कश्मीर में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए कैप्टन साहिल वत्स, पूरे सैनिक सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई(VIDEO)

punjabkesari.in Sunday, Jan 16, 2022 - 10:05 AM (IST)

रोहतक (दीपक भारद्वाज) : जम्मू कश्मीर के अवंतीपुरा में शहीद हुए 26 वर्षीय कैप्टन साहिल वत्स का राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव डोभ में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान प्रसाशनिक अधिकारी और अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं ने उन्हें श्रधांजली दी। मात्र 26 वर्ष के साहिल वत्स हाल ही में छुट्टी काट कर घर से गए थे और उनकी ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से मौत हो गई। शाहिद के पिता ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है और वह देश के लिए शहीद हुआ है। वहीं सैन्य अधिकारी आदित्य कौशिक ने कहा कि उन्हें हाल ही में प्रमोट किया गया था और वह कोई भी काम बड़ी शिद्दत से करते थे।

जानकारी के मुताबिक हाल ही में वह 7 दिसंबर को छुट्टियों में घर आए थे। वर्चुली मीटिंग से उन्हें पता लगा कि वह लेफ्टिनेंट से बतौर कप्तान के पद पर तैनात होने वाले है। सेना में रहते हुए जिम्मेदारियां और बढ़ने वाली है। जिसको संभालने के लिए 2 जनवरी को उन्होंने रेजॉइन कर लिया। 11 दिन क्वारंटाइन रहने के बाद, लोहड़ी वाले दिन ही ड्यूटी शुरू करनी थी। लेकिन शायद होनी को कुछ और ही मंजूर था। 13 जनवरी को कैप्टन बनने की पार्टी उनके नाम पर होनी थी।

जब दोपहर को वह आराम करने के लिए अपने कमरे में गए किसे पता था फिर उठ कर बाहर नहीं आएँगे। जब काफी देर तक पार्टी में नहीं आए तो सभी को चिंता हुई और कमरे को तोड़कर अंदर देखा तो साहिल वत्स बेड पर बेसुध हालत में पड़े थे। कारण पता लगा कि हृदय गति रुकने के कारण मौत हुई है। परिवार को खबर दी और आर्मी डे के दिन ही उनका पार्थिव शरीर रोहतक सेक्टर 4 स्थित उनके निवास स्थान पहुंचा। जनता का हुजूम उनके घर पर था। सब उन्हें अंतिम दर्शन करने और अंतिम विदाई देने पहुंचे। पूरे सैनिक सम्मान के साथ गांव डोभ में शहीद साहिल का अंतिम संस्कार हुआ। 

वहीं रोते-रोते साहिल की मां ने बोला कि उन्हें गर्व है की वो एक शहीद की मां है। अपने बेटे को उन्होंने देश के लिए ही पैदा किया था और देश के नाम ही वह शहीद हो गया। पिता जितेंद्र वत्स का कहना है कि आगे अपने दूसरे बेटे को भी कोशिश करेंगे वो भी सेना में ही आगे बढे़। उनका कहना है कि जो मान-सम्मान सेना में मिलता है, वो कही नहीं मिलता। भाई शुभम वत्स का कहना है कि उन्हें अपने भाई की शहादत पर गर्व है। साहिल का दूसरा भाई शुभम वेटेनरी डॉक्टर है जो मरीजों की सेवा कर रहा है।

सैन्य अधिकारी आदित्य कौशिक  का कहना है कि 21 नवंबर 2020 को भारतीय सेना में प्रमोट हुए थे। उनको अंतिम विदाई देने के लिए जम्मू कश्मीर से उनके साथी आए है। उनका कहना है कि चाहे सेना में कोई भी काम क्यों ना हो, वो हर जगह बढ़ चढ़ कर भाग लेते। इसलिए उनकी काफी जान पहचान भी थी। हाल ही में वो अवन्तीपुरम में पोस्टेड थे जहां का टेम्परेचर माइनस 14 डिग्री सेल्सियस होता है।

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Content Writer

Manisha rana

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