कोरोना काल में डेंगू-मलेरिया की चुनौती, बिना फील्ड वर्करों के कैसे हो सर्वे

punjabkesari.in Saturday, Jun 27, 2020 - 11:09 AM (IST)

फरीदाबाद (सुधीर राघव) : मानसून की बारिश शुरू होने से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ेगा। लेकिन मलेरिया विभाग कोविड-19 वायरस संक्रमण के चलते पहले से ही सर्वे और सेनेटाइजेशन कार्य में लगा है और फील्ड वर्करों की कमी से जुझ रहा विभाग न तो सेनेटाइजेशन कार्य सही तरीके से कर पा रहा है और न ही डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया सर्वे का काम आगे बढ़ा है। ऐसे में इन मौंसमी बीमारियों से निपटना स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती भरा होगा। हालांकि अभी तक जिले में एक भी डेंगू व मलेरिया के मामले सामने नहीं आया है। अब जैसे मानसून आगे बढ़ेगा उसी तरह मरीजों की संख्या में इजाफा होता चला जाएगा, जो खतरनाक है। 

आलम यह है कि इन दिनों मलेरिया विभाग में तैनात 72 में से 40 फ ील्ड वर्करों और बहुउद्देशिय स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यिूटी शहर में तैयार किए गए 213 कंटेनमेंट जोन में कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान के लिए घर-घर जाकर सर्वे करने और सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार और सांस के रोगियों को डिटेक्ट करने में लगी हुई है। ऐसे में डेंगू और मलेरिया के सर्वे पर बंद पड़ा है। ऐसे में यह कर्मचारी एक साथ दो-दो जिम्मेदारी कोविड-19 और डेंगू-मलेरिया के रोकथाम का काम कैसें संभालेंगे। जबकि कुछ घरों के कूलर में भरे पानी में डेंगू मच्छर का लार्वा भी मिल चुका है। ऐसे में विभागीय अधिकारियों को चिंता और अधिक बढ़ गई है। 

तीन माह से बंद पड़ी है मलेरिया जांच
इस बार अभी तक पिछले तीन महीने से बुखार से संक्रमित लोगों के मलेरिया जांच के लिए मात्र तीन चार ही स्लाइड तैयार किए गए है। जिले के कोराली व मोहना में पिछले कुछ वर्षो से मलेरिया के मरीज सबसे अधिक पाए गए हैं यहां पिछले महीने मलेरिया के एक मरीज की पहचान भी हो चुकी है। लेकिन लैब टेक्नीशियन की ड्यूटी जिले के आईडीएसपी लैब में लगा दी गई है। 


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Edited By

Manisha rana

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