किसान आंदोलन : दिल्ली पुलिस और किसानों के बीच बनी परेड की सहमति

punjabkesari.in Monday, Jan 25, 2021 - 09:08 AM (IST)

सोनीपत : किसानों की ओर से गणतंत्र दिवस पर निकाली जाने वाली तिरंगा ट्रैक्टर परेड को लेकर रूट मैप तैयार हो गया है। किसानों ने आऊटर दिल्ली बाईपास पर परेड निकालने की अपनी जिद को पुलिस के आग्रह पर छोड़ दिया। अब 5 धरनों से अलग-अलग ट्रैक्टर परेड निकलेगी और वापस अपने ही स्थान पर आएगी। किसान नेताओं का दावा है कि दिल्ली में 550 किलोमीटर के करीब यह परेड रहेगी। इसके लिए जरूरी हिदायत और नियम भी जारी कर दिए गए हैं। कुंडली बार्डर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया कि पुलिस के साथ कई दौर की बैठक के बाद रूट तय कर दिया गया है। किसानों का प्रयास है कि किसी भी सूरत में परेड में कोई शरारत न हो ताकि सरकार को किसानों के इस आंदोलन को बदनाम करने का मौका मिले। परेड का समय सुबह 10 बजे का रखा गया है। इसके बाद जितनी देर तक सारे ट्रैक्टर वापस नहीं आते हैं, यह आयोजन चलेगा।

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यहां-यहां होकर निकलेगी परेड
किसान नेताओं ने बताया कि टिकरी बार्डर पर धरनारत किसानों की परेड वहां से शुरू होकर दिल्ली में नांगलोई से वाया नजफगढ़, ढांसा बार्डर, बादली के रास्ते के.एम.पी. से वापस टिकरी बार्डर पर आएगी। यह रूट करीब 110 किलोमीटर का रहेगा। इसमें से 90 किलोमीटर के करीब दिल्ली में परेड होगी। इसी तरह मेन सिंघु बार्डर से परेड शुरू होकर दिल्ली-करनाल बाईपास के पास से राइट टर्न करते हुए संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में प्रवेश करेगी। यहां से बवाना कस्बा, कंझावला, कुतुबगढ़ कस्बा होते हुए औचंदी बार्डर से हरियाणा के सैदपुर गांव में प्रवेश करेगी। इसके बाद पिपली टोल से के.एम.पी. पर आते हुए वापस सिंघु बार्डर पर पहुंचेगी। यह रूट भी 90 किलोमीटर लंबा रहेगा।

इसी तरह गाजीपुर उत्तर प्रदेश धरनास्थल से अप्सरा बार्डर दिल्ली, आनंद विहार बस अड्डे से गाजियाबाद होते हुए ढासना बार्डर से किसान के.जी.पी. के जरिए गाजीपुर वापसी करेंगे। यह रूट 70 किलोमीटर के करीब रहेगा। इसी तरह पलवल से किसान फरीदाबाद होते हुए बदरपुर बार्डर से दिल्ली में प्रवेश करेंगे और सरिता विहार के गोल चक्कर से एन.एच.-2 पर वापसी करते हुए पलवल जाएंगे। यह रूट 80 किलोमीटर के करीब का पड़ेगा। वहीं शाहजहांपुर बार्डर से परेड शुरू होकर के.एम.पी. के जरिए वापसी करेगी। 

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ये नियम और हिदायत होंगी मानना जरूरी
किसान नेताओं ने बताया कि यह परेड विश्व पटल पर किसानों का इतिहास रचने जा रही है। ऐसे में कानून व्यवस्था बनाए रखने की बड़ी जिम्मेदारी किसानों पर है। इसके लिए 5000 से अधिक वालंटियर लगाए गए हैं जो व्यवस्था को संभालेंगे और किसी तरह की गड़बड़ी को रोकने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि परेड में होने वाली जीत किसानों के आंदोलन का रुख तय करेगी। इसको ध्यान में रखते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने सर्वसम्मति से परेड के लिए ये हिदायतें बनाई हैं।

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इनमें मुख्य रूप से परेड में ट्रैक्टर और दूसरी गाडिय़ां चलेंगी लेकिन ट्रॉली नहीं जाएगी। जिन ट्रालियों में विशेष झांकी बनी होगी उन्हें ही छूट दी जा सकती है। पीछे से ट्रॉली की सुरक्षा का इंतजाम करके जाएं। किसान अपने साथ 24 घंटे का राशन-पानी पैक करके चलें और जाम में फंसने पर ठंड से बचाव का इंतजाम भी रखें। ट्रैक्टर या गाड़ी पर किसान संगठन के झंडे के साथ-साथ राष्ट्रीय झंडा भी लगाया जाए। किसान कोई हथियार न रखें और भड़काऊ नारेबाजी न करें। परेड की शुरूआत किसान नेताओं की गाड़ी से होगी, इनसे पहले कोई ट्रैक्टर या गाड़ी रवाना नहीं होगी। हरे रंग की जैकेट पहने ट्रैफिक वालंटियर की हर हिदायत को मानें। संयुक्त किसान मोर्चा का फैसला है कि अगर कोई गाड़ी सड़क पर बिना कारण रुकने या रास्ते में डेरा जमाने की कोशिश करती है तो वालंटियर हटाएंगे।
 


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Manisha rana

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