एक तरफ कोरोना, तो दूसरी ओर महंगाई की मार, सरसों के तेल की कीमतों ने छुआ आसमान

punjabkesari.in Friday, May 14, 2021 - 04:38 PM (IST)

अंबाला(अमन):  कोरोना संक्रमण के संकट में लोगों को महंगाई की मार भी झेलनी पड़ रही है। खाद्य तेलों की कीमतों में पिछले 1 वर्ष के दौरान भारी बढ़ोतरी हुई है । सबसे ज्यादा खपत वाले सरसों की तेल की कीमत में एक साल में लगभग दुगनी हो गई है वहीं सोयाबीन मूंगफली सूरजमुखी डालडा और रिफाइंड के दामों भी खूब बढ़ोतरी हुई हैं । 

सरसो के तेल की बढ़ी कीमतों का आलम ये है कि लोग जहाँ पांच से दस लीटर लेकर जाते थे अब एक लीटर ही ले जाने को मजबूर है । बाजार में सामान खरीदने आए लोगों ने बताया कि तेल के साथ-साथ घी सहित रसोई का सभी सामान महंगा हो गया है जिससे रसोई का बजट बिगड़ गया है । ग्राहकों का कहना है अब वे पहले से कम सामान बाजार से खरीद रहे है इसीलिए सरकार इस ओर ध्यान दे ।
 
 पिछले वर्ष सरसों के तेल की खुदरा कीमत 95 रुपये से 100 रुपये प्रति लीटर थी जो अब 170 रुपये प्रति लीटर तक मिल रहा है । रेट बढ़ने से आम आदमी की जेब पर इसका सीधा असर हो रहा है । वही अगर दुकानदारो की माने तो उनका कहना है कोरोना काल के चलते व्यापार धंधा पूरी तरह ठप है लोगों की आमदनी बंद हो गई है और ऊपर से बढ़ती महंगाई लोग जाए तो कहां जाए l उन्होंने कहा कि सरसो के तेल व् रिफाइंड रातो-रात नहीं बढे ये लगभग तीन माह से ज्यादा बढे है । इन दिनों लोगो के कारोबार बंद है ऊपर से लोगो के ऊपर ये महंगाई की मार पड़ रही है । हालांकि प्रशासन द्वारा समय-समय पर बढे हुए दामों की जांच बाज़ारो में आकर की जाती है इस पर दुकानदारों ने कहा छोटे दुकानदारों पर करवाई करने से कुछ नहीं होगा इसमें जो बड़े व्यापारी है जो इस लाइन के मगरमच्छ है उन्हें पकडे तो शायद सही रेट का पता चल सके ।
 


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Content Writer

Isha

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