हरियाणा में डेंगू से मरने वालों की संख्या को लेकर खड़ा हुआ विवाद

punjabkesari.in Sunday, Nov 14, 2021 - 08:22 AM (IST)

चंडीगढ़ : हरियाणा में डेंगू के डंक से मरने वालों की संख्या को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े जो कहते हैं कि डेंगू से सिर्फ 4 मौतें हुई हैं, इनको लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं जबकि प्रदेश के लगभग हर जिले से डेंगू की मौतें रिपोर्ट हो रही हैं। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि निजी अस्पतालों में डेंगू की वजह से संदेहास्पद 20 से अधिक मौतें तो हुई होगी परंतु असल में वह मौतें सिर्फ डेंगू की वजह से हुई या पेशैंट के किडनी, शुगर या हृदय रोग की वजह से व्यक्ति की जान गई, इसकी पुष्टि होना बाकी है।

अधिकारी कहते हैं कि अब तक स्वास्थ्य विभाग ने सिर्फ 4 मौतों की ही पुष्टि की है। यह 4 मौतों की पुष्टि इस वजह से हैं क्योंकि इन मरने वालों की जांच एलिसा टैस्ट के जरिए की गई थी जबकि निजी अस्पतालों ने डेंगू की जांच रैपिड डायग्नोसिस किट्स से की थी। केंद्रीय सरकार की अधिसूचना कहती है कि डेंगू की सटीक जांच एलिसा टैस्ट से ही की जा सकती है। रैपिड डायग्नोसिस में रिपोर्ट गलत भी आ सकती है। 

अब तक हरियाणा में डेंगू के 9000 के करीब मरीज सामने आ चुके हैं और इनमें से 4 मरीजों की डेंगू ने जान ले ली है। मरने वाले पंचकूला, फतेहाबाद, हिसार और नूंह जिलों से संबंधित हैं। डेंगू से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में फतेहाबाद, पंचकूला, हिसार, सिरसा, सोनीपत, कैथल, अम्बाला से ज्यादातर पेशैंट्स सामने आ चुके हैं। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने डेंगू के बढ़ते हुए पेशैंट्स की संख्या को लेकर चिंता जताई है और कहा कि 5 सालों में डेंगू के सर्वाधिक मामले सामने आए हैं और पेशैंट्स को अस्पतालों में बैड भी नहीं मिल रहे। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार आंकड़े छिपाने में लगी हुई है और डेंगू से हुई मौतों और पेशैंट्स के असल आंकड़ों को भी छिपाया जा रहा है।

डेंगू परजीव की स्ट्रेन हो चुकी है विषैली
ग्लोबल हैल्थ केयर के डायरैक्टर डा. संजीव भाटिया का कहना है कि डेंगू का मर्ज देने वाले परजीव की स्ट्रेन विषैली हो चुकी है। परजीव शरीर में घुसकर टॉक्सिन छोड़ते हैं, जिसकी वजह से पेशैंट्स के शरीर के कई अंग काम करना बंद कर रहे हैं। प्लेटलेट्स की संख्या गिरने की वजह से आंतों से ब्लीडिंग हो रही है क्योंकि खून का जमाव भी बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है। उनका कहना है कि इन दिनों का मौसम डेंगू का डंक देने वाले परजीव के विकास के अनुकूल होता है। जब तक रात का तापमान 8 से 12 डिग्री सैल्सियस के बीच नहीं आता। 

डेंगू देने वाले मच्छर का आतंक खत्म नहीं हो सकता। पहले डेंगू का मच्छर सिर्फ दिन में डंक देता था जबकि अब एल.ई.डी. लाइट्स की मौजूदगी के चलते एडीस मच्छर रात के समय भी लोगों को काट रहा है। 
लोगों को पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने चाहिए, घर के आसपास पानी को खड़ा न रहने दें। घर में भी मोसकियुटो रेपैलंट का इस्तेमाल करें। बुखार होने पर डाक्टर से तुरंत संपर्क करें।

कोरोना के बाद बेकाबू हो रहा है डेंगू, सरकार का रवैया ढुलमुल : हुड्डा
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने डेंगू के बढ़ते मामलों पर गहरी ङ्क्षचता जाहिर की है। हुड्डा का कहना है कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों से सामने आ रही खबरों के मुताबिक कोरोना के बाद डेंगू भी काबू से बाहर होता जा रहा है। पी.जी.आई. समेत तमाम अस्पतालों में मरीजों के लिए बैड मिल पाना मुश्किल हो रहा है। पिछले 5 साल में इस बार सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। 4 साल में कुल जितने मामले सामने आए थे, उतने ही मामले इस साल सामने आ चुके हैं।

आंकड़े छिपाने के बजाय सच्चाई देखे सरकार  
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि गठबंधन सरकार को आंकड़े छिपाने की बीमारी से बाहर निकल कर सच्चाई को देखने की आदत डालनी चाहिए और उसके समाधान की दिशा में काम करना चाहिए। हुड्डा ने आम जनता से भी अपने स्तर पर सावधानी बरतने की अपील की। उन्होंने कहा कि अपने आसपास सफाई रखें और किसी भी जगह पर पानी इक_ा न होने दें। दिन के वक्त भी पूरी बाजू के कपड़े पहनें ताकि मच्छर के काटने से बचा जा सके।


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Content Writer

Manisha rana

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