फर्जी रजिस्ट्रेशन का मामला, यमुनानगर से भी जुड़ रहे है तार, डीएसपी करेंगे जांच

punjabkesari.in Wednesday, Feb 10, 2021 - 03:24 PM (IST)

यमुनानगर(सुरेंद्र मेहता): हरियाणा में गाड़ियों का बड़े स्तर पर फर्जी रजिस्ट्रेशन हुआ है जिसका खुलासा सिरसा सीआईए टीम ने किया था और सुनील चितकारा नामक डीलर को गिरफ्तार किया था । जिसके बाद इस जांच की आंच यमुनानगर जगाधरी एसडीएम ऑफिस पहुंची और फिर मामले का खुलासा हुआ । उसके बाद बिलासपुर एसडीएम तक भी जांच पहुंची और वहां भी फर्जीवाड़ा पाया गया । ज़िसकी जांच के लिए जिला पुलिस अधीक्षक ने एसआईटी का गठन किया । अब डीएसपी राजेंद्र कुमार के नेतृत्व में एसआईटी जांच कर रही है ।

इस मामले की जांच की आंच जगाधरी एसडीएम ऑफिस स्थित सरल केंद्र पहुंची थी । उसके बाद यह जांच बिलासपुर एसडीएम ऑफिस पहुंची जहां 29 गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ी मिली और एमआरसी क्लर्क ने इसकी जानकारी एसडीएम को दी । एसडीएम ने क्लर्क की शिकायत के आधार पर थाना बिलासपुर में मामला दर्ज करवाया की राजनीतिक दबाव में यहां के क्लर्क ने अमित के कहने पर ऐसा किया । उन्होंने अमित के खिलाफ मामला दर्ज करवाया और कहा कि वे अपने स्तर पर भी जांच कर रहे हैं और एसआईटी भी जांच कर रही है ।

 वंही जब इस बारे में एसआईटी के अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है और जो भी दोषी होगा कतई बख्शा नहीं जाएगा ।वहीं राजनीतिक दबाव वाली बात पर उन्होंने कहा कि कभी भी छोटे कर्मचारी पर राजनीतिक दबाव डालकर इतने बड़े स्तर का फर्जीवाड़ा नहीं किया जा सकता  । यदि राजनीतिक दबाव की कोई बात सामने आती है तो इसमें बड़े अधिकारियों से भी पूछताछ की जाएगी । साथ ही उन्होंने बताया कि जगाधरी और बिलासपुर एसडीएम इस जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं ।

आरसी फर्जीवाड़े में बड़ी बात यह है कि सिरसा पुलिस करीब 15 दिन पहले यमुनानगर पहुंची थी और एसडीएम यमुनानगर ने 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था और बिलासपुर एसडीएम ने भी यमुनानगर एमआरसी क्लर्क अमित के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था । लेकिन अब तक एसआईटी ने किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया । वही बताया जा रहा है कि सिरसा एसआईटी के सामने अमित ने सरेंडर कर दिया है उससे पूछताछ की जा रही है और जल्द ही s.i.t. प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फर्जीवाड़े का खुलासा करेगी  वहीं इस पूरे फर्जीवाड़े का मुख्य आरोपी अभी तक अमित को बनाया गया है जो यमुनानगर सरल केंद्र में तैनात था और वह एक सक्षम कर्मचारी था । पहला सवाल तो यह उठता है कि सक्षम कर्मचारी के हाथ इतनी बड़ी जिम्मेदारी क्यों सौंपी गई और दूसरा सवाल कि आखिर किसके राजनीतिक दबाव में आकर इतना बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ और तीसरा सवाल कि बिलासपुर के एसडीएम ने अपने क्लर्क संजीव का बचाव करते हुए इस फर्जीवाड़े का ठीकरा जगाधरी में तैनात अमित पर ही क्यों फोड़ा ।

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Content Writer

Isha

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