हरियाणा में कोयले की सप्लाई प्रोपर न मिलने से आने वाले दिनों में थर्मलों पर मंडरा रहा संकट

punjabkesari.in Thursday, Oct 07, 2021 - 04:36 PM (IST)

चंडीगढ़( चन्द्र शेखर धरणी): हरियाणा मैं चल रहे थर्मल प्लांटों के अंदर कोयले की कमी आने वाले दिनों में देखी जा सकती है। हरियाणा के अंदर कोयले की कमी आने से बिजली का बिजली संकट भी गहरा सकता है। हरियाणा में कोयले का स्टॉक समाप्त हो सकता है। हरियाणा बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी के दास का कहना है कि बारिश की वजह से कोयले की खानों में पानी भर जाता है। जिसके चलते दिक्कत रहती है। उन्होंने कहा कि इस बार बारिश ज्यादा समय तक हुई है इसलिए दिक्कत बढ़ गई है।

उन्होंने कहा कि वैसे तो हरियाणा के पास 20 दिन के कोयले का स्टॉक रहता है, लेकिन पिछले दो-तीन महीनों में 3 से 4 दिन का ही स्टॉक रहा है और अब स्टॉक  और कम हुआ है। उन्होंने कहा कि वह कोयले की आपूर्ति को लेकर विभिन्न स्तरों पर प्रयास कर रहे हैं। ज्यादातर 15 सितंबर तक कोयले की सप्लाई प्रॉपर नहीं हो पाती। लेकिन इस बार बारिश ज्यादा होने के कारण  रेल लाइनों और कोयले की खानों में पानी भरने से दिक्कत अवश्य आई है मगर हरियाणा के अंदर आने वाले दिनों में किसी प्रकार का कोई भी बिजली संकट आने की संभावना नहीं है।


हरियाणा के यमुनानगर, पानीपत व खेदड के थर्मल प्लांट कोयले पर आधारित हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार पानीपत में जहां मात्र 2 ,3 दिन का कोयला शेष है वही यमुनानगर,खेदड थर्मल प्लांट में भी मात्र 2,3 दिन का कोयला बकाया है। कोयले का स्टॉक न होने के चलते अधिकारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारी लगातार वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में हैं और वरिष्ठ अधिकारियों ने यह मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया है । पानीपत थर्मल प्लांट में जहां 250 मेगावाट के 2 यूनिट हैं, वहां प्रतिदिन दो रैक कोयले की खपत होती है।

खेदड थर्मल प्लांट में जहां 600 मेगावाट के 2 यूनिट है, लेकिन उनमें से एक काम कर रहा हैं वहां  अढ़ाई रैक प्रति दिन की कोयले की खपत है, यहां मात्र 2 दिन का कोयला बकाया है। इसी तरह यमुनानगर थर्मल प्लांट का एक यूनिट जो कि 300 मेगावाट का है मैं बिजली उत्पादन चल रहा है जबकि दूसरा 300 मेगावाट का यूनिट मरम्मत के लिए बंद है, यहां 2 दिन का कोयला शेष है । यहां डेढ़ रैक प्रति दिन की खपत होती है।अगर कोयला प्रतिदिन आता रहे तो थर्मल चलाने में कोई दिक्कत नहीं लेकिन एक भी दिन अगर कोयला नहीं आएगा तो थर्मल प्लांट को चलाना मुश्किल हो जाएगा। ऐसी स्थिति से बचने के लिए थर्मल के वरिष्ठ अधिकारी आजकल कोयला की खानों में वहां के अधिकारियों से मिल रहे हैं। 

बताया जा रहा है कि पूरे देश में कोयले की समस्या इसलिए पैदा हुई है क्योंकि बारिशें इस बार अधिक समय तक हुई। जिसके चलते कोयले की खानों में पानी भर गया और कोयला निकालने का काम रुक गया। वैसे हर साल 15 सितंबर तक बारिश का मौसम माना जाता है लेकिन पिछले 50 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ जब  मानसून की वापसी विलंब से हुई। अभी भी कोयले की खानों में यही स्थिति है, वहां पानी भरा हुआ है। जिसके चलते कोयले का निकालना बंद है। हरियाणा में यह दिक्कत आने की और वजह भी है। अगस्त में कोल इंडिया ने हरियाणा में कोयले की सप्लाई रोक दी थी। जिसके बाद अधिकारियों ने अनुरोध किया तो मात्र 18% कोयले की आपूर्ति हुई।

वैसे हरियाणा में कोयले का स्टॉक 20 दिन का रहता है। लेकिन वह स्टॉक अगस्त में कोयले की सप्लाई बंद कर दिए जाने से समाप्त हो गया। आने वाले समय में दुर्गा पूजा सहित अन्य त्योहार हैं, जिसके चलते कोयला आने में और दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। हरियाणा में प्रतिदिन  6 रैक कोयले की खपत है, लेकिन यहां एक भी रैक नहीं आ रहा। अगले कुछ दिनों में कोयला नहीं आता तो हरियाणा में बिजली उत्पादन ठप्प हो सकता है, जिसका खामियाजा प्रदेश के लोगों को भुगतना पड़ सकता है।

 


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Content Writer

Isha

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