CGST अधिकारियों ने दवा कंपनी से मांगी रिश्वत, CBI ने सुपरिंटेंडेंट को किया गिरफ्तार

punjabkesari.in Monday, Aug 17, 2020 - 03:15 PM (IST)

सोनीपत/रोहतक (ब्यूरो) : रोहतक के सैंट्रल जी.एस.टी. कार्यालय के अधिकारियों द्वारा सोनीपत की एक दवा कंपनी के साथ डील कर बड़े भष्टाचार का खुलासा हुआ है। टीम में शामिल अधिकारियों ने कंपनी मालिक से क्लीयरैंस के नाम पर 12 लाख रुपए मांगे लेकिन बाद में 9 लाख रुपए में डील तय की थी जिसमें 3 लाख रुपए कंपनी मालिक पहले ही दे चुका था लेकिन बाकी के पैसे देने से पहले उसने सी.बी.आई. चंडीगढ़ की टीम को शिकायत कर दी। इस पर सी.बी.आई. टीम ने कंपनी में छारा मारकर आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की लेकिन सी.जी.एस.टी. के अधिकारी मौके से भाग खड़े हुए और रिश्वत के पैसे खेत में फैंक दिए, जिन्हें सी.बी.आई. ने बरामद कर लिया।

हालांकि सी.बी.आई. ने सुपरिटैंडैंट को गिरफ्तार कर उसके यहां से नकदी व आभूषण बरामद किए है। दूसरे अधिकारी  फरार है। सी.जी.एस.टी. टीम में 2 सुपरिटैंडैंट व 2 इंस्पैक्टर शामिल थे। 
सोनीपत के सैक्टर-14 में रहने वाले मनोज कालरा की राई औद्योगिक क्षेत्र में रिसर्च मैडीसिन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से दवाई कंपनी है। कंपनी मालिक मनोज कालरा ने चंडीगढ़ सी.बी.आई. कार्यालय में शिकायत भेजी कि 6 अगस्त को लगभग 11 बजे रोहतक सी.जी.एस.टी. से टीम जांच के लिए उनकी फैक्ट्री में पहुंची जिसमें सुपरिटैंडैंट गुरविंद्र सिंह सोहल, सुपरिटैंडैंट कुलदीप हुड्डा, इंस्पैक्टर रोहित मलिक व इंस्पैक्टर प्रदीप शामिल थे। 

उन्होंने कहा कि सैनिटाइज का जी.एस.टी. पूरा जमा नहीं करवाया हुआ है। उनके जांत करने पर पता चला कि पहले 12 प्रतिशत के हिसाब से जी.एस.टी. जमा करवाया गया था और वह बाद में 18 प्रतिशत किया गया था तो उस हिसाब से लगभग 4.5 लाख रुपए का जी.एस.टी. उसी समय ऑनलाइन जमा करवा दिया गया।

मनोज कालरा का आरोप है कि उसके बाद उनकी अन्य 2 कंपनी में छापा मारकर मोटा जुर्माना लगाने की बता कहते हुए डराया गया और उसके बदले में 12 लाख रुपए में मामला निपटाने के लिए कहने लगे। मनोज कालरा ने कुछ कम रुपए करने के लिए कहा तो उनकी बात 9 लाख रुपए में तय हो गई। उसी समय मनोज कालरा ने उनको 3 लाख रुपए दे दिए। अन्य रुपए बाद में देने की बात  कही गई और 10 अगस्त को मनोज कालरा ने मामले में सी.बी.आई. कार्यालय चंडीगढ़ में शिकायत कर दी। इसके सभी सबूत भी सी.बी.आई. कार्यालय भेज दिए गए। मनोज कालरा 11 अगस्त को रोहतक क्लीयरैंस प्रमाण पत्र लेने के लिए गए तो उनको कहा गया कि शुक्रवार को सोनीपत आकर ही देंगे।

उन्होंने बताया कि उनके पास शुक्रवार रात सुपरिटैंडैंट गुरविंद्र सिंह सोहल का फोन आता है और वह उसको राई औद्योगिक क्षेत्र के गेट पर बुलाता है। उस समय सी.बी.आई. कर्मी भी मौजूद था। मनोज कालरा ने बताया कि गाड़ी में सुपरिटैंडैंट गुरविंद्र सिंह सोहल व कुलदीप हुड्डा मौजूद थे। उनको दोनों ने गाड़ी में बैठा लिया और सी.बी.आई. कर्मी को धक्का देकर गिराने के बाद गाड़ी को दौड़ा दिया। मनोज कालरा ने बताया कि उनको शक हो गया कि उनके पीछे सी.बी.आई. लग गई है इसलिए ही गुरविंद्र ने कुलदीप हुड्डा को बहालगढ़ फ्लाईओवर के पास उतार कर फिर गाड़ी दौड़ा दी और वहां से थोड़ा आगे जाकर गाड़ी को रोकते ही उसमें रखे एक पॉलिथीन को लेकर खेतों में भाग गया। उसने पॉलिथीन से खेत में कुछ सामान गिराया जो वहां पास ही होटल में लगे सी.सी.टी.बी. कैमरे में दिखाई दिया। मनोज कालरा ने बताया कि सी.बी.आई. के तलाशने पर वहां लगभग 3 लाख रुपए पड़े मिले तो गाड़ी के अंदर से उसके लाए हुए 6 लाख रुपए सोने की चेन व अन्य सामान बरामद हुआ। 


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Edited By

Manisha rana

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