सरकार ने बेरोजगारी बढ़ाने में अपना योगदान देकर जले पर नमक छिड़का: बुद्धिराजा

punjabkesari.in Tuesday, Apr 28, 2020 - 06:34 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहर लाल खट्टर के एक बयान से प्रदेश का युवा व छात्र असमंजस में आकर भविष्य के लिए चिंतित हो रहा है क्योंकि मुख्यमंत्री ने बिना किसी नीति सोच के 1 साल तक कोई भी सरकारी भर्ती न करने के आदेश की बात कही। यह कहना हरियाणा एनएसयूआई के अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा का। जिन्होंने कहा है कि अब दुष्यंत-खट्टर सरकार का युवा विरोधी चेहरा बेनकाब हो चुका है, सरकार की रोजगार मेरा अधिकार मुहिम की धज्जियां उड़ चुकी है।

दिव्यांशु ने कहा कि एक तरफ तो राज्य में पहले ही रोजगार नहीं है और अब सरकार आगामी एक साल तक भी कोई भी भर्ती नहीं करेगी। प्रदेश में एक तरफ धंधे चौपट हो रहे हैं, लॉकडाउन के कारण आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है, बेरोजगारी चरम सीमा पर है  तो ऐसे समय में सरकार को तो रोजगार देने की बात करनी चाहिए थी लेकिन सरकार ने बेरोजगारी बढ़ाने में अपना योगदान देकर जले पर नमक छिड़कने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि तमाम सामाजिक व राजनीतिक संस्थाओं ने सरकार का लॉकडाउन में पूर्णत: समर्थन किया, जिसमें युवाओं ने अग्रिम श्रेणी में आकर मदद की, जिसके बदले में सरकार ने युवाओं को उनके साथ व काबिलियत का फल 1 साल तक सरकारी भर्तियां न करने का आदेश कर दिया।

दिव्यांशु ने कहा कि महत्वपूर्णत: जिन युवाओं की भर्ती की उम्र पूरी होने वाली है, उनके बारे में सरकार के पास अभी कोई वैकल्पिक योजना नहीं है। वहीं जिन छात्रों-युवाओं ने अपनी रोजी रोटी के लिए विभिन्न शिक्षण संस्थाओं से पिछले 6 महीने व 1 साल से तैयारी के लिए कोचिंग ली उनके बारे में भी सरकार ने ना सोचकर केवल तुगलकी फरमान जारी किया है। 

दिव्यांशु ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा क्लर्क के लिए 4858, पुलिस के 5500, केनाल पटवारी के 1100 ,लैंड पटवारी के 600, ग्राम सचिव के 700, पीजीटी संस्कृत के 631, इलेक्ट्रिशियन , सुपरवाइजर आदि के 1137 समेत कुल साढ़े 14 हजार से भी ज्यादा ऐसे पद हैं, जिनकी सरकार ने एडवरटाइजमेंट निकाली हुई है। जिनमें से क्लर्क,जेई, टैक्सेशन इंस्पेक्टर, स्टाफ नर्स, आईटीआई इंस्ट्रक्टर की भर्तियां तो बिल्कुल ही अंतिम चरण में हैं, जिनकी ज्वाईनिंग शेष है। आने वाले एक साल में भी अनेकों भर्तियां निकाली जानी थी परन्तु सरकार रोजगार न देना का मन बन चुकी है।

बुद्धिराजा ने कहा कि लॉकडाउन, कोरोना संकट, आर्थिक संकट में नौजवान दर-दर की ठोकरे खा रहा है। उसके पास गुण है, शिक्षा है, काबलियत है पर रोजगार नहीं है। पहले ही पिछले साढ़े 5 साल में इस सरकार ने हरियाणा के जवान को केवल लॉलीपॉप थमा रखा है। हमारे नौजवान नौकरी खो चुके हैं अब नया तुगलकी फरमान सुना दिया कि एक साल तक नई भर्ती नहीं करेंगे। हरियाणा का पढ़ा-लिखा युवा बिना रोजगार के कहां जाएगा?

दिव्यांशु बुद्धिराजा ने सचेत कर कहा है कि एनएसयूआई हरियाणा सरकार के इस फैसले के पूर्णत: खिलाफ है और सरकार तुरन्त प्रभाव से भर्तियां बहाल करे और सरकारी खर्चे कम करने का कोई दूसरा वैकल्पिक रास्ता निकाले।


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Shivam

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