Online Education के लिए शिक्षा विभाग का सिस्टम नाकाफी, स्कूलों के पास नहीं हैं स्पष्ट दिशा-निर्देश
punjabkesari.in Sunday, Apr 12, 2020 - 09:35 AM (IST)
फरीदाबाद (महावीर) : ऑनलाइन शिक्षा को लेकर प्रदेश के शिक्षा विभाग का सिस्टम अभी तैयार नहीं है। प्रदेश में लॉकडाऊन को क्षेत्रानुसार 18 से 20 दिन बीत चुके हैं। इसके बावजूद विद्यार्थियों के नए सत्र की शुरूआत नहीं हो पाई है। हालांकि अधिकतर स्कूलों में नया शिक्षा सत्र 1 अप्रैल से शुरु होता है लेकिन अनेक स्कूल इसे मार्च में ही शुरु कर देते हैं।
लॉकडाऊन के दौरान भी पूर्णत: बंद हैं और लॉकडाऊन बढऩे की प्रबल संभावनाएं जताई जा रही हैं। इसके साथ-साथ शिक्षा मंत्री ये साफ कर चुके हैं कि यदि लॉक डाउन खुलेगा तो भी स्कूल नहीं खोले जाएंगे। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि मई तक स्कूल बंद रह सकते हैं। एक लंबे अंतराल का विद्यार्थियों के शिक्षा सत्र पर प्रभाव न पड़े इसे लेकर हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर कई बार ऑनलाइन शिक्षा के दावे कर चुके हैं। जमीनी हकीकत के रूप में अभी तक हरियाणा बोर्ड के प्राइवेट स्कूलों व सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षा को लेकर कोई प्रगति नजर नहीं आई है।
इतना ही नहीं सीबीएसई के स्कूलों में भी अत्याधिक प्रयास के बावजूद ऑनलाइन शिक्षा कोई खास कारगर साबित नहीं हो रही है। सरकारी स्कूलों व हरियाणा बोर्ड से मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों में पढऩे वाले अधिकतर बच्चे स्लम क्षेत्र या कमजोर वर्ग के होते हैं। इनके पास स्मार्ट फोन अभाव है और जागरुकता की कमी के साथ-साथ परिजन भी पढ़े-लिखे नहीं होते। जिसके कारण ऑनलाइन शिक्षा का ऐसे विद्यार्थी लाभ ले पाएंगे, यह संभव नजर नहीं आ रहा है। इसके साथ-साथ सरकारी व हरियाणा बोर्ड के स्कूलों में पढऩे वाले अनेक बच्चे प्रवासी मजदूरों व प्रवासी लोगों के हैं जो लॉक डाउन के बाद विभिन्न तरीकों से अपने गांव व प्रदेश पहुंच चुके हैं।
कोरोना के ठीक होने के बाद भी लगभग एक माह तक ये लोग वापिस लौटेंगे, इसके आसार भी कम नजर आ रहे हैं। ऐसे में शिक्षा का पूरा ताना-बाना बिखरता नजर आ रहा है। प्रदेश के शिक्षा मंत्री व शिक्षा विभाग ने यदि तमाम पहलुओं पर गंभीरता से निर्णय नहीं लिए तो आगामी सत्र के शिक्षा परिणाम बेहद चिंताजनक हो सकते हैं।
विद्यार्थी नहीं ले रहे हैं रुचि
ऑनलाइन शिक्षा व ऐप के माध्यम से जहां हरियाणा शिक्षा विभाग अभी इसकी पुख्ता शुरुआत नहीं कर पाया है वहीं सीबीएसई बोर्ड के निजी स्कूलों ने इसकी शुरुआत कर दी है। लगभग 10 दिनों से सीबीएसई बोर्ड के स्कूल प्रदेश में विभिन्न तरीकों से विद्यार्थियों को शिक्षा देने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन अध्यापकों व स्कूल संचालकों का कहना है कि विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा को लेकर गंभीर नहीं है और उसमें रुचि नहीं ले रहे।
इसके साथ-साथ सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों के अध्यापकों का यह भी कहना है कि ये अपने स्तर पर व्हट्सअप व फेसबुक के माध्यम से विद्यार्थियों को नोट्स उपलब्ध करवा रहे हैं लेकिन अधिकतर बच्चे अध्यापकों के नोट्स पर काम कर रहे हैं और न ही उसकी रिपोर्ट दे रहे हैं। ऐसे में सीबीएसई स्कूल के अध्यापक भी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि आगामी सत्र परीक्षा परिणाम के लिहाज से निराशाजनक हो सकता है।