नहीं देखा होगा ईमानदारी का ऐसा संघर्ष, हरियाणा सरकार को पैसे लौटाने के लिए 5 साल से भटक रहा किसान

punjabkesari.in Tuesday, Aug 24, 2021 - 07:47 PM (IST)

जींद (अनिल कुमार): ईमानदारी शब्द जिसे हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। स्कूल हो या फिर घर हर कहीं यही सिखाया जाता है कि कोई भी काम हो उसे ईमानदारी से करें। क्योंकि ईमानदारी से आप हर किसी का दिल जीत सकते हैं। ऐसे ही दिल जीता है हरियाणा के एक किसान ने, लेकिन अफसोस की बात है कि उन्हें इसके लिए भटकना पड़ रहा है। मामला हरियामा के जींद जिला का है। यहां पांच साल पहले सूरजमल नैन के खाते में तहसीलदार कार्यालय के खाते से तय मुआवजे से ज्यादा रकम जमा हो गई, जिसे लौटाने के लिए सूरजमल पांच साल से प्रयासरत हैं। 

खाते में आए थे अतिरिक्त 53 हजार
दरअसल, 2016 में जींद जिले के जुलाना कस्बे में खरेंटी गांव के किसान सूरजमल नैन के खाते में तहसीलदार कार्यालय के खाते से 53000 रुपए अतिरिक्त जमा हो गए थे। हरियाणा सरकार ने सफेद मक्खी और अन्य कारण से खराब हुई कपास की फसल के लिए 2015 में प्रति एकड़ 8,000 रुपए मुवावजा वितरण किया था, लेकिन किसान सूरजमल नैन और उनके भाई के खाते में 70,000 के करीब राशि जमा करा दी गई। किसान ने सवा दो एकड़ में कपास की फसल बोई थी, इसलिए मुआवजा 16000 रुपये के आस पास बनता था। 

किसान को जैसे ही पता लगा कि उसके खाते में अतिरिक्त राशि जमा हुई है। उसने तहसीलदार कार्यालय को स्पीड पोस्ट के माध्यम से पत्र लिखकर पैसे वापस लेने के लिए आग्रह किया, जब बात नहीं बनी तो उसने डीसी कार्यलय में सम्पर्क किया लेकिन फिर भी बात नहीं बनी। इसके बाद उसने सीएम विंडो में पैसा वापस लेने की शिकायत दर्ज कराई। इतने प्रयास के बाद भी सरकार ने पैसे नहीं लिए तो किसान ने चंडीगढ़ जाकर सीएम हाउस में एप्लीकेशन लगाई, लेकिन फिर भी समाधान नहीं हुआ। 

वह पिछले पांच साल से सरकार के पैसे वापस लौटाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। किसान सूरजमल का कहना है कि अगर किसी का गुम हुआ पर्स वापस कर दिया जाए तो उसका स्वागत किया जाता है, इनाम दिया जाता है लेकिन वो बड़ी रकम लौटाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.। उन्होंने कहा कि इस रवैये से सरकार के काम करने का तरीका पता चलता है। वह सरकार के रवैये से खफा हैं। 
 

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Content Writer

vinod kumar

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