पंजाब में गन्ने का दाम बढ़ाना कैप्टन की चुनावी रिश्वत, कांग्रेस किसान हितैषी नहीं: धनखड़
punjabkesari.in Saturday, Sep 11, 2021 - 10:52 PM (IST)
चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ का कहना है कि हरियाणा में भाजपा सरकार बनने के बाद पूरे देश में गन्ने का भाव सबसे ज्यादा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा पड़ोसी राज्य पंजाब में कैप्टन सरकार ने 4 साल में एक पैसा नहीं बढ़ाया और अब चुनाव के लालच में अब दाम बढ़ा दिए। धनखड़ ने कहा कि मैं इसे चुनावी रिश्वत कहता हूं। धनखड़ ने पंजाब केसरी के साथ खास बातचीत के दौरान ये बात कही।
बातचीत के दौरान धनखड़ ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर वे सच्चे किसान हितैषी होते तो वे हर साल दाम बढ़ाते जैसे हरियाणा में बढ़ाए गए। उन्होंने कहा कि हमने लगातार 7 वर्षों में बढ़ोत्तरी की है और एक मानक को बनाकर रखा है कि हरियाणा अपने किसानों को गन्ने के दाम देने में सबसे ऊपर रहेगा। उन्होंने कहा कि अभी हमने 12 रूपये बढ़ाए हैं, जिससे प्रति एकड़ 4800 रूपये किसानों की आय में बढ़ोत्तरी रहेगी।
किसान आंदोलन के सवाल पर धनखड़ ने कहा कि आंदोलन किसानों को एमएसपी दिलाने, तीन कृषि कानूनों में सुधार की मांग को लेकर था लेकिन बाद में यह पलट गए और कानून रद्द करने की मांग रख दी, जबकि केन्द्र सरकार एमएसपी के मुद्दे पर कमेटी बना कर विचार करने के लिए तैयार थी, लेकिन वार्ता को हां या ना की जिद पर तोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि इससे उनके मकसद यह जाहिर होता है कि उन्हें केवल पॉलिटिकल एजेंडा तैयार करना है और वह है भाजपा का विरोध करना।
मुजफ्फरनगर व करनाल में किसान मोर्चा के मुद्दे पर धनखड़ ने कहा कि इस तरह के जो भी आंदोलन हैं वे सभी राजनीति से प्रेरित हैं और इस आंदोलन में जनहानि, धनहानि हुई है। उन्होंने कहा कि सोनीपत व बहादुरगढ़ के आस-पास इसका बहुत नुकसान हुआ है और न जाने कितने लोग वहां से पलायन कर चुके हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि इस आंदोलन की अचीवमेंट केवल भाजपा का विरोध करना है। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन का हिसाब लगाना चाहिए कि आंदोलन से किसानों से लिया कितना और दिया कितना है।
वहीं धनखड़ ने कहा कि हुड्डा, शैलजा, सुरजेवाला जैसे नेता आज बड़ी- बड़ी बातें कर रहे हैं। उनके समय में लोहारू कांड, कंडेला कांड हुए, उनका हिसाब दें। यह पहली सरकार है जिसमें किसान आंदोलन में कोई हिंसा नहीं हुई, बल्कि किसान आंदोलन में बिजली और सफाई व्यवस्था का उचित प्रबंध किया गया। उन्होंने कहा कि हम खुद हाथ जोड़कर निकलने की कोशिशों में रहे, हमारे जितना संयम कभी किसी ने नहीं दिखाया होगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में असम में कुछ मांगों को लेकर आए किसानों को गोलियों से उड़ा दिया गया। पुणे में पाइप लाइन के विरोध पर गोलियों से उड़ा दिया गया। कांग्रेस किसान विरोधी मानसिकता की पार्टी है, जिसने हमेशा किसानों पर अत्याचार किया है। देश में एमरजैंसी लगाने का काम कांग्रेस ने किया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी से बड़ी लोकतांत्रिक पार्टी कभी कोई नहीं हो सकती। हमारी पार्टी में बूथ अध्यक्ष देश का अध्यक्ष बन सकता है और पंच प्रधानमंत्री बन सकता है, लेकिन कांग्रेसी अपने परिवारों को बचाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। यह तानाशाही प्रवृत्ति के लोग हैं।
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