राख पर विवाद में किसान की मौत का मामला : खेदड़ मामले की जांच के लिए तीन सदस्य कमेटी का हुआ गठन

punjabkesari.in Saturday, Jul 09, 2022 - 02:40 PM (IST)

हिसार: जिले के खेदड़ पावर प्लांट की राख को लेकर 8 जुलाई को हुए हिंसक प्रदर्शन में एक किसान की मौत हो गई थी। घटना में तीन पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। इस मामले की जांच के लिए अब तीन सदस्यों वाली कमेटी का गठन किया गया है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने जानकारी देते हुए बताया कि जांच कमेटी में आईपीएस मोहम्मद अकील, हिसार की डीसी प्रियंका सोनी और जींद के एसपी नरेंद्र बिजरानियां शामिल होंगे। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले में किसानों के साथ बातचीत के लिए सरकार के दरवाजे खुले हुए हैं। किसानों को आगे बढ़कर बातचीत कर इस विवाद का समाधान करना चाहिए। उन्होंने कहा है कि पावर डिपार्टमेंट कह चुका है कि गौशाला का अनुदान बंद नहीं  किया जाएगा।

बैरिकेड्स तोडते वक्त ट्रैक्टर के नीचे आने से हुई थी किसान की मौत

गौर रहे कि प्रदर्शन कर रहे किसानों ने रेलवे ट्रैक पर बैठकर उसे जाम करने की कोशिश की। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए थे। यही नहीं किसानों को रोकने के लिए पुलिस द्वारा वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया और आंसू गैस के गोले भी दागे। इसके बाद किसान ट्रैक्टर पर सवार होकर बैरिकेड्स तोड़ने लग गए। इस दौरान खैदड निवासी किसान धर्मपाल ट्रैक्टर की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई। इसी के साथ तीन पुलिसकर्मी भी इस घटना में घायल हो गए हैं। एसकेएस नेता श्रद्धानंद ने बताया कि मृतक धर्मपाल के परिवार के पास एक एकड़ जमीन है। मृतक का एक बेटा और एक बेटी है। बेटा ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है और वह अपने पिता के साथ खेती ही करता है। बड़ी बेटी ब्याही हुई है।

ये था पूरा विवाद

खेदड़ पावर प्लांट में पिछले 85 दिनों से ग्रामीण और किसान धरना दे रहे हैं। ग्रामीणों की मांग है कि प्लांट की राख पहले की तरह मुफ्त दी जाए, जबकि प्लांट के अधिकारी इसमें असमर्थता जता रहे हैं। क्योंकि बिजली मंत्रालय ने राख को टेंडर के जरिए बेचने का प्रस्ताव पास दिया है। यह राख ईंट बनाने में प्रयोग होती है। प्लांट में करीब 67 करोड़ की राख है। ग्रामीणों का तर्क है कि जब पहले राख को कोई लेता नहीं था तो ग्रामीण इसका प्रयोग करते थे। इससे खेदड़ गौशाला को होने वाली आय बंद हो जाएगी और करीब 1 हजार गायों का पालन पोषण कर रही गौशाला बंद हो जाएगी। इसलिए ग्रामीण पहले की तरह राख फ्री में देने की मांग कर रहे हैं।

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Content Writer

Vivek Rai

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