मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तोड़ा 44 वर्ष पुराना अंधविश्वास, कपाल मोचन में की पूजा अर्चना

punjabkesari.in Friday, Nov 19, 2021 - 08:49 PM (IST)

यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता): 'हरियाणा के यमुनानगर के कपाल मोचन मेले में आने वाले राजनेता दोबारा से उस पद पर नहीं चुने जाते।' यह अंधविश्वास 1977 के बाद से लगातार चल रहा था, जिसके चलते मंत्री व मुख्यमंत्री इस कपाल मोचन मेले से दूरी बनाए रहते। लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अंधविश्वास को ना मानते हुए अपने दो निर्धारित कार्यक्रम कैंसिल करके इस मेले में पहुंचे। उन्होंने मेले में तीनों सरोवर में जाकर पूजा अर्चना की, मंदिर में जाकर माथा टेका। गुरुद्वारे में जाकर अरदास की।

मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके नोटिस में यह बात आई, जिसके बाद उन्होंने अपने निर्धारित कार्यक्रम कैंसिल कर के यहां आना तय किया। उन्होंने कहा कि वह ऐसे किसी अंधविश्वास को नहीं मानते। उन्होंने कहा कि मधुबन के बारे में भी इस तरह से अंधविश्वास की बातें की जा रही थी। जहां वह तीन बार जा चुके हैं, और कपाल मोचन में वह दूसरी बार आए हैं।

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वहीं हरियाणा के शिक्षा मंत्री कवर पाल गुर्जर ने बातचीत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ना सिर्फ कपाल मोचन मेले में आए बल्कि उन्होंने सभी सरोवर में जाकर पूजा अर्चना की। मंदिर में माथा टेका, गुरुद्वारे भी गए। उन्होंने कहा कि वह  अंधविश्वास में विश्वास नहीं रखते और यह आकर यहां  उन्होंने यह साबित करने का प्रयास किया है।

वहीं शिक्षा मंत्री ने कृषि कानूनों को वापस लिए जाने का स्वागत करते हुए कहा कि यह बिल पूरी तरह से किसानों के हित में थे। उन्होंने दावे के साथ कहा कि पिछले 7 वर्ष में जितना कार्य इस सरकार ने किसानों के लिए किया है उतना किसी ने नहीं किया चाहे। वह फसल की एमएसपी की बात हो, मंडी की बात हो या किसानों को सहायता दिए जाने की बात हो। सभी मामलों में सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं।
 

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Content Writer

Shivam

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