इस महीने हरियाणा को 70 लाख वैक्सीन की सप्लाई की उम्मीद है: राजीव अरोड़ा

punjabkesari.in Saturday, Sep 11, 2021 - 04:16 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा गृह एवं स्वास्थ्य विभाग के एसीएस राजीव अरोड़ा ने बताया कि अभी तक हमारे पास वैक्सीन की सप्लाई 25-30-40 लाख तक आ रही थी। इस महीने हमें 70 लाख वैक्सीन की सप्लाई की उम्मीद है। हम पूरी आबादी को कवर करना चाहते हैं। इसके लिए हमारे पास दो टारगेट हैं। हमारे पास 2021 की जनगणना के हिसाब से लगभग 2 करोड़ 85 लाख की आबादी है, जिसमें से एक करोड़ नब्बे लाख 18 साल से ऊपर उम्र की है और इनमें से एक करोड़ 25 लाख  को हम वैक्सीन लगा चुके हैं। हम सितंबर तक प्रदेश की पूरी आबादी को कवर करना चाहते हैं। अब हमारा ध्यान दूसरी डोज वाले लोगों की तरफ भी लगातार है। जो कि हमारा आंकड़ा लगभग अब 50-50 या 60-40 फ़ीसदी भी आ रहा है। हमें दूसरी डोज के लिए एजीबिल लोगों को जल्द कवर करना है।हमारे स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने यह आदेश पहले से जारी किए हुए हैं कि चाहे व्यक्ति कहीं का भी हो, चाहे थोड़े दिन के लिए यहां काम कर रहा हो, उसे वैक्सीन लगाई जाए। क्योंकि बिना वैक्सीनेशन वाला व्यक्ति भविष्य में प्रदेश के लिए बड़ी चिंता का कारण बन सकता है।

राजीव अरोड़ा ने बताया कि पिछले दो सीरो सर्वे में पिछले सीरो सर्वे के दौरान वैक्सीनेशन प्रदेश में शुरू नहीं हो पाई थी। उस दौरान एलिजा टेस्ट किया गया। इस सर्वे में स्पाइक प्रोटीन टेस्ट भी होगा। इस सर्वे की किट्स अलग हैं। मशीन भी अलग हैं। इसके सप्लायर्स बहुत कम हैं। शुरू में तो हमारे विभाग के टेक्निकल लोगों ने इसे करने को लेकर हाथ खड़े कर दिए थे और यह सर्वे मेडिकल कॉलेज पीजीआई से करवाने की बात कही थी। लेकिन हमारे गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने मोटिवेट किया और कहा कि पहले हमारे पास एक भी लैब मौजूद नहीं थी। जबकि आज हर जिले में लैब मौजूद हैं। हमारी टीम ने हर मौके पर बेहतर करके दिखाया है। यह सर्वे भी विभाग द्वारा होना चाहिए। इसके बाद विभाग ने तैयारियां की और प्रिपेयर हुए। शॉर्ट टर्म टेंडर लगवा कर नई किट्स खरीदी गई। इस सर्वे में वैक्सीनेशन का रिजल्ट भी आएगा। इसलिए यह तीसरा सीरो सर्वे पिछले सर्वो से अलग है।

राजीव अरोड़ा के अनुसार इसमें विशेष तौर पर उम्र की तीन कैटेगरी शामिल की जाएंगी। जिसमें 6 से 9 साल की उम्र के बच्चों के 3600 सैंपल, 10 से 17 साल की उम्र के 11,000 सैंपल तथा 18 से ऊपर की उम्र के 22000 सैंपल लिए जाएंगे। इस सर्वे में ग्रामीण अंचल और शहरी क्षेत्रों के सैंपल 60 40 के अनुपात से शामिल किए जाएंगे। इन सर्वेे रिपोर्ट के बाद विभाग द्वारा की गई वैक्सीनेशन और तीसरी लहर की घातकता की संभावनाओंं को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी।

राजीव अरोड़ा के अनुसार पहली बार के सीरो सर्वे में 8 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी पाई गई थी। दूसरी बार में 14.3 लोगों में एंटीबॉडी पाई गई। एंटीबॉडी दो प्रकार से बनती है। एक जिन्हें कोविड हुआ हो, दूसरा जिन्होंने वैक्सीनेशन ली हो उनमें बनती है। तीसरा सीरो सर्वे दोनों को मद्देनजर रखकर किया जाएगा। इससे हमें पता चलेगा कि फस्र्ट डोज लेने के बाद नेचुरल एंटीबॉडी किसकी बनी है और दूसरी डोज लेने के बाद किसकी बनी है। कोवीशील्ड और को-वैक्सीन लगवाने के बाद कितनी-कितनी एंटीबॉडी बनी, इसका भी पता चल जाएगा। हिंदुस्तान का पहला इतने बड़े सैंपल साइज वाला यह सीरो सर्वे है जिसमें 6 साल से अधिक उम्र के बच्चोंं को भी कवर किया जा रहा है। गांव-शहर दोनों के सैंपल लिए जाएंगे। मेडिकल स्टाफ के 2200 सदस्य इस सर्वे को करेंगे। इससे हमेंं पता चलेगा कि प्रदेश में कितने लोगों में कोरोना के प्रति प्रोटेक्शन पैदा हो चुकी है। उसके बाद हमें आगे की प्लानिंग करनी है। इस सर्वे से हम देखना चाहते हैं कि कहीं हम अंधेरे में तो लाठियां नहीं मार रहे। हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं या नहीं। इस सर्वे में हमें यह सब पता चल जाएगा।

राजीव अरोड़ा के अनुसार इस बार सीरो सर्वे में हमने इस बार 36500 सैंपल साइज लिया है। यह पर कैपिटा के हिसाब से दूसरे प्रदेशों से सबसे बड़ा सैंपल साइज है। हमारे स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज इस हफ्ते में सभी जिलों के सिविल सर्जन, उपायुक्तों से वीसी करके रिव्यू भी करेंगे। इस सर्वे रिपोर्ट के बाद तीसरी लहर की तैयारियां भी हमें करनी है। अभी हाल ही में तीसरी लहर की तैयारियों को लेकर गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूह, पलवल, रेवाड़ी में रिव्यू करके आए हैं और हम हर स्थिति के लिए तैयार हैं।

राजीव अरोड़ा के अनुसार- इस सर्वे में तीन कैटेगरी बनाई गई हैं। जिसमें 6 से 9 साल के लगभग 3600 सैंपल, 10 से 17 साल के लगभग 11000 सैंपल और 18 से ऊपर की उम्र के 22000 सैंपल लिए गए हैं। कुल लगभग 36500 सैंपल साइज रहेगा। ग्रामीण क्षेत्र से 60 और शहरी क्षेत्र से 40 फ़ीसदी सैंपल इकट्ठे किए जाने हैं।

सर्वे करने के लिए जब विभाग जाएगा तो वह पूछेगा कि आपको कोविड हुआ है या नहीं? आपने वैक्सीन लगवाई है या नहीं? लगवाई है तो एक डोज लगवाई है या दोनों? कौन सी वैक्सीन लगवाई है कोवाशिल्ड या को-वैक्सीन? इन बातों से हमारा सारा डाटा तैयार हो जाएगा। जिस व्यक्ति को कोरोना हुआ और चला गया, लेकिन उसे नहीं पता चला। उनमें तैयार एंटीबॉडीज से यही माना जाएगा कि उन्हें कोरोना हुआ था। वह नेचुरल बॉडीज में तैयार एंटीबॉडीज मानी जाएगी।

राजीव अरोड़ा ने कहा की स्वास्थ्य मंत्री के प्रयासों से प्रधानमंत्री केयर फंड द्वारा हमें मिले 42 पीएसए प्लांट में से 38 डिलीवर हो चुके हैं और 30 के करीब लग चुके हैं। इसी महीने सारे प्लांट ऑपरेशन कर दिए जाएंगे। ऑक्सीजन की कमी इस बार नहीं आएगी। हमने इसके लिए अपनी पूरी तैयारी कर ली है। इसके साथ हम ऑक्सीजन कंसंट्रेटर व अन्य साधनों का भी पर्याप्त इंतजाम किया है। हरियाणा में पहले की तरह ऑक्सीजन के प्रोडक्शन पर्याप्त मात्रा में चल रही है। साथ ही साथ सभी प्राइवेट अस्पतालों को उनकी जरूरत के हिसाब से प्लांट लगाए जाने के सख्त निर्देश दिए हैं। अगर कोई  निजी सेक्टर ऐसा नहीं करता तो उनका रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जाएगा।

मुख्य बात यह है कि पहले भी दूसरी लहर के दौरान अगर ऑक्सीजन सप्लाई हमें पानीपत-हिसार से लगातार होती रहती तो हमारे यहां पहले भी शॉर्टेज नहीं थी। कुछ समय बाद हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य होगा जो ऑक्सीजन के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन जाएगा। हमें ऑक्सीजन के लिए कहीं बाहर गाडिय़ां-जहाज नहीं उड़ाने पड़ेंगे। 5000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हमारे पास आज मौजूद हैं जो कि पहले 1000 से भी कम थे। आज पीएचसी-सीएचसी लेवल पर भी तैयारियां हैं। हमने डी-टाइप सिलेंडर भी इकट्ठे किए हैं, ताकि इन्हें भी जरूरत पडऩे पर भरकर रखा जा सके। यह एक बफर स्टॉक है। पहली और दूसरी लहर में हमने बहुत कुछ सीखा। उसी अनुभव का आज हम इस्तेमाल कर रहे हैं।

केंद्र सरकार के प्रोटोकॉल के अनुसार 18 साल से ऊपर की आबादी को ही वैक्सीनेशन लगाई जानी है। हमने केंद्र सरकार को बाकी आबादी के लिए भी प्रोटोकोल बनाने के लिए लिखा है। 18 साल से कम उम्र वालों को भी यह सुरक्षा कवच दिया जाना चाहिए। केंद्र सरकार का भी इस तरफ ध्यान है। 18 साल से ऊपर की उम्र के सभी लोगों को यह कवच देने के बाद अक्टूबर-नवंबर तक इस पॉलिसी के भी आने की उम्मीद है। स्टाफ कभी भी किसी भी प्रदेश में शत-प्रतिशत कभी भी नहीं होता। हमारा भी ओंन गोइंग प्रोसेस है। जहां हमारा रेगुलर स्टाफ उपलब्ध नहीं है वहां हम आउटसोर्सिंग पॉलिसी से कॉन्ट्रैक्ट पर स्टाफ को लेकर सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे हैं। साथ-साथ ट्रेनिंग भी रहती है। हमने विभाग में स्टाफ की कमी कभी नहीं आने दी।


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Content Writer

Shivam

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