DSP हत्याकांड: विदेश में रह रहा बेटा अगले महीने देना चाहता था सपराइज, पर पहले ही सिर से उठ गया पिता का साया

punjabkesari.in Wednesday, Jul 20, 2022 - 01:11 PM (IST)

हिसार(विनोद):  नूंह में खनन माफिया के हाथों जान गंवाने वाले डीएसपी सुरेंद्र सिंह मूल रूप से हिसार जिले के आदमपुर विधानसभा क्षेत्र के गांव सारंगपुर के रहने वाले थे। वह आठ भाई हैं, जिसमें दो भाईयों की पहले मौत हो चुकी है। वर्ष 1993 में वह हरियाणा पुलिस में बतौर एएसआई भर्ती हुए थे। फरवरी में उनकी मां मन्नी देवी और मार्च में उनके पिता उग्रसेन की मौत हो गई थी। कुल 23 दिन के अंतराल में माता-पिता की मौत हो गई थी तब सुरेंद्र बिश्नोई अपने पैतृक गांव सारंगपुर आए थे।

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पिता को सरप्राइज देना चाहता था बेटा 
सुरेंद्र बिश्नोई के भाई अशोक ने बताया कि हादसे के बाद मंगलवार दोपहर उनके भतीजे सिद्धार्थ का फोन आया। उसने पूछा कि चाचा जी यह खबर सच है क्या। सिद्धार्थ ने उन्हें कहा कि उसने अगस्त में अपने पिता सुरेंद्र बिश्नोई को सरप्राइज देने के लिए टिकट बुक कराया था।

सुरेंद्र बिश्नोई के सबसे बड़े भाई अजीत की 2009 में मौत हो गई थी। दूसरे नंबर के भाई ओमप्रकाश गांव में ही खेतीबाड़ी का काम संभालते हैं। तीसरे भाई मक्खन राजकीय महाविद्यालय हिसार से रिटायर हो चुके हैं। चौथे भाई जगदीश हाईकोर्ट में एएजी के पद से रिटायर हुए थे, उनका देहांत हो चुका है। पांचवें नंबर पर सुरेंद्र बिश्नोई थे। छठे भाई सुभाष राजकीय स्कूल में प्रधानाचार्य हैं। सातवें भाई कृष्ण हिसार शहर में डेयरी चलाते हैं। आठवें सबसे छोटे भाई अशोक बिश्नोई सहकारी बैंक कुरुक्षेत्र में मैनेजर हैं। 

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1993 में हरियाणा पुलिस की थी ज्वाइन
सुरेंद्र बिश्नोई पहले पशुपालन विभाग में क्लस्टर सुपरवाइजर भर्ती हुए थे। यह पद वीएलडी के बराबर होता है। वर्ष 1993 में उन्होंने हरियाणा पुलिस के लिए आवेदन किया। एएसआई के पद पर उनका चयन हुआ। उनकी लंबे समय तक कुरुक्षेत्र तथा यमुनानगर में नौकरी रही है। सुरेंद्र बिश्नोई ने कुरुक्षेत्र में अपना मकान बनाया हुआ है। करीब 10 साल पहले 2012 में डीएसपी के पद पर पदोन्नत हुए थे।


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Content Writer

Isha

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