बलात्कारी हैवानों को फांसी की सजा, 12 साल की मासूम को मौत के बाद भी बनाया हवस का शिकार
punjabkesari.in Friday, Feb 18, 2022 - 08:18 PM (IST)
चंडीगढ़(चन्द्रशेखर धरणी): पोस्को एक्ट तथा हत्या व बलात्कार के आरोप में पानीपत के एक न्यायालय ने दो युवकों को डेथ पेनेल्टी घोषित की है। एडिशनल सेशन जज सुमित गर्ग की फास्ट ट्रैक कोर्ट (पॉस्को) द्वारा दिए गए एक निर्णय में मत लोड़ा के गांव उरलाना वासी 38 वर्षीय प्रदीप वा 28 वर्षीय सागर को डेथ पेनल्टी देने के आदेश जारी किए हैं। दोनों हैवानों ने एक 12 साल की मासूम बच्ची की हत्या कर दी थी। शव के साथ दुष्कर्म किया था। बाद में मासूम का शव नाले में फेंक दिया था। एक दिन बाद परिजनों को नग्न अवस्था में मासूम का शव मिला था। मामला मतलौडा थाना अंतर्गत गांव का है।
हत्या के बाद भी किया रेप
दरअसल, 12 वर्षीय मासूम बच्ची पानीपत में अपने मामा के घर रहती थी। 13 जनवरी 2018 को मासूम कूड़ा डालने के लिए तसला लेकर घर से निकली थी। दोषी सागर और प्रदीप 12 वर्षीय बच्ची के घर के बाहर खड़े थे। दोनों ने बच्ची का पीछा किया और रास्ते से उसे उठा लिया। इसके बाद प्रदीप उसे अपने कमरे में ले गया। यहां पर दोनों उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। चिल्लाने पर दोनों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद दोनों ने बारी-बारी से बच्ची के शव के साथ दुष्कर्म की घिनौनी वारदात की। पकड़े जाने के डर से उसके कपड़ों को जला दिया और तसले को छत पर छिपा दिया। शव को वाल्मीकि चौपाल के पास नाले में नग्न अवस्था में फेंक दिया था। वारदात के बाद दोनों फरार हो गए थे।
गंदे नाले में पड़ा मिला मासूम का शव
परिवार वाले बेटी की तलाश करते रहे। 14 जनवरी की सुबह मासूम का शव गंदे नाले में पड़ा देखा। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। परिवार वालों को किसी पर भी शंका नहीं थी। इसके बाद पुलिस जांच में आरोपितों का पता चला। प्रदीप ने रिमांड में गुनाह कबूल किया और सागर को भी गिरफ्तार कर लिया गया। शुक्रवार को पानीपत अदालत ने दोनों हैवानों को फांसी की सजा सुनाई।
पुलिस को मिले कई अहम सबूत
पुलिस ने इस मामले में धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया तथा तफ्तीश शुरू की। पुलिस को तफ्तीश के दौरान कई अहम सबूत मिले जिससे धीरे-धीरे पुलिस की तफ्तीश तथा मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई शुरू हुई। मेडिकल रिपोर्ट में पुलिस ने पाया कि यह अपराध पोस्को एक्ट के तहत हुआ है। पुलिस ने अपनी पड़ताल के दौरान प्रदीप पुत्र दयानंद व सागर पुत्र चंद्रभान वासी उरलाना कला को सबूत मिलने पर गिरफ्तार किया।