किसान आंदोलन : कुंडली बॉर्डर पर फिर बढऩे लगी चहल-पहल, लंगर सेवा भी हुई व्यापक

punjabkesari.in Monday, Feb 01, 2021 - 09:39 AM (IST)

सोनीपत : गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा के बाद कमजोर पड़ता दिखाई दे रहा किसान आंदोलन एक बार फिर से मजबूत होना शुरू हो गया है। रविवार को भी कुंडली बॉर्डर पर धरना स्थल पर जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में पहुंचे किसानों से चहल-पहल बढ़ गई है। किसान अब पहले की अपेक्षा अधिक तैयारियों के साथ धरना स्थल पर पहुंच रहे हैं। किसानों की बढ़ती संख्या के कारण लंगर सेवा भी व्यापक स्तर पर शुरू कर दी गई है। किसानों ने कहा कि जब तक सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं लेती, किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।

1 करोड़ रुपए का झोटा बना आंदोलन में आकर्षण का केन्द्र, सैल्फी लेने की लगी होड़
रविवार को कुंडली बॉर्डर पर चल रहे धरने प्रदर्शन में एक करोड़ रुपए का झोटा लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना रहा। नांगल कलां निवासी जोगेन्द्र ने बताया कि कर्ण की कीमत 1 करोड़ रुपए है। इसकी मां के नीचे 25 किलो दूध है। जोगेन्द्र ने सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द तीनों कृषि कानूनों को रद्द किया जाए। वहीं दूसरी तरफ 1 करोड़ के झोटे को देखने के लिए बड़ी संख्या में युवा इक_ा रहे। युवाओं में सैल्फी लेने की होड़ लगी रही।

किसानों ने फिर से संवाद शुरू होने की उम्मीदों पर जताई खुशी
सरकार और किसानों के बीच बातचीत का दौर बंद हो चुका है परन्तु कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संवाद फिर से शुरू करने के दिए गए संकेतों से किसानों ने रविवार को खुशी व्यक्त की है। किसानों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भले ही काफी देर के बाद किसान आंदोलन को लेकर अपने विचार रखे हैं परन्तु उन्हें खुशी है कि प्रधानमंत्री तक किसानों के मन की बात पहुंच गई है। किसानों ने कहा कि मामले का हल बातचीत से ही निकलेगा। सरकार को जल्द से जल्द किसानों की मांगों को गम्भीरता से लेते हुए बातचीत फिर से शुरू करनी चाहिए तथा समस्या का हल निकालना चाहिए।

प्राइवेट बसों से मजदूरों का पलायन हुआ शुरू
कुंडली बॉर्डर पर किसान आंदोलन एक बार फिर से मजबूती से खड़ा हो रहा है परन्तु इससे प्रवासी मजदूरों की समस्या बढ़ गई है। रविवार को बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश व बिहार जैसे राज्यों से रोजगार की तलाश में कुंडली पहुंचे प्रवासी मजदूरों ने अब पलायन करना शुरू कर दिया है। प्रवासी मजदूर प्राइवेट बसों में सवार होकर वापस अपने घर लौट रहे हैं। बिहार से रोजगार की तलाश में कुंडली बॉर्डर पर पहुंचे मजदूर ने कहा कि कुंडली सहित आसपास के क्षेत्र में हजारों की संख्या में फैक्टरियां हैं। घर से कुंडली पहुंचे थे कि कुछ रोजगार मिल जाएगा और घर का खर्च चला पाएंगे परन्तु यहां आने के बाद पता चला कि लम्बे समय से फैक्टरियां बंद हैं जिस कारण अब उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है।
 


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Manisha rana

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