खेलते-खेलते नहर में गिरा बच्चा, बचाने के लिए मां व चाची कूदीं, फिर हुआ ये...

punjabkesari.in Sunday, Feb 14, 2021 - 09:54 AM (IST)

सफीदों : उपमंडल सफीदों के गांव अंटा के निकट बह रही हांसी- बुटाना ब्रांच नहर में शनिवार दोपहर को सात वर्षीय बच्चा आयुष खेलते-खेलते अचानक गिर गया। बच्चे को नहर में गिरा देख उसको बचाने के लिए मां व उसकी चाची भी नहर में कूद गई। नहर में पानी की अधिकता के कारण तीनों पानी में समा गए। तीन लोगों के नहर में डूबने की खबर पाकर समीपवर्ती गांव अंटा व आसपास के गांवों के काफी तादाद में लोग मौके पर पहुंच गए। मामले की सूचना नहरी विभाग व पुलिस को दी गई। सूचना पाकर एस.एच.ओ. सदर संजय कुमार भी मौके पर पहुंच गए। लोगों व पुलिस ने बच्चे व महिलाओं को बचाने के लिए संयुक्त अभियान चलाया। मिली जानकारी के अनुसार गांव अंटा निवासी पिंकी (31) अपने बेटे आयुष (7) व देवरानी कविता (27) के साथ शनिवार को पानीपत रोड पर हांसी- बुटाना ब्रांच नहर के पास लकडिय़ां इकट्ठा करने के लिए आई थी। जेठानी व देवरानी बच्चे को नहर पटरी पर खेल में लगाकर लकड़ी बीनने में लग गई।

इसी बीच खेलते-खेलते बच्चा आयुष अचानक नहर में गिर गया। बच्चे को नहर में गिरते हुए पिंकी व कविता ने देख लिया और तत्काल वे दोनों आयुष को बचाने के लिए नहर में कूद गई। नहर में पानी का बहाव इतना तेज था कि तीनों नहर में बह रहे पानी के वेग में समा गए। इसी बीच वहां से गुजर रहे लोगों का ध्यान उन पर गया। इसी दौरान वहां ट्रैफिक पुलिस गाडिय़ों की चैकिंग कर रही थी।  रणबीर सिंह बिना देरी किए नहर पर पहुंचा और उसे एक महिला का शरीर दिखाई दिया। रणबीर ने मौके की नजाकत को भांपकर एक ट्रक को रुकवाया और उससे रस्सा लेकर नहर में महिला की ओर फैंक दिया।

महिला ने रस्से को पकड़ लिया जिससे महिला को सकुशल बाहर निकाल लिया गया। सकुशल बचने वाली यह महिला आयुष की मां पिंकी थी। कुछ ही देर में गांव अंटा व आसपास के गांवों से भारी तादाद में लोग मौके पर पहुंच गए। काफी ग्रामीण रस्से के सहारे डूबे हुए लोगों को तलाशने के लिए नहर में उतर गए। काफी मशक्कत के उपरांत घटना से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर दोनों चाची-भतीजे को नहर से निकाल लिया गया। दोनों को गंभीरावस्था में सफीदों के नागरिक अस्पताल में लाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। दोनों की मौत का पता चलते ही गांव अंटा में शोक की लहर दौड़ गई। पुलिस ने दोनों के शवों का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया। 

2 बहनों का अकेला भाई था आयुष 
बता दें कि मृतक आयुष व महिला कविता का परिवार मेहनत-मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा था। घर का चूल्हा जलता रहे इसके लिए दोनों जेठानी-देवरानी लकडिय़ां बीनने के लिए नहर पटरी पर आई थीं। मृतक आयुष के पिता एक हैचरी पर ड्राइवरी करते हैं। आयुष अपनी दो बड़ी बहनों का अकेला भाई तथा परिवार का चश्मोचिराग था। मां पिंकी तो किसी तरह मौत के आगोश से निकल आई लेकिन काल आयुष को निगल गया। ठीक इसी प्रकार की स्थिति चाची कविता के परिवार की भी है। कविता के एक लड़का व 2 लड़कियां हैं। 

क्या कहते हैं एस.एच.ओ.
इस मामले में एस.एच.ओ. संजय कु मार ने बताया कि खेलते समय नहर में गिरे मासूम को बचाने के लिए दोनों महिलाएं नहर में उतरी थीं। बच्चे की मां को निकाल लिया गया है, जबकि बच्चे व उसकी चाची के शवों को भी बरामद कर लिया गया है। 

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Content Writer

Manisha rana

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