हरियाणा में नहीं बंद होंगी इंटरनेट सेवाएं, भारत बंद के मद्देनजर केंद्र ने 13 कंपनियां दी: डीजीपी

punjabkesari.in Monday, Dec 07, 2020 - 09:54 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा व पंजाब के किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन छेडऩे के बाद अब 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। जिसको मद्देनजर रखते हुए हरियाणा पुलिस भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मुस्तैद होने लगी है। हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव भी भारत बंद को संजीदगी से ले रहे हैं। भारत बंद को लेकर पंजाब केसरी ने डीजीपी हरियाणा से विशेष बातचीत की, जिसमें उन्होंने बताया कि बंद के दौरान हरियाणा में इंटरनेट सेवाएं बंद नहीं की जाएंगी। 

डीजीपी मनोज यादव ने कहा कि कल के बंद के मद्देनजर केंद्र ने हरियाणा को 13 कंपनियां दी हैं, जिनमें से 9 रैपिड एक्शन फोर्स और 4 पैरामिलिटरी फोर्स है। कल ड्रोन से नजर रखी जाएगी और वीडियोग्राफी करवाई जाएगी। सोनीपत, झज्जर और रोहतक में पैरामिलिट्री तैनात की गई है।

उन्होंने बताया कि कुरुक्षेत्र, अम्बाला, जींद ,सभी आयोजकों से पुलिस ने संपर्क साधा है कि बंद को लेकर किसी से जोर जबरदस्ती न करें। आवश्यक वस्तुएं और सेवाएं बहाल रहें, इसके लिए आयोजकों ने ऐलान कर दिया है। हमारा प्रयास भी रहेगा कि सड़कें चलती रहें और अन्य जीवन भी सामान्य रहे। पुलिस के पास सूचना आ गई है कि कहां-कहां लोग एकत्रित होंगे वहां पुलिस पूरी मुस्तैदी से तैनात होगी। 

किसानों द्वारा भारत बंद के आह्वान के बाद हरियाणा पुलिस पूरी तरह से अलर्ट मोड पर दिख रही है। हरियाणा पुलिस चप्पे-चप्पे पर नजर बनाए हुए हैं। कहीं यह आंदोलन जाट आंदोलन की तरह उग्र रूप ना ले ले, इसे लेकर हरियाणा सरकार और पुलिस बल किसी प्रकार की लापरवाही करने के मूड में नजर नहीं आ रहा है। 

डीजीपी मनोज यादव से पंजाब केसरी की खास बातचीत की प्रमुख अंश-

प्रश्न:-
8 तारीख को भारत बंद का ऐलान है। पुलिस प्रशासन अलर्ट पर है। किस प्रकार के प्रबंध किए गए हैं?
उत्तर:- हमारी गाइडलाइन सिर्फ यह है कि जो बंद है यह हमारी प्रजातांत्रिक व्यवस्था है। इसमें लोगों को शांति प्रिय अपना रोष प्रकट करने का अधिकार है। पुलिस का काम कानून व्यवस्था स्थापित करना, आम आदमी को कष्ट न हो और लोगों की परेशानियों को कम किया जा सके। इसके लिए हम लोग जितने भी बंद के आयोजक हैं, उनसे हम संपर्क में हैं। जिला प्रशासन के लोग उनसे संपर्क स्थापित कर रहे हैं और कोशिश कर रहे हैं उनकी बंद कि ऑब्जरवेशन भी हो जाए और समाज में शांति भी बनी रहे।

प्रश्न:- कानून व्यवस्था ना बिगड़े, क्या इसके लिए अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया है? विशेष तौर पर सोनीपत, गुडग़ांव फरीदाबाद यह तीनों दिल्ली के प्रवेश द्वार हैं?
उत्तर- इसके लिए हमें केंद्र से 13 कंपनी मिली हैं, जिसमें से 9 कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स की है। जब दिल्ली के बॉर्डर के नजदीक कुंडली बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर धरना शुरू हुआ, पुलिस ने तुरंत होम मिनिस्ट्री एमएचए को दख्र्वास्त दी और उन्होंने हमें अतिरिक्त पुलिस बल दिया। ऐसी स्थिति में आरएएफ हमारी कानून व्यवस्था बनाने में बहुत मदद करता है। हमने उनकी मदद से सोनीपत, झज्जर, पलवल में पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात किया है। इसके अलावा हरियाणा की 13 कंपनियां इंडिया रिजर्व बटालियन और एचएपी को भी मोबिलाइज किया है तो हमारा पूरा इंतजाम है। 

प्रश्न:- आपातकालीन सेवाओं को जारी रखने के लिए कोई विशेष प्रबंध किए गए हैं?
उत्तर:- जो आयोजक हैं उन्होंने ही यह घोषणा कर दी है कि जो आपातकालीन सेवाओं है वह खुला रखेंगे, विशेष तौर पर एंबुलेंस सर्विस, शादी विवाहों को भी नहीं रोका जाएगा। इसके अलावा बिजली, पानी की व्यवस्था और सड़कें चलती रहें यह भी हमारी कोशिश रहेगी। आज हमारे माननीय मुख्य सचिव ने मीटिंग ली थी उन्होंने इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं कि आम आदमी को बिजली, पानी, दवाइयों और अस्पताल संबंधित कष्ट न हो।

प्रश्न:- हरियाणा में किन-किन जिलों में धारा 144 लागू की गई है?
उत्तर:- धारा 144 अलग-अलग समय पर लगाई जाती है। जब पंजाब से किसानों का मार्च आ रहा था तो 23-26 नवंबर तारीख को लगाई गई थी। यह हमें जिले से ही चेक करना होगा, क्योंकि यह स्थानीय कानून व्यवस्था की स्थिति के हिसाब से जिला मजिस्ट्रेट लगाता है।

प्रश्न:- इंटरनेट सेवा खासतौर पर दिल्ली से जुड़े क्षेत्रों में भी क्या बंद करने पर कोई विचार है?
उत्तर:- अभी ऐसा कोई विचार हमारा नहीं है, आपने देखा होगा 23-26 नवंबर में जब पंजाब के किसानों का दिल्ली मार्च था, तो भी कई विषम परिस्थितियां बनी, लेकिन फिर भी हमने इंटरनेट सेवा बंद नहीं की। इसलिए अभी मैं जरूरी नहीं समझता कि इस प्रकार का कोई कदम उठाया जाए।

प्रश्न:- हरियाणा में संवेदनशील क्षेत्र कौन से हैं?
उत्तर:- इस समय सबसे संवेदनशील क्षेत्र हरियाणा में टिकरी बॉर्डर जहां करीब 32000 पंजाब के किसान जिसमें वृद्ध, माताएं, बहनें, बच्चे, ट्रैक्टर, ट्राली और ट्रक गाडिय़ां हैं। इसी प्रकार से हमारा कुंडली बॉर्डर जहां लगभग 28000 के करीब लोग हैं। यह हमारे बहुत बड़ी चुनौती है, क्योंकि यह लोग सड़कों पर हैं, दूसरे राज्यों से आए हुए हैं, मौसम बहुत खराब है। लगभग सात-आठ लोगों की मृत्यु हार्टअटैक और रोड एक्सीडेंट से हो चुकी है। वह क्षेत्र हमारे लिए संवेदनशील हैं। पलवल जिले के बॉर्डर से भी कुछ किसान शिवपुरी, ग्वालियर से आए हुए हैं। यह भी लॉ एंड आर्डर की दृष्टि से संवेदनशील हैं। विशेष तौर पर दिल्ली के आसपास का क्षेत्र जिसे ब्लॉक करने का प्रयास किसान संगठनों द्वारा किया जा रहा है। वह हमारे लिए अति संवेदनशील क्षेत्र हैं।


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Shivam

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