सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में चिकित्सक, 13 से ओपीडी सेवाएं बंद करे सकते हैं डॉक्टर

punjabkesari.in Wednesday, Dec 08, 2021 - 10:18 AM (IST)

फरीदाबाद: हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन की मांगों को लेकर अब जिला समेत प्रदेश के चिकित्सक सरकार से आर-पार की लड़ाई लडऩे के मूड में हैं। एचसीएमएस ने मंगलवार को मांगें पूरी नहीं होने पर सरकार को आंदोलन कड़ा करने की चेतावनी दी है। एसोसिएशन महासचिव डिप्टी सीएमओ एवं डॉ. राजेश श्योकंद और अध्यक्ष डॉ. जसबीर सिंह पंवार ने बताया कि एसोसिएशन की मांगों पर पूर्व में हरियाणा सरकार द्वारा सैद्धांतिक रूप से सहमति दी गई थी। लेकिन अब सरकार का रवैया असंवेदनशील है और सरकार मुद्दों पर गंभीर नहीं दिख रही है। 

उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के डॉक्टरों (कोरोना योद्धाओं) को आंदोलन के रास्ते पर जाने को मजबूर कर रही है। इससे पहले 9 नवंबर को डॉक्टरों ने काला बैज पहना था और 12 नवंबर को पूरे हरियाणा राज्य में दो घंटे तक टोकन पेन डाउन रहा। 5 दिसम्बर को एचसीएमएस एसोसिएशन करनाल में जीबीएम आयोजित की गई थी। जिसमेें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि हमारे उपरोक्त मुद्दों का एक सप्ताह के भीतर समाधान नहीं किया गया तो राज्य के सभी डॉक्टर 13 दिसम्बर को ओपीडी सेवाएं बंद करेंगे और 14 दिसम्बर से हमारी मांग पूरी होने तक आपातकालीन और पोस्टमॉर्टम सहित सभी मेडिकल सेवाओं को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। एचसीएमएस के महासचिव डॉ. राजेश श्योकंद ने बताया कि प्रमुख मांगो में विशेषज्ञ की भारी कमी है। लगभग एक तिहाई विशेषज्ञ संवर्ग में अपेक्षित शक्ति के विरूद्ध कार्य कर रहे हैं। इस कमी के कारण विशेषज्ञ अतिभारित हैं और रोगियों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने में सक्षम नहीं हैं।


यह डॉक्टरों के साथ-साथ मरीजों के साथ भी अन्याय है। कई विशेषज्ञ ऐसी स्थितियों के कारण नौकरी छोड़ रहे हैं। 2000 की आवश्यकता के विरुद्ध केवल 667 विशेषज्ञ काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमारी दूसरी मांग है कि एसोसिएशन ने पीजी पॉलिसी में कुछ बदलाव का सुझाव दिया है। पहले पीजी करने के लिए इन-सर्विस उम्मीदवारों को 10 प्रतिशत, 20 प्रतिशत, 30 प्रतिशत प्रोत्साहन मिलता था। इससे पीजी कोर्स करने वाले इन-सर्विस डॉक्टरों की संख्या में वृद्धि होगी और विभाग को और विशेषज्ञ मिलेंगे। वहीं तीसरी मांग के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि डायरेक्ट एसएमओ की भर्ती के कारण एचसीएमएस कैडर में ठहराव है, 95 फीसदी कैडर में पूरी सेवा के दौरान केवल एक ही प्रमोशन एवेन्यू है। इसे 2017 में मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने मंजूरी दे दी थी, लेकिन नौकरशाही कुछ निहित स्वार्थों के लिए सीधे एसएमओ की भर्ती करने पर आमादा है।

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Content Writer

Isha

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