डॉक्टरों के गैर जिम्मेदाराना रवैये पर सख्त मानवाधिकार आयोग, लगाई फटकार

punjabkesari.in Saturday, Jan 25, 2020 - 11:30 AM (IST)

फरीदाबाद (सुधीर राघव) : फरीदाबाद के स्टेट ईएसआई डिस्पेंसरियों में डॉक्टर्स की गैर मौजूदगी और तिगांव हैल्थ सेंटर और बल्लभगढ़ अस्पताल के ऑन कॉल ड्यूटी डॉक्टर्स, नर्सेज एवं पैरामेडिकल स्टॉफ द्वारा मरीजों के इलाज में लापरवाही बरतने के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाने और खस्ताहाल चिकित्सा सेवाओं पर हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है। पिछले दिनों फरीदाबाद स्टेट ईएसआई डिस्पेंसरियो में मरीजों के इलाज में लापरवाही को गैर-जिम्मेदाराना ठहराया है।

उल्लेखनीय है कि आयोग को फरीदाबाद के स्टेट ईएसआई डिस्पेंसरियो में इलाज के लिए गए मरीज ने शिकायत भेजी है, जिसमें कहा गया है कि कहर बरपाने वाली सर्दियों की रातों में मरीज के तीमारदारों को सोने के लिए अस्पताल में कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। मजबूरन तीमारदारों को अस्पताल के बाहर ठंडी जमीन व फर्श पर सोना पड़ता है। सुविधा के नाम पर स्टेट ईएसआई डिस्पेंसरियों की तरफ से एक कंबल दिया जाता है। जबकि अस्पताल में सुरक्षाकर्मी नदारद मिलते हैं और स्टॉफ अंदर बैठकर हीटर की गर्मी सेकनें में व्यस्त रहता है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों स्टेट ईएसआई डिस्पेंसरियों में एक तीमारदार बालिका के साथ शराबी व्यक्ति ने लिफ्ट में ले जाकर गलत हरकत करने की प्रयास किया था। बालिका के शौर मचाने पर उसे परिजनों ने बचा लिया गया था और व्यक्ति को पुलिस के हवाले कर दिया थ जिस पर आयोजन ने गंभीरता से संज्ञान लिया है। इन सबको मानवाधिकारों का हनन मानते हुए आयोग के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्य न्यायाधीश एसके मित्तल, पूर्व न्यायाधीश केसी पुरी और सदस्य दीप भाटिया ने हरियाणा के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक और ईएसआई निदेशक से रिपोर्ट मांगी है।  

यहां कह दिया जाता है मरीज का इलाज खूद कर लो :
दूसरी ओर आयोग को मिली शिकायत में तिगांव हैल्थ सेंटर्स और बल्लभगढ़ अस्पताल के ऑनकॉल ड्यूटी डॉक्टर्स द्वारा नर्सेज एवं पैरामेडिकल स्टॉफ को हिदायत दी जा रही है कि उन्हें सिर्फ इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के लिए कॉल की जाए। जो मामले आपात न हो उन मरीजों का इलाज खुद कर लो। हैरत की बात यह है कि वहां की नर्सेज गैर आपात स्थिति में आने वाले मरीजों का इलाज कर रही है। आपात स्थिति में आने वाले मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रैफर किया जा रहा है। 

वेतन कटवाने के बाद भी स्टेट ईएसआई डिस्पेंसरियों में नहीं मिल रहा इलाज : हरियाणा मानवाधिकार आयोग को मिली शिकायत में पलवल और फरीदाबाद जिलों के 5.5 लाख कर्मचारी स्टेट ईएसआई डिस्पेंसरियो से पंजीकृत हैं। उनमें से 4 प्रतिशत ऐसे कर्मचारी हैं जिनके वेतन से ईएसआई के लिए रुपए काटे जाते हैं और उन्हें हरियाणा ईएसआई में ठगने का काम किया जा रहा है। यह भी देखने को मिला कि एम्बुलेंस सेवा हासिल करने के लिए मरीज को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टर्स के रवैए की वजह से मरीज इलाज से वंचित हो रहे हैं। 


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Isha

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