कोरोना महामारी ने स्कूल यूनिफॉर्म का धंधा किया ठप्प, कारीगरों का वेतन निकालना हुआ मुश्किल

punjabkesari.in Wednesday, Dec 09, 2020 - 11:36 AM (IST)

कुरुक्षेत्र : कोरोना महामारी में स्कूल तथा शिक्षण संस्थान बंद हैं तो इन से जुड़े कारोबार और धंधे भी प्रभावित हुए हैं। उल्लेखनीय है कि स्कूलों में पुस्तकों के साथ स्कूल युनिफार्म भी महत्वपूर्ण है। महीनों से स्कूलों के बंद रहने से युनिफॉर्म बेचने वाले दुकानदार से लेकर निर्माण का कारोबार तक ठप हो गया है।

बताया जाता है कुरुक्षेत्र में दुकानों और गोदामों में लाखों और करोड़ों के स्कूल ड्रेस और युनिफार्म डंप हो गए हैं। कई महीने तक स्कूलों के न खुलने और दुकानों पर लगातार मंदी के बाद युनिफार्म दुकानदारों और निर्माताओं ने कोरोना महामारी के समय में उपयोगी साबित होने वाले मास्क और पी.पी.ई. किट बना कर बाजार में उतारा था लेकिन कई दुकानदारों को जानकारी न होने का नुक्सान भी हुआ। ऐसे में स्कूल युनिफार्म से जुड़े व्यापारियों ने अब फिर स्कूल खुलने की इंतजार करना शुरू कर दिया है।

व्यापारियों के अनुसार कोरोना महामारी के चलते अगर किसी कारोबार को सबसे अधिक नुक्सान हुआ तो वह स्कूल युनिफार्म का व्यापार है। युनिफार्म निर्माता अशोक वधवा ने बताया कि मार्च 2020 में शिक्षा सत्र के शुरूआत को लेकर तैयारियां चल रही थी, तभी लॉकडाऊन की घोषणा हो गई। लॉकडाऊन एक से दो सप्ताह पहले ही उनकी तरह अन्य व्यापारियों एवं दुकानदारों ने लाखों का स्कूल युनिफार्म माल का आर्डर कर गोदाम में स्टोर किया। तभी स्कूल कालेज से लेकर अन्य सभी गतिविधियों पर अचानक ब्रेक लग गई। अभी तक भी कुरुक्षेत्र शहर में उनका बिजनेस शुरू नहीं हो सका है। 

स्कूल खुलने का कर रहे हैं इंतजार 
सुनील कुमार का कहना है कि कोरोना महामारी से उनके बिजनैस को सबसे अधिक नुक्सान हुआ है। स्कूलों की डिमांड के अनुसार ही तैयारियां की थी लेकिन पहले लॉकडाऊन और अब स्कूल बंद हैं। उन्हें अपने कारीगरों और नौकरों का वेतन ही निकालना मुश्किल हो गया है। अब तो केवल स्कूल खुलने का ही इंतजार कर रहे हैं। 

कारीगरों की गई नौकरी 
कारीगरों से लेकर सेल्समैन तक की काफी लोगों की तो नौकरी ही चली गई। जो स्कूल युनिफार्म की दुकान पर काम करते थे, वह अब दूसरे काम धंधे की खोज में हैं। कुछ ने तो लॉकडाऊन से ही रेहड़ी लगानी शुरू कर दी है। 

दुकान का किराया देना मुश्किल
अशोका युनिफार्म के संचालक के अनुसार स्कूल युनिफार्म की बिक्री करने वाले कई दुकानदारों को तो दुकान का किराया देना ही मुश्किल हो गया है। कई दुकानदारों ने यहां तक कहा कि एक तो कारोबार चौपट हो चुका है और ऊपर से बैंक और दुकान का किश्त भरना किसी जंग से कम नहीं है। 


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Manisha rana

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