नाले में मिला युवक का शव, नौकरी करने की बात कहकर घर से निकला था मृतक
punjabkesari.in Friday, Jun 18, 2021 - 09:19 AM (IST)
फरीदाबाद (ब्यूरो) : बल्लभगढ़ सिटी थाना क्षेत्र के गोछी नाले में सरुरपुर मार्ग पर पुलिस को एक 20 वर्षीय युवक का शव कचरे में फंसा हुआ मिला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को निकलवाकर बीके अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है। जहां मृतक के माता-पिता ने शव की पहचान कर अपने बेटे की हत्या की आशंका जताई है। पुलिस ने पिता की रिपोर्ट पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मृतक के पिता लखन सिंह ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ सेक्टर-4 पटेल नगर झुगगी में रहते हैं।
उन्होंने बताया कि बडे बेटे मनीष ने बिहार से 10 वीं पास की है और वह कह रहा था कि पापा मैं डियूटी करने जाउंगा। 9 जून की शाम 7 बजे वह घर से नौकरी करने के नाम पर निकल गया था। उसके साथ उसका दोस्त सोनू भी था। लेकिन मनीष के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की ओर मोबाइल छीन लिया। मनीष ने यह बात अपनी मां को गांव फोन कर बताया कि उसे पीटा गया है और मोबाइल छीन लिया है। मां ने जब उसे पिता के पास जाने को कहा तो उसने कह दिया कि पिताजी मारेंगे इसलिए में मोबाइल लेकर ही 11 तारिख तक घर लौटूंगा। लेकिन दोबारा उसका फोन आया और उसने कह दिया कि 11 जून को भी उसे मोबाइल नहीं दिया गया।
इसके बाद उसने कोई फोन नहीं किया। 12 जून को मां के गांव से लौटने के बाद माता-पिता और उसके रिश्तेदारों ने सभी जगह उसकी तलाश की। लेकिन नहीं मिला इसके बाद 15 जून को राहगीरों को मनीष का शव गोंछी नाले में सरुरपूर रोड़ के पास कचरे में पड़ा दिखा। लोगों की सूचना पर मौंके पर पहुंच पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसे बीके अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया था। मृतक की मां ने बेटे के शव की पहचान कर दी। अब पिता न पुलिस को दिए बनाय में उसके दोस्त सोनू पर हत्या का शक जताया है। उन्होंने कहा कि उसके साथ मारपीट की और उसका गला दबाकर हत्या कर नाले में फैंक दिया। परिजनों ने पुलिस से आरोपियों को गिरफ्तार करनेे की मांग की है।
नौकरी कर पिता का हाथ बंटाना चाहता था
लखन सिंह ने बताया की वह मजदूरी का काम करते हैं और उनके चार बच्चें हैं। जिसमें सबसे बड़ा मनीष ही था। मनीष के बाद अमित, विकास और सबसे छोटी 11 वर्षीय डोली बेटी हैं। मनीष सेक्टर-7 के सरकारी स्कूल में 10 वीं में पढ़ रहा था। लेकिन फेल हो जाने की वजह से उन्होंने मनीष को बिहार नवादा जिले में अपने पैतृक गांव से 10वीं में दाखिला दिलवा दिया था और इसी साल उसने वहां से 10वीं की थी। उसका मन पढ़ाई में नहीं था इसलिए वह नौकरी करना चाहता था।
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