ऐलनाबाद सीट पर रही है देवीलाल परिवार की गूंज, ​​​​​​1991 के बाद कांग्रेस को नहीं मिली.यहां जीत

punjabkesari.in Saturday, Jan 30, 2021 - 10:29 AM (IST)

चंडीगढ़(संजय अरोड़ा): हरियाणा की सियासत में सिरसा जिला के गांव चौटाला की अपनी एक अलग और विरली पहचान रही है। इस गांव से ताल्लुक रखने वाले चौ. देवीलाल दो बार देश के उपप्रधानमंत्री रहे तो दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री भी रहे। चौ. ओमप्रकाश चौटाला पांच बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे तो इस गांव ने तीन दर्जन से अधिक सांसद व विधायक देश व प्रदेश को दिए। प्रदेश व देश में सियासी रूप से इस गांव का नाम तो चर्चा में आया ही मगर इसी के साथ साथ इस गांव से संबंध रखने वाले कई नेताओं के विभिन्न क्षेत्रों से चुनाव लडऩे की वजह से भी चौटाला गांव की सियासी रूप से अलग पहचान बनी। यूं तो स्वयं चौ. देवीलाल व उनके परिवार के अनेक सदस्य सिरसा जिला से बाहर जाकर हरियाणा ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों से भी विधानसभा व लोकसभा के चुनाव लड़े, मगर अब चौ. देवीलाल के पौत्र अभय ङ्क्षसह चौटाला द्वारा विधानसभा से इस्तीफा देने के कारण रिक्त हुई ऐलनाबाद सीट की यदि बात करें तो इस सीट से भी अब तक हुए चुनावों में 6 बार देवीलाल परिवार के सदस्यों ने ही जीत दर्ज की है और यदि चौटाला गांव की चर्चा करें तो इस गांव से संबंध रखने वाले 4 नेता 7 बार यहां से विधायक निर्वाचित हुए हैं।

देवीलाल परिवार ने ही ऐलनाबाद से खोला था खाता
गौरतलब है कि ऐलनाबाद विधानसभा सीट जो अभय ङ्क्षसह द्वारा इस्तीफा देने के बाद चर्चा में है, उस सीट पर भी इस गांव का एक खास सियासी वर्चस्व रहा है। अब तक यहां हुए कुल 15 विधानसभा चुनाव में से गांव चौटाला के रहने वाले चार राजनेता 7 बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। विशेष तथ्य यह है कि हरियाणा गठन के बाद 1967 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में चौटाला गांव के रहने वाले एवं चौ. देवीलाल मंझले बेटे प्रताप ङ्क्षसह यहां से विधायक बने। इसी तरह से साल 1970 के उपचुनाव में चौ. देवीलाल के बड़े बेटे ओमप्रकाश चौटाला विधायक बने। 1972 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बृजलाल गोदारा को जीत मिली। गोदारा भी गांव चौटाला के रहने वाले थे। इसी प्रकार से साल 2009 में ओमप्रकाश चौटाला ने इस क्षेत्र से दूसरी बार जीत दर्ज की। जबकि 2010 में हुए उपचुनाव में अभय ङ्क्षसह चौटाला विधायक चुने गए। अभय ङ्क्षसह चौटाला ने 2014 और 2019 का विधानसभा चुनाव जीतकर हैट्रिक लगाई तो गांव चौटाला ने जीत का चौका लगाया।

पिछले करीब 29 बरसों में ऐलनाबाद की सियासी जमीन कांग्रेस के लिए बंजर ही रही है। कांग्रेस ने आखिरी बार यहां से 1991 का विधानसभा चुनाव जीता था। 1991 में कांग्रेस के मनीराम केहरवाला को जीत मिली थी। इससे पहले साल 1967 में कांग्रेस की टिकट पर प्रताप चौटाला जबकि 1972 में कांग्रेस के बृजलाल गोदारा विधायक निर्वाचित हुए। 1991 के बाद 1996, 2000, 2005, 2009, 2010, 2014 और 2019 तक कांग्रेस यहां लगातार सात चुनाव हार चुकी है और यह सभी चुनाव लोकदल (इनैलो) के उम्मीदवारों ने जीते हैं।


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Isha

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