अब न तो संगठित अपराधी बच पाएंगे और ना ही अपराध की दुनिया से अर्जित उनकी संपत्ति: मनोज

punjabkesari.in Tuesday, Apr 13, 2021 - 07:32 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): काफी लंबे समय से पुलिस के लिए परेशानी का सबब बने संगठित अपराधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। पुलिस अब न केवल उन्हें पकड़ने का अभियान चलाए हुए हैं। बल्कि इसके साथ-साथ पुलिस जमानत पर आए संगठित अपराधियों की दोबारा क्राइम करने के बाद पुरानी जमानते भी कैंसिल करवा रही है। इसके अलावा अवैध कामों और अपराध की दुनिया से अर्जित चल व अचल संपत्ति को भी जब्त करने करने की तैयारी कर चुकी है। 

इसी को लेकर पंजाब केसरी ने हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव से एक्सक्लूसिव बातचीत की। जिसमें उन्होंने बताया कि प्रदेश के गृह मंत्री ने प्रदेश में हो रहे संगठित अपराधों को लेकर काफी सख्त आदेश दिए हैं। डीजीपी मनोज यादव ने बताया कि जल्द ही राष्ट्रपति की अनुमति के बाद प्रदेश में मकोका के तर्ज पर हरकोका कानून लागू हो जाएगा। उसके बाद संगठित अपराधियों की खैर नहीं। क्योंकि इसके बाद पुलिस को इन अपराधियों के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की पावर मिल जाएगी। डीजीपी मनोज यादव ने बातचीत के दौरान कई जानकारियां साझा की। जिसके अनुसार के सामने प्रस्तुत हैं:-

प्रश्न- पुलिस ने आजकल गैंगस्टर्स पर धावा बोला हुआ है, उसके बारे में कुछ बताएं ?
उत्तर- हमारे गृह मंत्री ने आदेश दिया है कि हमें हरियाणा को क्राइम मुक्त बनाना है और विशेष तौर पर जो हिंसक और संगीन अपराध हैं इससे प्रदेश को मुक्ति दिलवानी है। एक तो हम विशेष तौर पर बेल जंपर को पकड़ने के लिए अभियान चलाए हुए हैं और साथ ही वह नाजायज हथियार जिन्हें अपराधी क्राइम में इस्तेमाल करते हैं। जिस प्रकार से 2 दिन पहले फरीदाबाद पुलिस ने दो लाख का इनामी मनोज मांगड़िया जिसने दूसरे गैंगस्टर मनोज भाटी का लगभग 3 महीने पहले मर्डर किया था और वह उसी समय से भागा हुआ था, उसे गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है और उससे हथियार भी पकड़े गए हैं। इसी प्रकार गुरुग्राम का कौशल गैंग का एक मुख्य हत्यारा जिस पर दो मर्डर केस हैं और वह वांटेड था। गुरुग्राम पुलिस और एसटीएफ ने ज्वाइंट ऑपरेशन में इस दीपक नाम के कुख्यात को गिरफ्तार किया है।

इसी प्रकार करीब एक हफ्ता पहले नारनौल पुलिस ने एक चीकू नाम का गैंगस्टर जिसकी नारनौल में काफी एक्टिविटी थी अवैध माइनिंग और अवैध शराब के कामों में यह शामिल था। उसके किले नुमा मकान पर रेड मार कर उसे गिरफ्तार किया गया है। जहां से तीन हथियार भी बरामद किए गए हैं। साथ ही सीआईएसफ से कमांडो के पद से रिटायर्ड उसके जीजा को भी गिरफ्तार किया गया है। इसके अतिरिक्त सत्यवान बईयापुर नाम का एक संगीन अपराधी एक बड़ा गैंगस्टर जिस पर 30 संगीन मामले सोनीपत, रोहतक जिले में चल रहे हैं उसे व उसके गैंग के छह साथियों को अरेस्ट किया गया है। हरियाणा पुलिस का शिकंजा इस प्रकार के जो संगठित अपराधी हैं उन्हें पकड़ कर उनकी सही जगह पर पहुंचाने के लिए कस दिया गया है।

प्रश्न- संगठित अपराधों को रोकने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा एक नया कानून बनाने की तैयारी की गई है। वह क्या है ?
उत्तर- हमने हरकोका नाम का एक कानून बनाने की तैयारी की है। राष्ट्रपति की अनुमति के बाद यह लागू हो जाएगा। उसके बाद हरियाणा पुलिस के हाथ काफी मजबूत हो जाएंगे और संगठित अपराधों को रोकने के लिए यह एक ठोस कानून मिलेगा। यह कानून मकोका के तर्ज पर बनाया गया है। संगठित अपराधियों पर नकेल डालने के लिए कठोर कार्रवाई के लिए यह कानून अति आवश्यक महसूस हो रहा था। इस कानून का मुख्य उद्देश्य संगठित अपराध पर अंकुश लगाना है। इस प्रकार का कानून इससे पहले महाराष्ट्र और दिल्ली में लागू है। महाराष्ट्र ने संगठित और अंडरवर्ल्ड अपराध को समाप्त करने के लिए इसे लागू किया था। वर्ष 2002 में दिल्ली सरकार ने भी इसे लागू कर दिया था। संबंधित राज्यों की पुलिस द्वारा इस एक्ट के तहत जबरन वसूली, फिरौती के लिए अपहरण, हत्या की कोशिश, उगाही, हत्या जैसे मामलों पर इसके तहत कार्रवाई की जाती है। हरकोका लगने के बाद अपराधियों को आसानी से जमानत नहीं मिल पाएगी।

प्रश्न:- आईपीसी और इसमें क्या फर्क रहेगा और क्या एक आम जांच अधिकारी अपने लेवल पर इसके तहत कार्रवाई कर पाएगा ?
उत्तर- हरियाणा सरकार द्वारा प्रस्तावित हरकोका एक्ट लागू होने के बाद किसी भी अपराधी के खिलाफ इस एक्ट के तहत कार्रवाई करने से पहले संबंधित अतिरिक्त पुलिस आयुक्त या इस स्तर के अन्य अधिकारी से मंजूरी लेनी पड़ेगी। जो अपराधी अंतिम 10 वर्षों के भीतर कम से कम दो संगठित अपराधों में लिप्त पाया गया हो उसके खिलाफ इस प्रकार की कार्रवाई की जाएगी। आईपीसी में चार्जशीट 90 दिन के अंदर दाखिल की जाती है। इसमें 180 दिन में यह दाखिल की जा सकेगी। आईपीसी में 15 दिन का रिमांड अत्याधिक जबकि इसमें 30 दिन तक का रिमांड पुलिस ले पाएगी। आईपीसी में बहुत कम ही केसों में फांसी का प्रावधान है। इसमें सजा कम से कम 5 वर्ष और फांसी की सजा का भी प्रावधान रहेगा। इस कानून के तहत कार्रवाई के बाद अपराधी को आसानी से जमानत नहीं मिल पाएगी। जिससे संगठित अपराधों से काफी हद तक निजात मिलेगी।

प्रश्न- आज का नौजवान अपराधियों द्वारा अपराध की दुनिया से अर्जित संपत्ति को देखकर काफी आकर्षित होता है। क्या संपत्ति पर भी किसी प्रकार की कार्रवाई की जा सकती है ?
उत्तर- जी हां, इसमें एक कानून का प्रावधान है। जिसका अभी तक इस्तेमाल नहीं हो रहा था। जो पीएमएलए यानि प्रीवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट। उसके प्रावधानों के तहत यह व्यवस्था है कि जो प्रोसीड ऑफ क्राइम यानि अपराध के द्वारा जो अर्जित संपत्ति चाहे चल या अचल संपत्ति है उसको सरकार जब्त कर सकती है। अब हमने अपनी तफ्तीश को नया आयाम दिया है और हम गैंगस्टर के जरिए अपराध के द्वारा अर्जित की गई संपत्ति का पता लगाकर उसकी पूरी डिटेल ईडी के पासऑन करते हैं। तो उसके बाद अपराधिक इतिहास पर ईडी केस दर्ज करती है और कानून के तहत ईडी (इंफोर्समेंट डायरेक्ट) को यह अधिकार होता है कि वह प्रॉपर्टी को जब्त कर ले। हम समझते हैं कि ऐसा करना बहुत आवश्यक है। यह जो समाज में धारणा बनती जा रही है कि अपराध लाभकारी है। उस सोच को बदलना है। 

प्रश्न- क्या अभी तक इस प्रकार की कोई कार्यवाही की गई है या अभी शुरू करेंगे ?
उत्तर- नहीं, हम कई केसों में कर चुके हैं। सिरसा और फतेहाबाद जिले में कई बड़े ड्रग स्मगलरों के रेफरेंस हमने भेजे हैं और उनकी प्रॉपर्टी को हमने एनडीपीएस एक्ट के प्रावधानों के तहत चिन्हित की है और तीन बड़े नशा तस्करों की प्रॉपर्टी को ज्वाइंट सेक्रेटरी रिवेन्यू से अटैचमेंट आर्डर जारी करवाए हैं। आपको शायद याद हो फतेहाबाद में एक बहुत बड़ा स्कैम फ्यूचर मेकर स्कैम हुआ था। उसमें जो संपत्ति अर्जित की गई थी। उसको भी हमने हरियाणा प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट डिपॉजिटर के प्रावधानों के तहत संबंधित उपायुक्त के द्वारा अटैच करवाया था।

प्रश्न- यानि अब हरियाणा पुलिस का पूरा ध्यान अपराधों पर अंकुश लगाने का है ?
उत्तर- बिल्कुल सबसे पहले तो नाजायज हथियार के हम सोर्स तक पहुंच रहे हैं कि आखिर वह लाया कहां से गया है। हमने आगरा, मेरठ यहां तक की इंदौर तक में जाकर रेड करके जिस फैक्ट्री से वह खरीदे गए थे उस आदमी को वहां से उठाकर लाए हैं। पहले पुलिस केवल हथियार पकड़ कर ही संतुष्ट हो जाती थी। इसी प्रकार जब हम ड्रग स्मगलर को पकड़ते हैं। हम उसका भी सोर्स पर शिकंजा कसते हैं। हम दिल्ली से कई नाइजीरियन को पकड़ कर लाए हैं। पहली बार हम 1 डिग्री पीछे जा रहे हैं और अपराध की जड़ तक पहुंच रहे हैं। दूसरा संगठित अपराधी अपराध करके जब जेल जाता था तो वह जमानत पर आने के बाद फिर से दोबारा क्राइम करता था। लेकिन जमानत का यह अर्थ कतई नहीं है कि आप जमानत की फैसिलिटी को दोबारा क्राइम के लिए करें। जब हम दोबारा पकड़ते हैं तो अब हम पुराने केसों में भी जमानत कैंसिल करवा रहे हैं।

प्रश्न- अब तक ऐसे कितने मामलों में पुराने केसों में जमानत कैंसिल करवाई गई है ?
उत्तर- हम आपको डाटा निकाल कर दे देंगे। कम से कम हमने 50 केसों में जो बड़े अपराधी थे, क्योंकि वह जब नया अपराध करता है तो उस केस में अंदर जाता है। तीन-चार महीनों में फिर जमानत हो जाती है और बाहर आ जाता है। हमने कोर्ट में जाकर कहा कि आपने बेल अपराध करने के लिए तो नहीं दी थी। इसका मतलब यह बेल का हकदार नहीं है। पुरानी बेल भी कैंसिल की जाए। हमें न्यायिक से बहुत बड़ा सहयोग मिल रहा है।

प्रश्न- कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए क्या पुलिस की सख्ती भविष्य में देखी जा सकती है ?
उत्तर- हमें 12-13 मार्च को हमारे गृह मंत्री जी ने आदेश दिया था कि केस बढ़ने शुरू हो गए हैं। दोबारा सख्ती की जरूरत है। तो मार्च के पहले दो हफ्तों में लगभग 2000 के आसपास प्रतिदिन हरियाणा में मास्क न पहनने के चालान का औसत आ रहा था। उसके बाद जब हमने सख्ती शुरू करने के लिए टीमों का गठन किया तो लगभग 6000 चालान प्रतिदिन प्रदेश में किए जा रहे हैं। यानि लगभग हर जिले से 300 चलाने की प्रतिदिन की औसत है। 

हम मार्केट प्लेसिस में जाते हैं और हमने मल्टी टीम बनाई है। जहां लोगों की भीड़ इकट्ठा होने के स्थान है। वहां मुंसिपल कमेटी और डीसी ऑफिस से 1-1 कर्मचारियों की 3 सदस्य टीम जाती है। जहां बैंकट हाल हो, मैरिज पैलेस हो। वहां देखते हैं कि 50 फीसदी क्षमता ही होनी चाहिए। लोग सोशल डिस्टेंसिंग पालन किए हुए हैं या नहीं। उसकी चेकिंग यह टीम करती है। बाकी जैसे भी आदेश, जैसी भी गाइडलाइन हमें मिलेगी। हम उसकी पालना करेंगे।
 

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Content Writer

vinod kumar

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