RTI में खुलासा: सोनीपत व पानीपत नगर निगमों में ठोस कूड़ा प्रबंधन प्रोजेक्ट में हुआ करोंड़ो का घोटाला

punjabkesari.in Wednesday, Sep 23, 2020 - 05:23 PM (IST)

सोनीपत(पवन राठी): सोनीपत में आज आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने ठोस कूड़ा प्रबंधन प्रोजैक्ट में घोटाले का आरटीआई से खुलासा करते हुए जेबीएम कम्पनी को दिए ठेके को रद्द करने, भुगतान की गई पेमेंट वसूल करने व घोटाले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। पूर्व मंत्री कविता जैन के कार्यकाल में घर-घर से कूड़ा  उठाने व कूड़े से बिजली बनाने के इस प्रोजैक्ट का ठेका 22 वर्ष की लम्बी अवधि के लिए करीब ढाई वर्ष पहले दिया गया था। सोनीपत कलस्टर में शामिल नगर निगम सोनीपत, नगर निगम पानीपत, नगरपालिका समालखा व गन्नौर क्षेत्र में कुल 54.82 करोड़ रूपये की पेमेंट जय भारत मारूति कम्पनी (जेबीएम) को कुल 5,48,251 टन कूड़ा उठाने के बदले की जा चुकी है।

आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने बताया कि टैंडर एग्रीमेंट की शर्तों मुताबिक प्रोजैक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) की मॉनिटरिंग में यह प्रोजैक्ट चलना था। पीएमयू द्वारा की गई मॉनिटरिंग व बिलों की वैरीफिकेशन व अप्रूवल के बाद ही बिलों का भुगतान किया जाना था। लेकिन पीएमयू की बिना मॉनिटरिंग व अप्रूवल के गैर कानूनी तरीके से कम्पनी को 54.82 करोड़ रूपये का भुगतान कर दिया गया।

टैंडर एग्रीमेंट की शर्तों के अनुसार कम्पनी पर सात लाख या ज्यादा का जुर्माना लगने पर नगर निगम को ठेका रद्द करने का अधिकार प्राप्त है। लेकिन नगर निगम सोनीपत ने 10.55 लाख रूपये का जुर्माना लगाने के बावजूद भी ठेका रद्द नहीं किया। इसी तरह नगर निगम पानीपत ने 4 जुलाई 2019 को हाउस मीटिंग में ठेका रद्द करने का प्रस्ताव पारित कर दिया। लेकिन फिर भ्रष्टाचार व कमीशनखोरी के खेल के चलते ठेका रद्द करने के प्रस्ताव को सरकार को भेजा ही नहीं, फाईल गायब करा दी गई। ना ही कम्पनी को कभी जुर्माना लगाया। इस घोटाले के कारण जो काम पहले लाखों रूपये में होता था वह इस ठेके के बाद करोड़ों रूपये में करवाया जा रहा है। डोर टू डोर कूड़ा उठाने के बदले लोगों की पर्चियां काटकर कम्पनी करोड़ों रूपये जनता से भी वसूल रही है। 

जेबीएम कम्पनी के विदेश में प्लांट की जांच करने तत्कालीन शहरी निकाय मंत्री कविता जैन के नेतृत्व में छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने 2 जुलाई 2017 से 9 जुलाई 2017 तक पौलैंड व कजाकिस्तान का दौरा किया। पांच दिवसीय पोलैंड दौरे में तकनीकी विशेषज्ञ एवं मुख्य अभियंता ओपी गोयल के मौजूद ना होने के बावजूद तत्कालीन मंत्री कविता जैन ने कम्पनी के हक में सिफारिश कर दी थी। इसी सिफारिश के आधार पर जेबीएम को 22 वर्ष का ठेका दिया गया। पीपी कपूर ने आरोप लगाया कि इस विदेश दौरे में अपने साथ तत्कालीन मंत्री कविता जैन गई थी 


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Isha

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