अंतिम दिन गीता जयंती देखने उमड़ी भीड़, शहर में लगा जाम(VIDEO)

punjabkesari.in Monday, Dec 09, 2019 - 12:36 PM (IST)

कुरुक्षेत्र(ब्यूरो) : अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर रविवार को हजारों की भीड़ ब्रह्मसरोवर के चारों ओर उमड़ पड़ी। शहर के सभी मुख्य मार्गों पर जाम लग गए। पिपली से लेकर अम्बेदकर चौक तक किसी भी मुख्य चौक पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती नहीं की गई, जिस कारण वाहनों की लंबी कतारें लग गई। अव्यवस्था का बोलबाला रहा। सरोवर के आसपास भारी भीड़ के चलते कई पर्यटकों की जेबों से नकदी व अन्य आवश्यक कागजात चोरी कर लिए गए। दूर दराज से आए पर्यटकों ने पुलिस चौकी में जाकर चोरी की वारदातों के बारे जानकारी दी। हालांकि सरोवर के आसपास सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए गए हैं लेकिन पुलिस ने असामाजिक तत्वों पर कोई निगरानी नहीं रखी। 

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 हालांकि धर्मनगरी कुरुक्षेत्र को अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के आयोजन के लिए विश्व स्तर पर अलग पहचान मिल रही है। देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले पर्यटकों तथा कलाकारों से सुसज्जित महोत्सव एक लघु भारत की छठा बिखेर रहा है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए कलाकार अपने-अपने राज्य की संस्कृति का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। वहीं शिल्पकार सरस व क्राफ्ट मेले में अपने प्रदेशों की सभ्यता व वेशभूषा आदि का प्रचार कर रहे हैं। स्थानीय लोगों के बीच यह संगम उत्सुकता का विषय बना हुआ है। कुरुक्षेत्र के गांव बाबैन की सुधा रानी कहती हैं कि वैसे तो उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में जाने का अवसर पता नहीं कब मिलेगा, लेकिन गीता महोत्सव में उन्हें देश की अद्भुत संस्कृति के दर्शन हो रहे हैं।

शहरवासी मक्खन लाल ने कहा कि इतने बड़े इवैंट के लिए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए जाने चाहिएं जबकि पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर लंबे चौड़े वायदे किए थे। मेले में लोग परिवार सहित आ रहे हैं, जिन्हें अपने देश की संस्कृति से रू-ब-रू होने का स्वॢणम अवसर मिल रहा है।  यू.पी. से आए पर्यटक राम रंजन ने कहा कि गीता महोत्सव में वाटर लेजर शो के माध्यम से लोगों को गीता का संदेश दिया जा रहा है। यूं तो आयोजन स्थल में प्रवेश मात्र से ही गीता के संदेशों से किसी न किसी रूप में परिचित होने का अवसर मिल रहा है।

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साथ ही इस प्रकार के आयोजन व विचार गोष्ठियां विषय को विस्तार से समझाने में मदद करते हैं। महोत्सव स्थल पर जगह-जगह बीन तथा नगाड़े बज रहे हैं, जहां से गुजरने वाले युवक-युवतियां कलाकारों के साथ थिरकने को विवश हो उठते हैं। इससे सरस व क्राफ्ट मेले में स्टाल लगाने वाले शिल्पकारों का भी मनोरंजन हो रहा है। हिमाचल से आई कविता कहती हैं कि महोत्सव में समय कब बीत जाता है पता ही नहीं चलता। ब्रह्मसरोवर से हटकर भी गीता महोत्सव की छठा बिखेरी जा रही है।

मेला ग्राऊंड में बच्चों के लिए झूले लगाए गए हैं तो संध्या को संगीतमय बनाने के लिए प्रतिदिन प्रसिद्ध कलाकारों की प्रस्तुतियों का आयोजन किया जा रहा है। सोनीपत से आए बिजेन्द्र सिंह व यमुनानगर के सतबीर तथा राजस्थान के बृजमोहन का कहना था कि महोत्सव अपने आप में एक अनूठा व बेहतरीन आयोजन है। यहां लोगों को नायाब वस्तुओं की खरीदारी के लिए भी बेहतरीन मंच मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन नियमित रूप से किए जाते रहने चाहिएं।


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Edited By

vinod kumar

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