हठधर्मिता के कारण नहीं खत्म हो रहा किसान आंदोलन : नरेश बंसल

punjabkesari.in Thursday, Feb 18, 2021 - 11:22 AM (IST)

चंडीगड़ (चन्द्रशेखर धरणी) : उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद व भाजपा नेता नरेश बंसल ने कहा है कि किसान आंदोलन के खत्म न हो पाने का एक कारण हठधर्मिता भी है। इसे कुछ राजनीतिनिक दल व अन्य लोग भी अपने-अपने स्वार्थ के चलते हवा दे रहे हैं। लेकिन अब देश का किसान इस बात को समझ रहा है। वार्ता चल रही है, समाधान भी अवश्य निकलेगा।

बुधवार को वे जिले के उचाना कस्बे से कुछ ही दूरी पर स्थित धार्मिक स्थान बनभौरी माता पर परिवार सहित पूजा-अर्चना करने पहुंचे थे। बता दें कि संसद बंसल के परिवार का नाता जिले के गांव करसिन्धु से रहा है। वर्षों पहले उनका परिवार उत्तराखंड में स्थापित हो गया था। पारिवारिक मान्यता के चलते आज वे धार्मिक यात्रा पर परिवार सहित जींद पहुंचे थे। जींद के भाजपा विधायक डॉ कृष्ण मिड्डा के निवास स्थान पर पत्रकारों के सवालों के जवाब में राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल ने कहा कि किसान संगठनों की केंद्रीय सरकार के नेताओं के साथ कई दौर की वार्ता के बीच भी कोई यह बता नहीं पाया कि आखिर इन कानूनों में काला क्या है। भाजपा के केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि साल 2022 तक किसान की आय दोगुनी हो। यह प्रयास आज से ही नहीं बल्कि अटल जी की सरकार के समय से चल रहा है, जिसमें राजनाथ सिंह कृषि मंत्री थे। किसान को जमीन गिरवी न रखनी पड़े, इसलिए राजनाथ सिंह के समय में किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा उपलब्ध कराई गई। अब केंद्र सरकार ने स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार लागत का 50 प्रतिशत बेनिफिट देने का कार्य किया गया है।

नरेश बंसल ने कहा कि नए कृषि कानून थोपे नहीं गए हैं,बल्कि विकल्प के तौर पर दिए गए हैं। पुरानी मंडियां बंद नहीं होंगी। किसानों को विकल्प के तौर पर खुला बाजार दिया जा रहा है, ताकि वह अपनी फसल को मनमर्जी अनुसार बेच सके। लगातार बढ़ रहे पेट्रो पदार्थों की कीमतों पर उन्होंने कहा कि रेट अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर निर्भर हैं। राज्य सरकारों के वैट कर आदि भी होते हैं। राज्य सरकारें यदि चाहें तो अपने करों में कमी करके भी जनता की राहत दे सकती हैं। केंद्र सरकार प्रयासरत हैं कि सोलर एनर्जी सहित अन्य संसाधनों से नया इंफ्रास्ट्रक्चर बने ताकि पेट्रो पदार्थों की खपत कम हो सके।

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Content Writer

Manisha rana

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