Farmers Protest : सरकार से गतिरोध के बीच किसान निराश, 9 को ले सकते हैं बड़ा फैसला

punjabkesari.in Thursday, Mar 04, 2021 - 08:33 AM (IST)

सोनीपत : किसान आंदोलन लंबा होने से संयुक्त मोर्चे पर सरकार से बातचीत का रास्ता खोलने के लिए दबाव बढऩा शुरू हो गया है क्योंकि किसानों को दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हुए 3 महीने से ज्यादा समय हो चुका है और सरकार से पिछले डेढ़ महीने से बातचीत नहीं होने से किसानों का धैर्य खत्म होने लगा है जिससे बॉर्डर पर भीड़ भी कम हो गई है और इसको देखते हुए ही अभी तक वहां मौजूद किसान किसी भी तरह से सरकार संग बातचीत का रास्ता खोलना चाहते हैं। इस तरह बढ़ते दबाव के बीच संयुक्त किसान मोर्चा को चुनाव वाले 5 राज्यों से बड़ी उम्मीद है कि वहां भाजपा व सहयोगी दलों का विरोध करने से बातचीत का रास्ता शायद खुल सके।

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किसानों व सरकार के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है तो एक बार गृहमंत्री अमित शाह के साथ भी बातचीत हुई थी। किसानों व सरकार के बीच बातचीत में हल नहीं निकला, लेकिन यह बातचीत का सिलसिला लगातार जारी रहा। किसानों व सरकार के बीच आखिरी बैठक 22 जनवरी को हुई थी और इस तरह एक महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद भी सरकार व किसानों के बीच कोई बैठक नहीं हुई है। किसान मोर्चा का यहां तक कहना है कि सरकार संग बातचीत के लिए चाहे आंदोलन को कड़ा करना पड़े तो ऐसा भी किया जा सकता है। 

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किसान अभी 6 मार्च को एक्सप्रैस-वे जाम करेंगे और उससे सरकार को ताकत दिखाएंगे। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने अभी 5 राज्यों में सरकार के विरोध का ऐलान किया है और इससे सरकार का रुख देखा जा रहा है कि सरकार आगे किस तरह का कदम उठाती है। सरकार का सकारात्मक रुख नहीं दिखता है तो 5 राज्यों में बड़ा अभियान छेड़ा जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य दर्शनपाल ने कहा कि किसान मोर्चा की 9 मार्च को दोबारा से बैठक हो सकती है जिसमें कई कड़े फैसले लिए जा सकते हैं। हालांकि अभी एक्सप्रैस-वे जाम करने पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है।

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Content Writer

Manisha rana

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