प्रदेश में किलोमीटर स्कीम लागू होकर रहेगी: सीएम, कहा- कर्मचारी न करें हड़ताल

punjabkesari.in Friday, Jan 03, 2020 - 05:43 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने स्पष्ट रूप से कहा कि हरियाणा परिवहन विभाग में किलोमीटर लागू होकर रहेगी, विभाग के कर्मचारियों से आह्वान है कि वे हड़ताल न करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारियों को हड़ताल करने से रोकने के लिए बातचीत चल रही है, हो सकता है कर्मचारी मान जाएं। मुख्यमंत्री मनोहर शुक्रवार को हुई कैबिनेट मीटिंग के पत्रकारवार्ता में बोल रहे थे।

गौरतलब है कि हरियाणा सर्व कर्मचारी महासंघ ने आठ जनवरी को प्रदेशभर के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर 8 जनवरी को हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बैनर तले कर्मचारी एक बार फिर से हड़ताल पर जाने वाले है। जिसमें हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों ने चक्काजाम का ऐलान किया है।



पलवल में आज रहा चक्का जाम
पलवल में हरियाणा रोडवेज के बेड़े में किलोमीटर स्कीम के तहत 5 नई बस जोडऩे के विरोध में चक्काजाम रहा। कर्मचारियों ने ठेकेदारी के तहत ली जाने वाली बसों के विरोध प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए धरना दिया। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक सरकार किलोमीटर स्कीम के तहत ली जा रही बसों के फैसले को वापिस नहीं लेगी तब तक रोडवेज की एक भी बस रूट पर नहीं चलाई जाएगी। आमजन को होने वाली दिक्कतों के लिए प्रदेश सरकार जिम्मेवार होगी।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि 900 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश होने और कर्मचारियों व जनता के तीखे विरोध के बावजूद सरकार किलोमीटर स्कीम के तहत प्राईवेट बसों को रोडवेज के बेड़े मे शामिल करने पर आमादा है। जिसके खिलाफ रोड़वेज कर्मचारी 6 जनवरी को मशाल जुलूस और 7 व 8 जनवरी को दो दिन चक्का जाम करेंगे। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा इसका पुरजोर समर्थन किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार रोडवेज कर्मचारियों को 8 जनवरी से पहले ही हड़ताल करने पर मजबूर कर रही है।

कर्मचारियों की मुख्य मांगे इस प्रकार है-
 कर्मचारियों की मुख्य मांगो को लेकर कर्मचारी नेता ने कहा कि जन नायक जनता पार्टी ने चुनाव में कर्मचारियों से पुरानी पेंशन बहाल करने व पंजाब के समान वेतन एवं पेशन देने कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने ठेका प्रथा समाप्त करने, किलोमीटर स्कीम रद्द करने आदि कई वादे किए थे। अब प्रदेश का कर्मचारी उप मुख्यमंत्री से जानना चाहता है इन वादों पर कब से अमल होना शुरू होगा।

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ऐसे ही वादे भाजपा ने 2014 मे किए थे जो अभी तक पूरे नहीं हुए। जिसको लेकर कर्मचारियों मे भारी आक्रोश है। निजीकरण आऊटसोर्सिंग ठेका प्रथा की नीतियों पर रोक लगाई जाए सभी प्रकार के पार्ट टाइम व ठेका कर्मचारियों व मजदूरों को पक्का किया जाएए पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान की जाए। एनपीएस को रद्द करके पुरानी पेंशन बहाल की जाए 21 हजार रुपये न्यूनतम वेतन दिया जाए। पूंजीपतियों के हकों में श्रम कानूनों में किए जा रहे बदलाव पर रोक लगाई जाए।

मोटर व्हीकल एक्ट वापस किया जाए बिजली संशोधन बिल के प्रस्ताव को वापस किया जाए। जन विरोधी नयी शिक्षा नीति को वापस लिया जाए। किलोमीटर स्कीम को रद्द किया जाए। एक्स ग्रेसियां रोजगार स्कीम मे 5 साल की सेवा व 52 साल की उम्र की शर्त को हटाया जाए। वास्तविक खर्च पर आधारित सभी बिमारियों मे कैशलेस मेडिकल सुविधा प्रदान की जाए हाऊस रैंट की बढ़ोत्तरी जनवरी 2016 से लागू किया जाए। नौकरी से निकले गए सभी कर्मचारियों को वापस सेवा मे लिया जाए।


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Shivam

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