शिक्षा मंत्री बोले- किसान आंदोलन के पीछे बाहरी शक्तियों का हाथ, टीवी चैनल पर हो बातचीत

punjabkesari.in Tuesday, Dec 29, 2020 - 04:51 PM (IST)

यमुनानगर(सुरेंद्र मेहता): हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने हरियाणा के  नगर निगमों में संपन्न हुए चुनावों में भाजपा प्रत्याशियों के जीतने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ताओं ने मिलकर चुनाव लड़ा, मुझे विश्वास है जीत बीजेपी की होगी। वहीं किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में संवाद होता है लेकिन आंदोलनकारियों के पास कहने को कुछ नहीं है, क्योंकि तीनों कानून किसानों के हित में है। 19 वर्ष से यह प्रॉसेस चल रहा था। कई कमेटियां गठित हुई, उसके बाद केंद्र सरकार ने प्रस्ताव पास किया। उन्होंने कहा कि किसान भी चाहते थे कि कोई ऐसा सिस्टम है जिससे वह अपना सामान अपनी मर्जी से बेज सकें। यह सिस्टम आया है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभी तक किसानों के 35 संगठन आंदोलन में शामिल है, लेकिन यह अपना एक नेता नहीं चुन सके जो सरकार से बातचीत कर सकें। सभी एक साथ बातचीत करने जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वास्तव में इन किसान नेताओं के पीछे कोई नहीं है। जबकि जिन्होंने कानून बनाया है उनके पीछे पब्लिक है। उन्हीं को कानून बनाने का अधिकार है। चरूनी और टिकैत को कितने वोट मिले जनता का कितना समर्थन मिला यह सभी को पता है। उन्होंने कहा कि किसान संगठन किसानों के खिलाफ काम कर रहे हैं। बार-बार यह लोग यही कहते हैं पहले तीनों बिल वापस लो। बिल वापस लेने के बाद बातचीत का क्या औचित्य रह जाएगा।

उन्होंने किसान संगठनों से कहा कि सरकार इसके लिए खुले मंच पर बातचीत के लिए तैयार है। और यह बातचीत टीवी चैनल पर  होनी चाहिए ताकि सभी को पता चल सके। जो जो शंकाएं किसानों द्वारा जाहिर की जाएंगी उनका सरकार जवाब देगी। अगर कोई समस्या रह जाती है तो उसे तुरंत दूर किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पहले से चल रही है। यमुनानगर की शुगर मिल पिछले 100 वर्ष से गन्ने की खरीद के लिए किसानों से काटेक्ट करती है। जिसका किसानों को भी लाभ मिलता है। उनकी गन्ने की खेती के अच्छे दाम मिलते हैं। उन्होंने कहा कि जिस अदानी का किसान विरोध कर रहे हैं उसी की बिजली भी इस्तेमाल कर रहे हैं, क्योंकि वह बिजली ढाई ,3 प्रति यूनिट मिलती है। उन्होंने कहा कि यह  पहला आंदोलन है जहां किसान चाइना या अन्य कंपनियों का नहीं बल्कि स्वदेशी कंपनियों का विरोध कर रहे हैं। वास्तव में बाहरी शक्तियां इस आंदोलन के पीछे नेतृत्व कर रही हैं ।उन्होंने कहा कि एमएसपी और मंडी समाप्त हो ही नहीं सकता  शिक्षा मंत्री ने कहा की कोरोना काल के दौरान टाटा सहित देश की कई कंपनियों ने अपने अस्पताल, होटल दिए ताकि कोरोना का मुकाबला किया जा सकेे।


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Isha

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