फर्जी कॉल सेंटर का किया भंडाफोड़, 16 लड़के व 4 लड़कियां गिरफ्तार

punjabkesari.in Sunday, Jun 27, 2021 - 09:32 AM (IST)

गुडग़ांव (ब्यूरो) : साइबर सिटी में फर्जी कॉल सेंटर का धंधा कम होने की बजाए आए दिन बढ़ रहा है। इस माह के चौथे फर्जी कॉल सेंटर साइबर क्राइम पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। शनिवार को साइबर क्राइम पुलिस  ने उद्योग विहार फेस-3 में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर पकड़ा है, जिसमें यह लोग विदेशी लोगों  से कानूनी दबाव(डीएसएसए) बनाकर करीब 100 से 800  डॉलर की ठगी कर रहे थे। पुलिस ने मौके पर कॉल सेंटर से फोन, लैपटॉप आदि जब्त कर लिए हैं। साथ में वहां काम करने वाले करीब 16 लडकें व 4 लडकियां को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

आपको बता दें कि शनिवार को साइबर क्राइम पुलिस टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि प्लॉट नंबर 427, उद्योग विहार, फेस-3 गुरूग्राम में पार्थ केशु निवासी व उसके पार्टनर और कर्मचारियों द्वारा बिना अनुमति के काल सेंटर चलवाया जा रहा है। जिनके द्वारा यूएसए के स्थानीय नागरिकों को डिपार्टमेंट ऑफ सोशल सिक्यूरिटी एडमिस्ट्रेटर के नाम पर झूठा कानूनी दबाव बनाकर डायलर द्वारा कॅाल करके उनसे करीबन 100-800 डालर के ट्रांजेक्शन करके धोखाधड़ी कर रहे है।

सूचना के आधार पर साइबर क्राइम पुलिस ने पुलिस आयुक्त डीएलएफ दी। जिसके बाद पुलिस ने रैडिंग पार्टी तैयार करके उपरोक्त पतें पर रेड की गई। जहां पर पाया कि काफी लड़के व लडकियां लैपटाप/कम्पयूटर पर कानों में ईयर फोन लगाकर डायलर के माध्यम से अग्रेंजी भाषा में लोगों से बातचीत करने लग रहे थें। कॉल सैन्टर में काम करने वालों ने पुलिस को बताया कि उनका मालिक पार्थ केशु है, जो दमन एंड द्विप का रहने वाला है। संचालक मौके पर पुलिस को नहीं मिला। कॉल सैन्टर में बने कैबिन में सहायक संचालक जिनल अलकेश आचार्य मिला। जिससे पुलिस ने कॉल सेंटर के  कागज व अनुमति दिखाने को कहा, लेकिन वह कोई भी कागज दिखाने में असमर्थ रहा।

पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि पिछले 6 माह से यह ऑफिस किराये पर लेकर वह और उसका पार्टनर पार्थ केसू, वैभय सुसानिया के साथ मिलकर चलाते हैं। पुछताछ में उन्होंने बताया कि उन्होनें काल सेंटर चलाने के लिए करीब 16 लड़के व 4 लड़कियां कस्टमर सर्विस के लिए नौकरी पर रखे हुए हैं। कॉल सैंटर के सह-संचालक व वहां पर काम करने वाले कर्मचारियों से गहनता से पूछताछ करने पर बतलाया कि कॅाल सेंटर मालिक यूएसए के नागरिकों का डाटा ऑनलाईन अलग-अलग वेबसाईट से खरीदकर अपने सर्वर पर डाटा अपलोड करके करीबन 4 से 5 हजार लोगों के पास रोजाना एसएमएस व मेल भेजते हैं उन्हें ब्लॉक होने का डर दिखाकर 100 से 800 डालरों की डिमांड करते हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

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Content Writer

Manisha rana

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