चढूनी बोले-डर है कहीं जाट आंदोलन की तरह शरारती तत्व न घुस जाएं

punjabkesari.in Monday, Nov 30, 2020 - 11:22 AM (IST)

सोनीपत (दीक्षित): कुंडली बॉर्डर पर किसानों का ठहराव चौथे दिन में प्रवेश कर चुका है। किसान नेताओं को अब डर सताने लगा है कि कहीं उनके काफिले में असामाजिक तत्व न घुस जाएं। भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम चढूनी ने यह आशंका जाहिर की। उन्होंने कहा कि आरक्षण आंदोलन दौरान बहुत से शरारती तत्वों ने न केवल आगजनी की थी बल्कि ङ्क्षहसक घटनाओं को भी अंजाम दिया था। 

चढूनी ने कुंडली बॉर्डर पर मौजूद किसानों के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अब वे हाईवे पर अड़े रहने का निर्णय ले चुके हैं। हरियाणा के किसानों का लगातार समर्थन मिल रहा है और यू.पी. सहित अन्य प्रदेशों से भी किसान आने शुरू हो गए हैं। चढूनी ने कहा कि सरकार ने अंबाला से कंडली बॉर्डर तक उनके साथ ज्यादती की है। उन्हें डंडे मारे गए, पानी की बौछारें की गईं और आंसू गैस के गोले भी दागे गए लेकिन किसान हार मानने वाले नहीं है। किसानों में सरकार के खिलाफ गुस्सा है और अब यह गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। 

किसानों पर 30-32 केस दर्ज कर चुकी है हरियाणा सरकार
चढूनी ने कहा कि हरियाणा सरकार ने किसानों को रास्ता देने की बजाय उनके खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। बैरीकेड्स तोडऩे पर हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हुए। अब तक अंबाला से यहां तक सरकार किसानों पर 30-32 मामले दर्ज कर चुकी है, जिनमें हत्या के प्रयास के मामले ही 20 से ज्यादा हैं और एक मामला हत्या का भी दर्ज किया गया है। ऐसे में सरकार से क्या उम्मीद की जा सकती है। सरकार सोच रही थी कि किसानों की संख्या कम हो जाएगी लेकिन उनकी संख्या लगातार बढ़ रही है।  
 


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Isha

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