लॉकडाउन से हरियाणा में 'लॉक' होता नजर आ रहा कोरोना संक्रमण!, 7 प्रतिशत तक बढ़ी रिकवरी दर

punjabkesari.in Monday, May 17, 2021 - 11:58 PM (IST)

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा): कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर अब हरियाणा में फिलहाल अंकुश लगता दिखाई देने लगा है। इसके तहत जहां संक्रमितों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है तो वहीं पिछले करीब एक पखवाड़े के अंतराल में रिकवरी रेट भी बढ़ा है और बढ़ते रिकवरी रेट ने प्रदेश सरकार के साथ-साथ आम लोगों को राहत जरूर पहुंचाई है। उल्लेखनीय है कि 30 अप्रैल को हरियाणा में रिकवरी दर 79.14 प्रतिशत थी जो एक पखवाड़े के भीतर करीब 7 प्रतिशत तक बढ़कर 86.7 प्रतिशत तक हो गई है। हालांकि इसी बीच ब्लैक फंगस बीमारी ने जरूर सरकार की बेचैनी बढ़ाई हुई है लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण के मद्देनजर उठाए जा रहे तमाम कदम कारगर नजर आ रहे हैं। 

साफ तौर पर माना जा रहा है कि सरकार की ओर से हरियाणा में लगाए जा रहे लॉकडाउन के चलते कोरोना का संक्रमण भी 'लॉक’ होता प्रतीत हो रहा है। इस समय प्रदेश में कुल 6 लाख 94 हजार 427 केसों में से 90 हजार 66 केस एक्टिव हैं। कोरोना संक्रमण की चपेट में आने वालों में से 5 लाख 97 हजार 767 लोग ठीक हो चुके हैं और मौतों के ग्राफ पर भी अंकुश लगा है। इस वायरस के कारण अब तक 6685 लोगों की जान गई है। सरकार की ओर इस दिशा में बड़ी रणनीति के तहत जमीनी कार्रवाई को अंजाम दिया गया और इसी का ही परिणाम है कि करीब पांच दिनों के अंतराल में कोरोना संक्रमितों का ग्राफ काफी नीचे गया है। 

मसलन इस अवधि से पूर्व जहां हरियाणा में हर दिन आने वाले संक्रमितों की संख्या 15 हजार के आसपास थी जो अब 16 मई को घटकर 9100 पर आ गई है। यह आंकड़ा वाकई सरकार और प्रदेशवासियों के लिए राहत भरा है क्योंकि इस संक्रमण की भयावहता इस कदर बढ़ गई थी कि हर तरफ इस रोग को लेकर भय का साया ही मंडराता हुआ नजर आ रहा था। जानकारों का मानना है कि पॉजिटिविटी केसों में कमी आना और रिकवरी रेट के बढऩे के पीछे सही मायने में लॉकडाऊन भी काफी कारगर रहा है क्योंकि इससे संक्रमण की 'चेन’ टूटी है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने भी अपने ट्वीटर हैंडल पर इस जानकारी को शेयर किया है कि अब प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति में सुधार आ रहा है।

बिगड़ते हालात पर ऐसे लगा अंकुश
गौरतलब है कि अप्रैल माह के शुरूआती दौर में ही कोरोना संक्रमण ने नए सिरे से ऐसी दस्तक दी थी कि हरियाणा का न तो कोई जिला अछूता रहा और न ही किसी जिले के गांव। हर तरफ संक्रमण की ऐसी चादर तनी कि जो जो भी इसके आसपास आया वो कोरोना संक्रमित हो गया। यही कारण है कि दिनों दिन बढ़ते संक्रमण के कारण पॉजिटिव केसों का ग्राफ भी बढ़ता चला गया। हालात ये हो गए थे कि शहरों के अस्पतालों में बैड और ऑक्सीजन की भारी कमी महसूस होने लगी। अधिकांश जगहों पर उन कोरोना संक्रमितों की मौत भी हो गई जिन्हें आपात स्थिति में बैड, दवाइयां अथवा ऑक्सीजन नहीं मिल पाई क्योंकि कोरोना संक्रमितों की संख्या ही इतनी बढ़ी हुई थी कि देश के अन्य प्रदेशों के साथ साथ हरियाणा में भी ऑक्सीजन की भारी कमी आ गई। 

प्रतिदिन बढ़ते संक्रमण के कारण हरियाणा में ऐसा हाहाकार मचा कि रोगियों की संख्या प्रतिदिन 10 हजार से 15 हजार तक पहुंच गई। इसके अलावा मरने वालों की तादाद पर भी अंकुश नहीं लग पा रहा था लेकिन अब पिछला एक पखवाड़ा इस संक्रमण के लिहाज से राहत भरा गुजरा है क्योंकि अब प्रतिदिन आने वाले 10 से 15 हजार केसों की संख्या भी 9 हजार तक सिमट गई है। खास बात ये है कि इस राहत को हासिल करने के लिए प्रदेश सरकार को इस दिशा में कई प्रयोग करने पड़े। इसके तहत जहां मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को कोरोना के मामलों में की जा रही प्लाङ्क्षनग को कारगर करने के लिए बतौर जिला प्रभारी के रूप में कमान सौंपी तो वहीं चिकित्सीय व्यवस्था को बढ़ावा दिया गया और मुख्यमंत्री भी खुद फील्ड में उतरे।

लॉकडाऊन से पहले ऐसी थी स्थिति
बेशक अब एकबारगी कोरोना संक्रमण पर सरकार अंकुश लगाने में कामयाब हुई है मगर प्रदेश में लॉकडाऊन से पहले की स्थिति काफी चिंतनीय थी। संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए प्रदेश में बीती 24 अप्रैल से लॉकडाऊन घोषित किया गया और अब तक यह जारी है। इस लॉकडाऊन के चलते भी संक्रमण की चेन टूटी है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इस लॉकडाऊन से पहले अप्रैल माह में ही कोरोना संक्रमण ने नए सिरे से अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया था जिसके चलते हरियाणा में यह ग्राफ बड़ी तेजी से बढ़ता चला गया। 30 अप्रैल को प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 13 हजार 833 नए केस सामने आए। उस वक्त इनमें से 9348 केस रिकवर हुए जबकि उस दिन प्रदेश में रिकवरी रेट 79.14 प्रतिशत था।

प्रदेश में 30 अप्रैल को 97562 टोटल एक्टिव केस थे। इसके बाद तो यह निरंतर बढ़ता ही चला गया और आलम ये हो गया कि प्रतिदिन सामने आने वाले केसों का आंकड़ा 15 हजार को पार कर गया और रिकवर रेट गिर गया। मरने वालों की संख्या भी बढ़ती दिखाई देने लगी लेकिन लॉकडाऊन लगने के बाद प्रदेश में रिकवरी रेट बढ़ा है और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। मैडीकल बुलेटिन के अनुसार यदि एक पखवाड़े की तुलना की जाए तो 16 मई को 10-15 हजार रोगियों की बजाए 9100 नए केस आए और टोटल एक्टिव केसों में से 14856 रिकवर हुए जिसके कारण रिकवरी रेट 86.07 प्रतिशत पहुंच गया। प्रतिदिनि होने वाली मृत्यु का आंकड़ा भी 180 की तुलना में 16 मई को 139 आ गया है। इस प्रकार इस एक पखवाड़े में रिकवरी दर में करीब 7 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज की गई।

ये भी उठाए कदम
विशेष बात ये है कि अब गांवों में संक्रमण के हो रहे फैलाव को देखते हुए प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए हरियाणा के 40 लाख घरों का चयन कर उनके लिए 8 हजार टीमों का गठन किया है जो इन घरों में रहने वाले लोगों की जांच करने के साथ साथ उनका उपचार कर चिकित्सीय सुविधाएं इत्यादि मुहैया करवाएंगी। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने 3 जगहों खासतौर पर जिला हिसार, पानीपत और गुरुग्राम में भी अलग व्यवस्था कर कोविड अस्पताल लोगों को समॢपत किए हैं। इसके तहत हिसार में 500 बैड, पानीपत में 500 बैड और गुरुग्राम में दो सैंटरों में 300 व 100 बैड के कोविड अस्पताल शुरू कर दिए गए हैं।

हरियाणा में आ रही संक्रमण की गिरावट: विज
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर ताजा हालात पर अपने ट्वीटर हैंडल के जरिए एक पोस्ट शेयर करते हुए बताया है कि अब हरियाणा में पिछले कुछ दिनों से कोरोना मरीजों की संख्या में गिरावट आ रही है। राज्य में सक्रिय मामले 1 लाख 16 हजार के करीब थे, जो अब घटकर 96 हजार हो गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन आने वाले नए मरीजों की संख्या 15000 के पास थी जो अब घटकर 9600 पर आ गई है।


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Content Writer

Shivam

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