हरियाणा में कोरोना की स्थिति बिल्कुल नियंत्रण में, लेकिन सचेत रहने की बेहद आवश्यकता: संजीव

punjabkesari.in Tuesday, Sep 07, 2021 - 08:09 AM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : लाल डोरा प्रॉपर्टी को सुरक्षित संपत्ति बनाने के लिए रजिस्ट्रेशन की पावर देने, रिवेन्यू रिकॉर्ड को सुरक्षित करने के लिए मॉडर्न रिवेन्यू रिकॉर्ड रूम बनाने और हरियाणा-उत्तर प्रदेश के किसानों में खूनी संघर्ष का कारण बनी जमीनों को निर्धारित करने को लेकर राजस्व विभाग ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। जिसे लेकर लगभग काम पूरा कर लिया गया है। प्रदेश सरकार ने लाल डोरा की प्रॉपर्टीयों को ताकत देने के लिए इनकी रजिस्ट्री-इंतकाल मान्य कर दिया है। अब इस प्रकार की प्रॉपर्टी भी बैंक लोन और सरकारी गारंटी के लिए मान्य होगी। साथ ही साथ सरकार ने मॉडर्न रिकॉर्ड रूम का भी एक क्रांतिकारी फैसला लिया है। इन सब विषयों पर पंजाब केसरी ने राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी संजीव कौशल से महत्वपूर्ण बातचीत की।

संजीव कौशल ने बताया कि लाल डोरा के अंदर की संपत्ति की पहले कोई रजिस्ट्री या कोई रजिस्टर्ड कागजात नहीं होते थे। संपत्ति के स्वामी को न केवल संपत्ति बेचने में काफी दिक्कतें आती थी बल्कि कई बार यह विवादों का कारण भी बन जाती थी। इस पर बैंक कर्ज, लोन या गारंटी की सुविधा नहीं मिलती थी। लेकिन अब लाल डोरे के अंदर की हर प्रॉपर्टी के कागज व्यक्ति के पास होंगे। प्लॉट की रजिस्ट्रेशन होगी। खरीद-फरोख्त दूसरी आम प्रॉपर्टीयों की तरह ही होगी। 

दरअसल हरियाणा में ब्रिटिश काल से वर्ष 1908 से चली आ रही लाल डोरा की प्रथा को खत्म करने की कवायद शुरू की गई है और इसके तहत गत 24 अगस्त तक राज्य के 22 जिलों के लगभग 6329 गांवों के लाल डोरे की मैपिंग का काम पूरा कर लिया गया है। जिसमें से 5333 गांवों का डाटा प्रोसेसिंग सर्वे ऑफ़ इंडिया द्वारा किया जा चुका है। स्वमित्व योजना के तहत 1990 गांवों में 1,63,262 संपत्तियों का पंजीकरण किया गया है और 1963 गांवों में 1,59,041 संपत्ति कार्ड वितरित किए गए हैं। गांवों में विशेष अभियान चलाकर और शिविर लगाकर पंजीकरण प्रक्रिया में तेजी लाने का प्रयास किया जा रहा है।

संजीव कौशल ने बताया कि कुल परियोजना परिव्यय 150 करोड़ रुपये का है।  टाइटल डीड का पंजीकरण और वितरण का कार्य भी इसमें शामिल है और 31 अक्टूबर, 2021  तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। लाल-डोरा मुक्त होने से गांव की संपत्ति को विशेष पहचान मिलेगी तथा अचल संपत्ति पर बैंक द्वारा लोन भी मंजूर किया जायेगा। ग्रामीणो को अपनी संपत्ति बेचने और खरीदने का मालिकाना हक भी मिला है। इससे स्वामित्व से संबंधित मामले भी नियंत्रित हुए हैं । संजीव कौशल ने बताया कि हम सारे रिवेन्यू रिकॉर्ड को भी डिजिटाइज करने पर युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं। लैंड का एक स्थाई और सुरक्षित रिकॉर्ड होना चाहिए। अच्छी तरह से उसका रखरखाव किया जाना चाहिए।

लोगों को लैंड रिकॉर्ड हम माउस के एक क्लिक पर उपलब्ध करवाने को लेकर काम कर रहे हैं। ताकि लोगों को तुरंत रिकॉर्ड उपलब्ध हो। उन्हें तहसीलों में पटवारियों के चक्कर लगाने की असुविधा न हो। इस उद्देश्य को लेकर मॉडर्न रिवेन्यू रिकॉर्ड बनाए जा रहे हैं। लगभग सारे डॉक्यूमेंट (कई करोड़) डिजिटाइज किए जा चुके हैं। डिजिटाइज डॉक्यूमेंट की बाद में वेरिफिकेशन होती है। हमारे जिला रेवेन्यू अधिकारी भी उसकी वेरिफिकेशन करते हैं। उसके बाद उनके रखरखाव को लेकर चाहे वह हार्ड ड्राइव हो, चाहे सरवर हो, सारी उपलब्धता करवाने के लिए एक बेहतर सिस्टम तैयार किया गया है। हमने इसे लेकर हेल्पडेस्क भी बनाए हैं। हर जिला उपायुक्त कार्यालय में भी इसकी सुविधा उपलब्ध होगी। ताकि एक आम आदमी को बिना किसी दिक्कत के सारा रिकॉर्ड उपलब्ध हो सके।

इस मौके पर संजीव कौशल ने बताया कि यूपी-हरियाणा के बीच यमुना नदी की दिशा बदलने से हर साल चार-पांच जिलों के बॉर्डर के किसानों में जमीन को लेकर विवाद रहता था। इन विवादों में कई हिंसक घटनाएं- खूनी संघर्ष तक हुए। सदा से ही यह एक बड़ी समस्या बनी हुई थी। जिसे लेकर भी हमने स्थाई समाधान की कोशिश की है। हमने ड्रोन मैपिंग जोकि सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा किया जा रहा है का काम शुरू किया था। हम इसमें और भी काम कर रहे हैं। रिवेन्यू रिकॉर्ड मसानिया जो एक तरह से फील्ड मैप हैं हम मसावियों और मुरब्बा पत्थर की ऑब्जर्वेशन का काम भी सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा कर रहे हैं। लगातार ऑपरेटिंग रेफरेंस सिस्टम हमने स्थापित किए हैं। करनाल में हमने पिल्लर का काम पूरा कर लिया है। बाकि जिलों में भी इस तरह का काम करेंगे। सर्वे ऑफ इंडिया की तरफ से बड़ी तेजी से काम किया जा रहा है। सितंबर के अंत तक हम इस काम को पूरा करना चाहते थे। लेकिन लाल डोरा के काम में तेजी लाने के कारण इसमें कुछ देरी होगी। क्योंकि स्टाफ की काफी कमी थी। लेकिन करीब 2 महीने में यह काम भी हम पूरा कर लेंगे।

संजीव कौशल ने आपदा प्रबंधन विभाग पर भी चर्चा की और बताया कि आज हरियाणा में कोरोना को लेकर स्थिति नियंत्रण में है। कल हमारे 22 जिलों में मात्र 14 ही केस पॉजिटिव पाए गए। पिछले 4 हफ्तों से लगातार पॉजिटिव केसों की संख्या 20 से कम रही है। इसलिए डरने वाली बात नहीं है। लेकिन हमें सचेत रहने की बेहद आवश्यकता है। सरकार द्वारा बहुत कोशिशें की जा रही है। करीब पूरी जनसंख्या को पहली डोज लगाई जा चुकी है। काफी जनसंख्या दूसरी डोज भी ले चुकी है। विशेषज्ञों ने सचेत रहने की बात कही है। इसी को लेकर हम महामारी अलर्ट सुरक्षित हरियाणा कार्यक्रम को जारी रखे हुए हैं। डरने की बजाय जागरूक रहना ज्यादा जरूरी है।

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Content Writer

Manisha rana

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