किसानों ने ‘तीन कृषि कानूनों’ की प्रतियों का दहन कर मनाई होली
punjabkesari.in Monday, Mar 29, 2021 - 12:44 PM (IST)
सोनीपत (दीक्षित): कुंडली समेत दिल्ली के बार्डर पर 3 कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए धरनारत किसानों ने होली के पावन मौके पर होलिका दहन के साथ कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज करवाया और हुंकार भरी। किसानों ने साफ कर दिया है कि वे आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे, पीछे हटने का सवाल नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि वह जिद छोड़कर किसानों की बात सुने। इसके साथ मोर्चा ने 5 अप्रैल को देशभर में एफ.सी.आई. कार्यालय का घेराव करने का आह्वान किया जबकि 30 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक आहूत की गई है। इसमें अप्रैल के आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
कुंडली बॉर्डर पर होने वाली इस बैठक में कड़े फैसले और बड़े आंदोलन की घोषणा हो सकती है। इससे पहले शनिवार को पंजाब की किसान जत्थेबंदियों की बैठक हुई है। इसमें आंदोलन को आगे बढ़ाने पर तो जोर दिया ही गया है, साथ में दिल्ली की ओर बढऩे के लिए दबाव बनाने की बात भी रखी गई ताकि सरकार जिद छोड़कर किसानों के प्रति व्यवहार में बदलाव करे और बातचीत का दौर फिर शुरू हो। कुंडली बॉर्डर पर किसान नेता डा. दर्शनपाल ने अगुवाई की तो गाजीपुर में राकेश टिकैत ने कानून की प्रतियां जलाने के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। किसान नेताओं ने कहा कि कृषि कानून किसान व जनता विरोधी हैं।
डा. दर्शनपाल ने हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद आंदोलन विरोधी कानून पास करने को जनता के हितों पर चोट करार दिया है। उन्होंने कहा कि इस कानून का मकसद केवल आंदोलन और आंदोलन करने वालों को दबाना है। इससे प्रदेश के आमजन के अधिकारों का हनन किया गया है। हरियाणा लोक व्यवस्था में विघ्न के दौरान संपत्ति क्षति वसूली विधेयक-2021 के शीर्षक से पारित इस बिल में ऐसे खतरनाक प्रावधान हैं जो निश्चित रूप से लोकतंत्र के लिए घातक सिद्ध होंगे।
मोर्चा के नेताओं ने कहा कि पिछले कई सालों से एफ.सी.आई. के बजट में कटौती की जा रही है। हाल ही में एफ.सी.आई. ने फसलों की खरीद प्रणाली के नियम भी बदले। संयुक्त किसान मोर्चा की आम सभा में यह तय किया गया है कि आगामी 5 अप्रैल को पूरे देश में एफ.सी.आई. बचाओ दिवस मनाया जाएगा और इसके तहत देशभर में एफ.सी.आई. दफ्तरों का सुबह 11 से शाम 5 बजे तक घेराव किया जाएगा। इधर, जटवाड़ा में खाप ने बिलों की प्रतियां फूंकीं व सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
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