किसान, आढ़ती और मजदूर के वोट लेकर विधायक बने हैं, उन्हें दुख की घड़ी में साथ खड़ा होना चाहिए: अशोक

punjabkesari.in Tuesday, Sep 29, 2020 - 03:12 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी): कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने कहा है कि भजपा-जेजीपी का देखिए गठबंधन तो इनका है ही नहीं। आप चुनाव से जेजेपी नेताओ और बीजेपी नेताओं के भाषण सुन लीजिए। दोनों एक दूसरे को खूब कोसते थे।यह तो जनता ने फैसला बीजेपी के खिलाफ दिया और इनके 40 विधायक जितवाएं और 50 विधायक इनके खिलाफ जितवाये।इसलिए यह गठबंधन तो मौकापरस्तों का गठबंधन है।जिस दिन जिसका दाव लगेगा इनको छोड़ जाएंगे। अशोक अरोड़ा ने कहा कि दविंदर बबली की वीडियो मैंने भी सुनी है।जिस प्रकार से उन्होंने अपना दुख प्रकट किया। जिस प्रकार उन्होंने किसानों के बीच कहा कि उनकी कोई मानता नहीं।दुष्यंत के हाथ से बात निकल चुकी है।तो विरोध उनकी पार्टी में है। कांग्रेस का इससे कोई लेना देना नहीं है। 

प्रजातंत्र में राजनीति के दो पहलू होते है सत्ता पक्ष और विपक्ष।सत्ता पक्ष का काम है लोगो के हित मे कानून बनाना।अगर सत्ता पक्ष लोगों के विरोध में कोई कानून बनाती है तो विपक्ष का काम है लोगों के साथ खड़ा होना जिस प्रकार से तीन कृषि विधेयक केंद्र सरकार की और से पास किये गए। किसान,व्यापारी और मजदूर इसका लगातार विरोध कर रहे है, क्योंकि हरियाणा और पँजाब दो ऐसे राज्य है जहां का मंडी सिस्टम बहुत बढ़िया है।देश के अंदर एमसपी पर कहीं खरीद होती है तो हरियाणा व पंजाब में होती है। लेकिन जिस प्रकार से इन अध्यादेशों को किसान के विरोध के बावजूद पास किया गया है।इसलिए कांग्रेस विपक्ष की अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए हमने किसानों का साथ दिया।पीपली में किसानों पर लाठीचार्ज हुआ जबकि मुख्यमंत्री और ग्रह मंत्री कहते है कि लाठीचार्ज हुआ ही नहीं।हम स्वयं वहां थे, वहां एक बार नहीं बल्कि तीन-तीन बार लाठीचार्ज हुआ।वहां भी हम किसानों के साथ जाकर बैठे जबकि हम किसानों के साथ है।प्रस्तुत है अशोक अरोड़ा से हुई एक्सक्लुसिव बातचीत के प्रमुख अंश---

प्रश्न- केंद्र के कृषि बिलों को लेकर कांग्रेस विरोध कर रही है,जबकि बीजेपी का दावा है कि यह सभी विधेयक किसानों के हित मे है
उत्तर- 
अशोक अरोड़ा ने कहा कि पूर्व विधायक जो भजपा से जुड़े हैं के इलावा भजपा के कई विद्यायक भी तीन कानूनों से नाराज हैं  ।जेजेपी है यां बीजेपी , किसान ,आढ़ती और मजदूर की वोट लेकर विधायक बने है,आज उन्हें दुख की घड़ी में उनके साथ खड़ा होना चाहिए।

प्रश्न- डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और इनसो अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला भी कहते है कि लाठीचार्ज हुआ।जबकि मुख्यमंत्री, ग्रह मंत्री व शिक्षा मंत्री लाठीचार्ज की बात से इनकार करते हुए इसे सेल्फ डिफेंस कह रहे है?
उत्तर-
यह किस प्रकार से घमंड से भरे लोग है कि जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री से  इस मामले की जांच के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हो गई है इसकी जांच। जबकि इस प्रकार जांच नही हुआ करती।खाली जेजेपी वाले नहीं,जिस दिन लाठीचार्ज हुआ बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि मुझे इसपर दुख है।जबकि कुरुक्षेत्र से इनके सिटिंग एमएलए ने भी इस घटना पर खेद जताया था।जबकि मुख्यमंत्री और ग्रह मंत्री कहते है कि लाठीचार्ज तो हुआ नही।

प्रश्न- क्योंकि हरियाणा में गठबंधन की सरकार है इसमें बीजेपी और जेजेपी के साथ निर्दलीय भी हैं। मौजूदा सरकार में शराब तस्करी ,धान घौटाले सहित कई घौटाले हुए ।आप कितने सहमत है इन चीजों से?
उत्तर-
यह महज आरोप नही,लगातार घौटाले होते जा रहे हैं और घोटालों की जांच करने की जगह जांच को उलझाया जाता है।अगर धान घौटाले की सही जांच होती तो चावल घोटाला नहीं होता।धान घोटाले में फिजिकल वरीफिकेशन के नाम पर लीपापोती कर शैलर मलिकों से पैसे खाये गए।तभी चावल घौटाला हुआ।उसके बाद रजिस्ट्री घौटाला और फिर शराब घौटाला। शराब का घौटाला होने के बाद उसकी जांच विजिलेंस को तो दे दी। परंतु एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई।मुख्यमंत्री को चाहिए कि सारी जांच के दायरे खत्म कर दें।क्योंकि मुख्यमंत्री तो खुद कहते है कि मैंने जांच कर ली और जांच हो गई। इस प्रकार से सभी घौटालों को दबाने का काम यह सरकार कर रही है।

प्रश्न- आपको सरकार के गठबंधन के दोनों दलों में कहीं न कहीं कोई मतभेद नजर नही आते?
उत्तर- 
देखिए गठबंधन तो इनका है ही नहीं।आप चुनाव से जेजेपी नेताओ और बीजेपी नेताओं के भाषण सुन लीजिए।दोनों एक दूसरे को खूब कोसते थे।यह तो जनता ने फैसला बीजेपी के खिलाफ दिया और इनके 40 विधायक जितवाएंऔर 50 विधायक इनके खिलाफ जितवाये।इसलिए यह गठबंधन तो मौकापरस्तों का गठबंधन है।जिस दिन जिसका दाव लगेगा इनको छोड़ जाएंगे।

प्रश्न- यह भी बात निकल कर आई कि इनके एक विधायक दविंदर बबली ने जेजेपी के 10में से 8 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया।कहीं न कहीं नेतृत्व परिवर्तन की बात भी निकलकर आ रही थी।ऐसी चर्चाएं थी कि इसके पीछे कांग्रेस इस तोड़फोड़ में लगी है?
उत्तर- 
दविंदर बबली की वीडियो मैंने भी सुनी है।जिस प्रकार से उन्होंने अपना दुख प्रकट किया।जिस प्रकार उन्होंने किसानों के बीच कहा कि उनकी कोई मानता नहीं।दुष्यंत के हाथ से बात निकल चुकी है।तो विरोध उनकी पार्टी में है।कांग्रेस का इससे कोई लेना देना नहीं है।

प्रश्न- कृषि बिलो को लेकर आढ़ती भी आंदोलित हो रहे है ओर मुख्यमंत्री से भी मिल रहे है।आढ़तियों को इसमे क्या दिक्कत आ रही है?
उत्तर-  
 बेसिकली सरकार एमएसपी से भागना चाहती है।एमएसपी नही देना चाहती ।आज भी बिहार और उत्तर प्रदेश से गेहूं ,चावल जीरी हमारी करनाल ,घरौंडा और इंद्री की मंडी में आकर बिकती है।वहां पर यह सस्ता है क्योंकि वहां मंडी सिस्टम नहीं है।अगर मंडी सिस्टम और एमसपी खत्म हो गई तो  आढ़तिये ही नही रहेंगे । हमारे यहां पर आढ़ती और किसान का एक बहुत लंबा रिश्ता है।कभी भी जरूरत के समय किसान आढ़ती के पास चला जाये तो आढ़ती उसकी मदद करते हैं।किसानों को सरकार ने ऑफर दी कि आओ डायरेक्ट कितनी पेमेंट लेना चाहते है तो एक प्रतिशत किसानों ने भी फार्म नही भरे।उन्होंने पहले वाले सिस्टम पर ही संतुष्टि जताई। इस प्रकार किसानों का आढ़ती से मजबूत रिश्ता है। बीजेपी यह कह रही है कि एमएसपी खत्म नही होगी।मैं यह कहता हूं कि यहां पर मंडी बोर्ड है।मंडी बोर्ड के कर्मचारी व अधिकारी होते है।फ़ूड सप्लाई के अधिकारी भी होते है।उसके बावजूद भी नमी पर 200-200रुपये प्रति क्विंटल का कट लग जाता है।लेकिन जब मंडिया ही नही रहेंगी तो जिस प्रकार से उत्तरप्रदेश में सस्ते दामो पर फसल बिक रही है यहां भी वैसे बिकेगी।

प्रश्न- हरियाणा सरकार का एक वर्ष पूरे होने जा रहा है।कोरोना काल मे सरकार ने जिस तरह के कार्य किये या अन्य विकास कार्य सरकार लोगो तक पहुंचाएगी।आप इस एक वर्ष को किस तरह से देखते है?
उत्तर-
इस एक साल में लगातार घौटाले हुए है।जितने महीने की सरकार है उतने ही घौटाले हुए है।और तो और कोरोना में भी घौटाले किये है।मुख्यमंत्री का एक बयान है कि हरियाणा में आरएसएस और बीजेपी ने लोगो की काफी मदद की।जबकि सच्चाई यह है कि हरियाणा के जो धार्मिक और सामाजिक संगठन है इन्होंने जो सेवा की उसकी मिसाल नही मिल सकती।आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार इन्होंने एक मरीज के ऊपर 26हजार से ऊपर का खर्च बताया है।जबकि सच्चाई यह है कि मरीज को गर्म पानी और पैरासिटामोल देने के अलावा इन्होंने कुछ नहीं किया।  302 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में एकत्रित हुए जबकि इन्होंने मात्र 104 करोड़ रुपये खर्च किये।वो पैसा भी इन्होंने बचा के रखा हुआ है।

प्रश्न- आने वाले दिनों में कांग्रेस किन मुद्दों को लेकर जनता में सक्रिय रहेगी?
उत्तर-
आज कांग्रेस किसानों के साथ है जबकि इसके साथ आज सबसे बड़ा मुद्दा रोजगार है।आज बेरोजगारी बड़ रही है।जिस प्रकार से केंद्र की सरकार ने श्रम संशोधन बिल पास किया है मुझे लगता है इससे बेरोजगारी और बढ़ेगी। पहले तो कर्मियों की छंटनी से पहले कंपनियों को कई प्रकार की अड़चने होती थी।अब इन्होंने कह दिया कि 300कर्मियों से कम स्टाफ वाली कम्पनी बंद कर सकती है।आज सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी की है।हम बेरोजगारी के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे,आज किसान की लड़ाई हम सड़को पर लड़ रहे है,आज कर्मचारी आंदोलन कर रहे है। इससे पहले सरकारों के आखिरी वर्ष में तो आंदोलन हुआ करते थे लेकिन पहले साल में इतने आंदोलन नही सुने।

 

प्रश्न- आप इनेलो में भी रहे है।इनेलो के कई लोग बीजेपी में भी गए है।जिनकी कृषि बिलो को लेकर पंचकूला में बैठक भी हुई।उन्हें लेकर क्या आपके पास कोई जानकारी है?
उत्तर-
विधायक हो यां पूर्व विधायक हो ,वे जनता के नुमाईन्दे है।आज जिस प्रकार से पिछले दिनों कुछ पूर्व विधायकों जो भजपा से हैं की मीटिंग हुई है कि काफी पूर्व व मौजूदा विधायक जो लोगो से जुड़े है।अगर वे किसान के साथ अत्याचार पर चुप बैठेंगे तो कौन उन्हें बर्दाश्त करेगा।आज किसानों के साथ पूरा प्रदेश खड़ा है।इसलिए वे भी जनता के नुमाईन्दे है उनको भी खड़ा होना चाहिए।मैं तो यह कहूंगा कि आज सरकार में जो लोग बैठे है।वो चाहे जेजेपी है यां बीजेपी है।वो किसान ,आढ़ती और मजदूर की वोट लेकर विधायक बने है।आज उन्हें दुख की घड़ी में उनके साथ खड़ा होना चाहिए।

 

 


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Isha

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