CBSE : 1 महीने में तैयार होगा नया पाठ्यक्रम, स्कूल बंद होने से पढ़ाई के नुकसान की होगी भरपाई

punjabkesari.in Monday, Jun 08, 2020 - 08:58 AM (IST)

फरीदाबाद (पूजा शर्मा) : सीबीएसई द्वारा कोविड-19 महामारी से होने वाले शैक्षणिक नुकसान की भरपाई के लिए पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाने पर काम कर रहा है। ऐसे में छोटे सत्र के अनुसार कम किया गया सिलेबस एक महीने में तैयार हो जाएगा।

दरअसल, सीबीएसई का कहना है कि अचानक लॉकडाउन के कारण हुए पढ़ाई के नुकसान की भरपाई के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कुछ उपाय सुझाए थे। शैक्षणिक सत्र को छोटा कर दिया गया है। इस सत्र के अनुसार पाठ्यक्रम में बदलाव किया जा रहा है। उम्मीद है, कम किया गया सिलेबस एक महीने में तैयार हो जाएगा। कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण देश भर के सभी विश्वविद्यालयों और स्कूलों को 16 मार्च से बंद कर दिया गया था। बाद में सरकार द्वारा 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद सभी राज्यों की बोर्ड परीक्षा, बोर्ड परीक्षाओं के साथ ही सभी प्रतियोगी परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई थी।

वहीं, अब  अनलॉक के साथ ही कई शैक्षणिक गतिविधियां भी तेज हो गई है। हालांकि, अभी स्कूल- कॉलेज को दोबारा खोलने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया है। इस बारे में राज्य, केंद्र शासित प्रदेशों और पैरेंट्स की सलाह के बाद जुलाई में ही फैसला लिया जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्री ने अप्रैल में घोषणा की थी कि सीबीएसई कोविड-19 के चलते हुए लॉकडाउन के कारण खोए समय के लिए सभी वर्गों के लिए अगले शैक्षणिक कैलेंडर में पाठ्यक्रम को कम कर देगा। इसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विभिन्न ग्रेड के लिए वैकल्पिक कैलेंडर सॉन्च किया जो लॉकडाउन के दौरान सीखने की योजना का विस्तार करता है।

विशेष छात्रों का बिना परीक्षा दिए तैयार होगा रिजल्ट :
कोरोना से निपटने के लिए लगी पाबंदियों के बीच एक जुलाई से 15 जुलाई के बीच सीबीएसई की 10वीं व 12वीं कक्षा की बची हुई परीक्षा होने जा रही है। विद्यार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए सीबीएसई हर संभव प्रयास कर रही है।  ऐसे में सीबीएसईकी 10वीं तथा 12वीं कक्षा की बची हुई परीक्षा सामान्य बच्चे जहां अपने जिलों में ही परीक्षा दे पाएंगे तो वहीं सहायक की मदद से परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों के लिए सीबीएसई ने बिना परीक्षा दिलवाए ही उनका परिणाम वैकल्पिक मूल्यांकन योजना के आधार पर किया जाएगा।

10वीं तथा 12वीं कक्षा की बची हुई परीक्षा की तिथि फाइनल होने के बाद अब स्कूलों (ने भी इसकी तैयारी शुरू कर दी है। सामान्य बच्चे जहां अपने जिलों में ही परीक्षा दे पाएंगे तो वहीं सहायक की मदद से परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों के लिए सीबीएसई ने बिना परीक्षा दिलवाए ही उनका परिणाम वैकल्पिक मूल्यांकन योजना के आधार पर किया जाएगा। यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि सोशल डिस्टेसिंग के नियम का पालन हो सके।

सीबीएसई को उद्देश्य ऐसे बच्चों के मानसिक स्तर को कमजोर करना या उन्हें अन्य बच्चों से अलग महसूस करवाना नहीं है बल्कि ये बच्चे कोरोना के संक्रमण से बच सके इसलिए यह कदम उठाया गया है। दिव्यांगों के के अधिकारों से जुड़े 2016 अधिनियम के तहत बोर्ड ने यह फैसला लिया है कि सहायक की मदद से परीक्षा देने के लिए आने वाले विद्यार्थियों को कोरोना संक्रमण का डर ना रहे इसके लिए इनकी परीक्षा ना लेते हुए इन्हें वैकल्पिक मूल्यांकन योजना के आधार पर परिणाम तैयार किया जाएगा।

दिव्यांग बच्चों में कई बच्चे पूर्ण रूप से दिव्यांग होते हैं तो वहीं कुछ 30 से 50 प्रतिशत तक दिव्यांग होते हैं। इनमें वो बच्चे शामिल है जिन्हें बोलने में परेशानी होने के साथ साथ चलने फिरने में परेशानी होती है लेकिन ये परीक्षा बिना किसी सहायक के देते हैं लेकिन परीक्षा के दौरान इन्हें अन्य विद्यार्थियों के अलावा आधे से एक घंटे ज्यादा का समय दिया जाता है इसलिए ऐसे दिव्यांग विद्यार्थी जो बिना किसी सहायक के परीक्षा देते हैं वो अपनी परीक्षा दे पाएंगे। इसके लिए बकायदा स्कूलों में विद्यार्थियों की मेडिकल रिपोर्ट दी जाती है ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े।


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Edited By

Manisha rana

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