किसानों, मजदूरों की लड़ाई लड़ने वाले चौधरी देवीलाल के वारिस के रूप में वह जिंदा है : अभय चौटाला

punjabkesari.in Wednesday, Feb 17, 2021 - 08:44 AM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : इनैलो महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कहा कि अभी किसानों, मजदूरों की लड़ाई लडऩे वाले चौधरी देवीलाल के वारिस के रूप में वह जिंदा है। सरकार सब कुछ प्राइवेट हाथों में दे रही। मुझे नहीं लगता इस बजट में नया चमत्कार करेंगे। भाजपा सरकार बनने पर कर्जा बढ़ा है, काम नहीं हुआ। मैं पूरा सैशन देखूंगा, कांग्रेस क्या बोल रही है। मैं साबित करूंगा कि कांग्रेस-भाजपा मिली हुई हैं।  प्रस्तुत हैं बातचीत के कुछ अंश -

प्रश्न : आप इनैलो के एकमात्र विधायक थे। अब इनैलो की हाजिरी सदन के अंदर और बाहर कैसे लग पाएगी?
उत्तर : आजकल सैशन लाइव चलता है। मैं पूरा सैशन देखूंगा। कांग्रेस क्या बोल रही है। सरकार का क्या जवाब आया है। मैं पहले भी स्टडी कर अपनी बात कहता था। पहले मुझे यह सदन में दिखा देते थे। अब की बार मैं मीडिया के रू-ब-रू होकर लोगों तक अपनी बात पहुंचाऊंगा। इनकी कमियों और खामियों को उजागर करूंगा। मुझे नहीं लगता कि इस सैशन में भूपेंद्र सिंह हुड्डा जोकि नेता प्रतिपक्ष हैं विपक्ष की कोई भूमिका निभाएंगे। यह शोर मचाकर वाकआऊट कर सकते हैं।

प्रश्न : भूपेंद्र सिंह हुड्डा कृषि कानूनों को लेकर अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कह रहे हैं?
उत्तर : पिछले सैशन में जब यह कृषि कानून हमारे यहां ऑर्डिनैंस के रूप में आए और ऑर्डिनैंस का मतलब भी एक्ट होता है। तब क्या यह सो रहे थे। इन्हें इस बात की समझ नहीं थी कि इसके ऊपर अविश्वास प्रस्ताव, स्थगन प्रस्ताव लाएं। इन्होंने इस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया। जब सरकार की तरफ से प्रस्ताव आया तो उस पर चर्चा क्यों नहीं की गई। क्यों यह वाकआऊट कर वहां से भाग निकले। यह अपने आपको लॉ ग्रैजुएट कहते हैं।  कई-कई बार सदन में सदस्य रह चुके हैं। कभी कोई प्रस्ताव पर आपने देखा कि पहले वोटिंग करवाकर फिर चर्चा हुई हो। जब प्रस्ताव पर जब वोटिंग ही हो जाएगी तो चर्चा तो खत्म हो गई। 

प्रश्न : क्या लगता है कि अविश्वास प्रस्ताव में कुछ होगा?
उत्तर : मुझे नहीं लगता कि अविश्वास प्रस्ताव के बाद भी यह कुछ चर्चा करेंगे। आखिर में यह वाकआऊट ही कर जाएंगे ऐसा लगता है। इनकी खास तौर पर हुड्डा की तो हिम्मत भाजपा सरकार के सामने खड़े होकर उनके खिलाफ कोई बात कहने की नहीं है, क्योंकि इनकी फाइलें तैयार हैं। अब तो समय भी नजदीक लगा हुआ है, इसलिए यह केवल और केवल ड्रामा है।

प्रश्न : जे. पी. दलाल द्वारा दिए बयान के बाद से किसानों और खाप पंचायतों में काफी नाराजगी है। इस पर आपकी टिप्पणी क्या है?
उत्तर : जिसकी अपनी खाप के लोग उसका सामाजिक बहिष्कार कर दें। मैं समझता हूं कि ऐसे आदमी पर टिप्पणी करना सही नहीं होगा।

प्रश्न : अजय चौटाला ने कहा कि उप मुख्यमंत्री का इस्तीफा उनकी जेब में है ?
उत्तर : जो लोग मेरा इस्तीफा देने से पहले टोल पर, किसानों के धरनों मे जाकर किसान हितैषी होने का दावा करते थे और कहते थे कि वह किसानों के साथ हैं। कांग्रेस के लोग भी धरनों में बड़ी-बड़ी बातें करते थे। क्या अब वह कहीं किसी भी धरने में नजर आ रहे हैं। उन्हें डर है कि अब अगर वह कहीं जाएंगे तो लोग उनके इस्तीफे की मांग करेंगे। किसान की लड़ाई लडऩे के लिए राज्यसभा या विधानसभा का सदस्य होना जरूरी नहीं है। मैंने दीपेंद्र हुड्डा का एक वीडियो देखा, जिसमें एक पत्रकार द्वारा इस्तीफे के प्रश्न पर उनका जवाब नहीं निकला। मैं दावा करता हूं कि न तो कांग्रेस, न जजपा और न ही भाजपा के लोग इस्तीफा देंगे और न ही सरकार में शामिल निर्दलीय विधायक इस्तीफा देंगे। लेकिन यह तय है कि अगर यह लोग इस तरह से भागते रहे तो आने वाले समय में विधानसभा सदस्य तो छोड़ो यह लोग मैंबर पंचायत भी नहीं बनेंगे। लोग इनकी छुट्टी कर देंगे। 

प्रश्न : किसानों को चौधरी देवी लाल के परिवार से काफी आशा है और जजपा भी चौधरी देवीलाल की नीतियों की बात करती है। क्या कहेंगे?
उत्तर : पिपली में लाठीचार्ज पर इन्होंने जांच करवाने की मांग की थी और कहा था कि लाठियां किसान के पीठ पर नहीं चौधरी देवीलाल की पीठ पर लगी हैं लेकिन मैं कहना चाहता हूं चौधरी देवीलाल की पीठ पर लाठियां नहीं लग सकती, क्योंकि उनका वारिस जिंदा है। इन्होंने चौधरी देवीलाल की पीठ में छुरा घोंपा है। उनकी नीतियों को भाजपा के पास गिरवी रख दिया है। इस चीज के लिए प्रदेश के लोग इनको सबक जरूर सिखाएंगे।

प्रश्न : क्या मानते हैं कि सरकार के खिलाफ जनता में रोष है ?
उत्तर :
कल मैंने देखा कि विज साहब के साथ 6-6 गाडिय़ां पुलिस की थी। चोर रास्ते से आना पड़ता है। हाईवे से इनके मंत्री आ नहीं सकते। सभी मंत्री बड़ी संख्या में पुलिस को लेकर आते-जाते हैं। आज इन्हें कोई सार्वजनिक कार्यक्रम करने नहीं दिया जाता और अगर यह किसी कार्यक्रम को करते भी हैं तो उसे बताते नहीं हैं। अघोषित करते हैं। चुपचाप जाते हैं और बड़ी संख्या में पुलिस खड़ी कर मीडिया में अपनी हाजिरी दिखाते हैं। 

प्रश्न : आप इस सरकार को लुटेरों का गिरोह कैसे कह रहे हैं ?
उत्तर : शराब घोटाले में जांच के लिए पहले इन्होंने एस.आई.टी. का गठन किया, जिसकी जांच को इन्होंने सार्वजनिक नहीं किया। उस रिपोर्ट में जिनके नाम थे अगर सार्वजनिक होते तो सरकार गिर जाती। फिर जांच विजीलैंस को सौंपी गई। उसकी जांच रिपोर्ट भी यह सार्वजनिक नहीं कर पा रहे, क्योंकि सरकार गिर जाएगी। 

प्रश्न : आपने भारतीय जनता पार्टी की मदद की है। यह आरोप भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा क्यों लगा रहे हैं ?
उत्तर :
भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा को मेरे सामने सार्वजनिक तौर पर लाओ। मैं उनसे दो-तीन बातें पूछूंगा। अगर वह यह साबित कर देंगे कि वह भाजपा के एजैंट के रूप में काम नहीं कर रहे तो मैं उनको अपना लीडर मान लूंगा। उन्हें लोगों के बीच जाकर लोगों को गुमराह नहीं करना चाहिए। 

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Content Writer

Manisha rana

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