातार कोशिशें करता रहा। अब सरकार के दिशा-निर्देश पर एचएसएससी द्वारा भर्तियों में किए गए बदलावों के फल स्वरुप हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने पुरुष सिपाही भर्ती प्रक्रिया के तहत फर्जी तरीके से भर्ती की कोशिश करने वाले 102 उम्मीदवारों को काबू किया है। 

दरअसल, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग हाल फिलहाल में 5500 पुरुष सिपाही भर्ती की प्रक्रिया में लगा हुआ है। भर्ती के लिए होने वाली दौड़ के उपरांत उम्मीदवारों के शारीरिक मापतोल और दस्तावेजों की जांच प्रक्रिया लगातार चल रही है। आयोग द्वारा ली जाने वाली बायोमेट्रिक- वीडियोग्राफी तथा सीसीटीवी की फुटेज के माध्यम से इस भर्ती में लगातार बड़ी मात्रा में फर्जी उम्मीदवार सामने आ रहे हैं। अभी तक ऐसे 102 उम्मीदवारों की पूरी सूची तथा विवरण आयोग ने पुलिस विभाग को सौंप दिया है। पुलिस विभाग द्वारा मामले की गंभीरता और प्रदेश सरकार के सख्त आदेशों के कारण ऐसे फर्जी उम्मीदवारों को भी काबू कर लिया गया है। 

परीक्षा-दौड़-शारीरिक मापतोल के दौरान आए थे अलग-अलग युवा
इस मामले में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी द्वारा प्रेस नोट के माध्यम से दी गई जानकारी के अनुसार ऐसे संदिग्ध लोगों ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग और पुलिस की पूछताछ में भी यह बात को स्वीकारा है कि उनके स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा न केवल परीक्षा दी गई थी बल्कि दौड़ लगाने के लिए भी दूसरा व्यक्ति भेजा गया था। खदरी के अनुसार सिस्टम में किए गए बदलावों के कारण इस प्रकार का फर्जीवाड़ा सामने आया है। प्रदेश में एक बड़ा गिरोह इस प्रकार का कृत्य करके करोड़ों रुपए का चूना भोले भाले नौकरी की चाह रखने वाले युवाओं को लगा रहा है। 

खदरी के अनुसार कुछ उम्मीदवारों को तो यह तक नहीं मालूम कि उनके स्थान पर किस व्यक्ति ने परीक्षा दी और किस व्यक्ति ने दौड़ लगाई। लेकिन यह बात सभी फर्जी उम्मीदवारों द्वारा जरूर सामने आई कि परीक्षा से दौड़ तक क्लियर कराने का ठेका इन लोगों द्वारा लाखों रुपए में लिया गया था। नौकरी की चाह रखने वाले उम्मीदवार इन दलालों के चंगुल में फंसे। लेकिन आयोग की सतर्कता- आधुनिक सिस्टम  व सरकार व हरियाणा पुलिस की सक्रियता के कारण एक भी गलत उम्मीदवार को भर्ती ना हो पाने के संकल्प के साथ काम किया जा रहा है।

'मत आएं दलालों के झांसे में, हमसे नहीं छुप पाएगा कोई ऐसा मामला'
चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी ने कहा कि इस प्रकार के फर्जी उम्मीदवार गलत तरीके से अगर पुलिस में भर्ती होंगे तो नौकरी मिलने के बाद अपने काम को कितने गलत तरीके से अंजाम देंगे जिससे समाज को एक बड़ा खतरा बन सकता था। खदरी ने युवाओं से भी अपील की है कि ऐसे दलालों के झांसे में बिल्कुल मत आएं, क्योंकि किसी न किसी स्टेज पर फर्जी तौर पर किए गए इस प्रकार के काम का अवश्य पता लगेगा और जिसके बाद ऐसे उम्मीदवारों का भविष्य खराब हो जाएगा। आज सिस्टम इतना आधुनिक है कि कितनी भी चतुराई से किए गए प्रयोग का असफल होना तय है। 

खदरी ने समाज और जागरूक युवाओं से भी अपील की कि अगर ऐसे असामाजिक तत्वों की किसी भी प्रकार की जानकारी मिले तो तुरंत सूचना आयोग या पुलिस को दें। सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाएगा और ऐसे गलत प्रवृत्ति के लोगों को सख्त सजा भी दी जाएगी। आयोग द्वारा इस बड़ी कामयाबी से यह तो तय है कि आने वाले समय में फर्जी भर्तियों को लेकर लोगों की न केवल मानसिकता बदलेगी बल्कि प्रदेश में एक्टिव गिरोह या तो जेल के पीछे होगा या फिर ऐसा कृत्य करते हुए लाख बार सोचेगा।
 

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Content Writer

Shivam

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