नवजोत सिद्धू के खिलाफ फौजदारी मुकदमा दर्ज, पुलिस के खिलाफ की थी गलत टिप्पणी

punjabkesari.in Sunday, Feb 20, 2022 - 03:40 PM (IST)

चंडीगढ़( चंद्रशेखर धरणी): चुनावी रैली के दौरान कांग्रेसी उम्मीदवार नवतेज सिंह चीमा के पक्ष में चुनाव प्रचार करना पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के लिए बड़ी मुसीबत बनता दिख रहा है। इस रैली के संबोधन में सिद्धू द्वारा पुलिस पर की गई टिप्पणी उन्हें मुश्किलों में डाल सकती है। सिद्धू के खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस उपाधीक्षक दलशेर सिंह चंदेल ने मानहानि का फौजदारी मुकदमा दायर किया है। मुकदमा पुलिस के लिए अपमानजनक शब्दों के प्रयोग के कारण दायर करवाया गया है। दरअसल 20 फरवरी को पंजाब  विधानसभा चुनाव  संपन्न हुए। कपूरथला के सुलतानपुर लोधी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार नवतेज सिंह चीमा को बनाया था।

उनके पक्ष में कांग्रेस स्टार प्रचारक एवं प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू एक रैली संबोधित करने पहुंचे थे। जिसमें उनके द्वारा पुलिस पर टिप्पणी की गई कि कांग्रेस का उम्मीदवार नवतेज सिंह चीमा इतना मजबूत व्यक्ति है कि यदि पुलिस पर तेज आवाज से बोल देता है तो थानेदार तक का भी बाथरूम निकल जाता है। इन शब्दों के प्रयोग के बाद सिद्धू ने जनता को ताली बजाने के लिए भी कहा। इससे आहत होकर चंडीगढ़ पुलिस डीएसपी चंदेल काफी आहत हुए। उनका मानना है कि नवजोत सिंह सिद्धू एक राष्ट्रीय स्तर के नेता हैं और पूरे विश्व में उनकी बात सुनी जाती है। उनके इस बयान से पुलिस बारे एक गलत संदेश पूरे विश्व में गया कि हमारे देश की पुलिस इतनी कमजोर है कि विधायक के एक उम्मीदवार की तेज आवाज से पुलिस का बाथरुम निकल जाता है और उसके बाद जिस प्रकार से पुलिस की कमजोरी पर देश के लोगों को खुशी मनाने के लिए कहा गया यह एक बहुत बड़ा अपमान है।

चंदेल द्वारा दायर मुकदमे में कहा गया कि देश की पुलिस और फौज की बहादुरी का गुणगान होना चाहिए, बहादुरी पर खुशियां बनानी चाहिए, ताकत पर तालियां बजनी चाहिए, लेकिन सिद्धू ने पुलिस को कमजोर बताते हुए इतनी गलत टिप्पणी की है। इस बारे जानकारी देते हुए एडवोकेट डॉ सूर्य प्रकाश ने बताया कि इस मुकदमे से पहले कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को नोटिस भी भेजा गया था और जनता के बीच आकर अपने कही गलत बात पर माफी मांगने की बात कही गई थी। लेकिन उन्होंने इस पर गौर नहीं किया। पुलिस फोर्स के बारे में लोगों को छोटा या कमजोर ना बताया जाए। पुलिस की छवि देश - विदेश में धूमिल ना हो, इसलिए डीएसपी चंदेल ने यह कदम उठाया है। उन्होंने अपने मानहानि के केस में किसी भी प्रकार से पैसे की मांग नहीं की है। उन्होंने न्यायालय से मांग की है कि सिद्धू को बुलाकर पूरी बात पूछी जाए और फिर उन्हें जेल भेजा जाए। इस प्रकार की टिप्पणी इतने बड़े नेता के मुंह से करनी देश की व्यवस्था- देश की ताकत- देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए सही नहीं है। इसलिए चंदेल द्वारा यह फैसला लिया गया है।

 


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Content Writer

Isha

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