कोरोना से बचाव के लिए योग करें लेकिन एहतियात के साथ, लोग कर रहे ऑनलाइन योग

punjabkesari.in Thursday, May 13, 2021 - 08:22 PM (IST)

रेवाड़ी/महेंद्रगढ़ (योगेंद्र सिंह): कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते लोग घर पर बैठे हैं, तो कई वर्क फ्रॉम होम में बिजी हैं। बावजूद कोरोना वायरस से बचाव के लिए हर व्यक्ति कोई ना कोई उपाय अवश्य कर रहा है। कोई भी उम्र हो, बुजुर्ग हो, युवा, बच्चे या गृहणियां देखने में आ रहा है कि इस समय अधिकतर की लाइफ स्टाइल में योग शामिल हो चुका है। ऑनलाइन योग करने वालों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि योग बेहतर स्वास्थ्य के लिए बहेतर है लेकिन इसके लिए एहतियात बरतना भी जरूरी है। इसी के चलते एक्सपर्ट सलाह दे रहे हैं कि सोशल मीडिया पर आने वाली पोस्ट, लिंक देखकर योग कतई ना करें, यह खतरनाक भी साबित हो सकता है।

कोरोना वायरस जिस प्रकार से इस समय फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहा है उसे देखते हुए इस समय लोगों में फेफड़ों को मजबूत करने के लिए होड़ सी मची हुई है। कोई गूगल पर सर्च कर रहा है, तो कोई सोशल मीडिया पर आने वाली पोस्ट व लिंक देखकर उनके अनुसार योग, कसरत कर रहा है। यह हमारे लिए खतरनाक भी हो सकता है। यह सही है कि इस समय अधिकतर लोग घर पर हैं या फिर घर पर रहकर काम कर रहे हैं और इसके लिए उन्हें अपने आपको फीट रखने के लिए योग, कसरत आदि करना भी जरूरी है। इसके लिए एक्सपर्ट कहते हैं कि इस समय योग आदि के लिए आप किसी शिविर में जा नहीं सकते, तो ऑन लाइन उनकी क्लास या शिविर ज्वाइन कर घर बैठे योग कर सकते हैं। 



कई योगा एक्सपर्ट ऑन लाइन योग की ट्रेनिंग दे रहे तो कई उन्हें अपनी योग लिंक भेजकर योग करने की सलाह दे रहे हैं। कोविड के बाद योग करने वालों की संख्य ामें तेजी से इजाफा हुआ है। कई योग इंस्टीट्यूट ऑनलाइन योग की क्लास ले रहे हैं। यह बेहतर स्वास्थ्य के लिए फायदे का सौदा है लेकिन सोशल मीडिया पर देखकर कोई भी लंग एक्सरसाइज एकदम फॉलो नहीं करना चाहिए। कई बार हमारा गलत चुनाव नुकसान भी पहुंचा सकता है। लंग्स की स्ट्रैंथ के हिसाब से ही प्राणायाम, योग और वर्क आउट करने की सलाह एक्सपर्ट दे रहे हैं।

इनका रखें विशेष ख्याल
एक्सपर्ट अनुराग कहते हैं कि अनुलोम विलोम लेफ्ट से शुरू किया है, तो उसे लेफ्ट पर ही खत्म करें। इसमें धीरे-धीरे सांस लेना और छोडऩा बेहतर होता है, एकदम तेजी से करने से नुकसान हो सकता है। योगिक श्वसन आसन में पेट बल लेटकर पेट फुलाएं, बीस से तीस मिनट तक ऐसा करें। उज्जेई प्राणायाम में म शब्द की हमिंग करें, भ्रामरी में नेजल साउंट निकालना बेहतर होता है।



योग एक दवा के समान लेकिन सतर्कता जरूरी
योग टीचर बलदेव शर्मा बताते हैं कि योग एक दवा के समान है जो हमारे अंगों के कार्य करने के तरीके को ठीक  कर तमाम बीमारियां से बचाने का काम करते हैं। इस महामारी में अधिक से अधिक छाती फुलाने वाली एक्सरसाइज करें, प्राणायाम पर विशेष ध्यान दें, इससे चेस्ट की फ्लैक्सिबिलिटी बढ़ती है।। रिलैक्सेशन के लिए श्वासन, मकरासन करना चाहए। वहीं तनाम व डिप्रेशन से बचने के लिए ओम चांटिंग व भ्रामरी प्राणायाम अवश्य करना चाहिए।

 योग एक्सपर्ट राधा यादव बताती हैं कि अनुलोम विलोम, भ्रामरी, योगिक श्वसन, उज्जई प्राणायाम, नाड़ीशोधन, नमस्कार मुद्रा में ब्रीदिंग इनहेल और एक्ज्हेल सभी कर सकते हैं। इससे हमारे ऑक्सीजन लेवल व लंज्स की कैपेसिटी में भी इजाफा होता है। स्ट्रेस लेवल कम होता है और रिकवरी बेहतर होती है।

कोविड पेसेंट इनका रखे ख्याल
बलदेव शर्मा बताते हैं कि कोविड पेसेंट ओवरबैकवर्ड बैंड वाले आसन व बैलेंस बनाने वाले आसन ना करें, इससे चेस्ट पर दबाव बनता है।  शीर्षासन वीरभद्रासन कतई ना करें, आसान अपपनी क्षमता को अनुसार करें। भृस्तका प्राणायाम में लंज्स थकने लगते हैं, सूर्य व चंद्र भेदना प्राणायाम में एनर्जी अधिक खर्च होती है इसलिए कोविड पसेंट इसे ना करें। साथ ही वजन उठाने वाली एक्सरसाइज भी कतई ना करें।

(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Shivam

Recommended News

Related News

static